माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ के कातिलों ने 'एनसीआर न्यूज पोर्टल' की माइक आईडी का इस्तेमाल किया था।

उक्त न्यूज पोर्टल के लिए तीन दिन पहले ही कुछ रिपोर्टर प्रयागराज से भी भर्ती हुए थे। उन्होंने घटना के बाद मौके पर 'एनसीआर न्यूज पोर्टल' की माइक आईडी पड़ी देखा तो उनके होश उड़ गए।
 

माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ के कातिलों ने 'एनसीआर न्यूज पोर्टल' की माइक आईडी का इस्तेमाल किया था।


डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रयागराज, 21 अप्रैल।

उक्त न्यूज पोर्टल के लिए तीन दिन पहले ही कुछ रिपोर्टर प्रयागराज से भी भर्ती हुए थे। उन्होंने घटना के बाद मौके पर 'एनसीआर न्यूज पोर्टल' की माइक आईडी पड़ी देखा तो उनके होश उड़ गए।

अतीक-अशरफ की 13 अप्रैल को रिमांड से पहले एनसीआर न्यूज पोर्टल संचालकों ने शहर के कई छुटभैया पोर्टलों से जुड़े युवकों से संपर्क भी किया था। फोन करने-कराने वालों में दिल्ली की एक महिला और लखनऊ में तैनात सिपाही शामिल है। पुलिस जल्द ही इनसे पूछताछ कर सकती है।

24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में साजिश की बाबत पूछताछ के लिए माफिया अतीक को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और अशरफ को बरेली जेल से लाने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें 12 अप्रैल को रवाना हुई थीं। 13 अप्रैल को कोर्ट में पेशी हुई और रिमांड मंजूर हो गई। 


इसके पहले ही एनसीआर न्यूज पोर्टल ने 11 अप्रैल को प्रयागराज के कई ऐसे युवकों से संपर्क किया, जो छोटे पोर्टल में काम कर रहे हैं। पैसा कम मिलने के कारण एक साथ कई पोर्टल में काम करके अपना खर्चा निकालने के लिए आतुर रहते हैं। 

इनमें से एक युवक को लखनऊ में तैनात एक सिपाही ने फोन किया था और एनसीआर न्यूज पोर्टल से जुड़ने के लिए कहा था। उसे एक महिला का फोन नंबर भी दिया, जो दिल्ली निवासी बताई जाती है

एनसीआर न्यूज पोर्टल से जुड़ी महिला और सिपाही से बात के बाद युवकों से कुछ आपराधिक घटनाओं और कार्यक्रमों के वीडियो भी ट्रायल के बतौर मंगाए गए। 

एक युवक ने 12 अप्रैल को एक कार्यक्रम की कवरेज करके उसका वीडियो महिला को भेजा, लेकिन यह चलाया नहीं गया। पूछने पर महिला ने कहा कि पहले माइक आईडी पकड़ने, एक निश्चित दूरी बनाकर सवाल पूछने और कैमरा चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेक्योरिटी मनी के बतौर कुछ पैसा भी जमा करना होगा। इसके बाद ही उनकी वीडियो पोर्टल पर चलाई जाएगी। इसका लिंक भी दिया जाएगा।

इस बीच, 15 अप्रैल की रात 10:37 बजे काॅल्विन अस्पताल के गेट पर एनसीआर न्यूज की माइक आईडी के साथ शूटर लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य विदेशी पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर अतीक और अशरफ को मौत की नींद सुला दिए, तब ऑफर पाने वाले युवक भी वहां कुछ देर बाद पहुंच गए। जब उन्होंने एनसीआर न्यूज की माइक आईडी पड़ी देखी तो उनके होश उड़ गए।

हत्याकांड से चार दिन पहले जो महिला न्यूज पोर्टल से जुड़ने के लिए युवकों से लगातार संपर्क कर रही थी, उसके फोन अब नहीं उठ रहे। बृहस्पतिवार की शाम पोर्टल के भर्ती आवेदन पत्र पर दिए गए दोनों मोबाइल नंबर पर कई बार फोन किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं की गई।

माफिया अतीक-अशरफ के कॉल्विन हॉस्पिटल के अंदर दाखिल होते वक्त पांच चैनलों के प्रतिनिधि कैमरे लेकर खड़े बताए जाते हैं। सभी लोकप्रिय चैनलों से जुड़े हैं। हत्याकांड के थोड़ा पहले ही 'एनसीआर न्यूज' की आईडी और कैमरा लेकर तीनों शूटर भी अस्पताल गेट के पास निश्चित दूरी बनाकर खड़े हो गए। 

इस बीच, असली मीडियाकर्मियों ने अतीक-अशरफ से असद के जनाजे में शामिल न होने की वजहों पर सवाल शुरू कर दिए।

हत्याकांड के वायरल वीडियो में एक व्यक्ति अपने पीछे खड़े किसी परिचित से कहते सुनाई देता है कि तुम आईडी मत लगाना। तुमको फीड दे दिया जाएगा।

कुछ सेकेंड बाद ही तीनों शूटर अतीक-अशरफ पर गोलियों की बौछार शुरू कर देते हैं। 

अतीक और अशरफ के जमीन पर गिरते ही टूटी-फूटी हिंदी में एक युवक उस घटना की कवरेज करते सुना जा रहा है। वह इस वीडियो में कहते सुना जा रहा है कि अतीक-अशरफ को गोली लग गई है और दोनों की मौके पर हालत नाजुक बनी हुई है।