UPSSSC परीक्षा में 10-10 लाख रुपये के उठे थे ठेके, ऐसे फैला था सॉल्वर गैंग का जाल

जिन परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक मिलान नही हो पा रहे थे उन अभ्यर्थियों की सूचना एसटीएफ मुख्यालय को दी जा रही थी। ब्रज में करीब 20 अभ्यर्थी था आगरा में तीन थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई थी। अलीगढ़ में भी छापेमारी हुई सीतामढ़ी निवासी सरगना दीपू अलीगढ़ में पकड़ा गया। मक्खनपुर फिरोजाबाद निवासी विजय को आगरा में एसटीएफ ने पकड़ा।
 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 29 जून:- यूपी में आयोजित यूपीएसएसएससी परीक्षा में सॉल्वर गैंग का जाल फैल रखा था जिसमे सीतामढ़ी, बिहार के दीपू ने ब्रज में सॉल्वर मुहैया करवाने के लिए ठेके दिए थे। 10-10 लाख रुपए में उसने अभ्यर्थियों की बुकिंग की थी। बुकिंग अधिक होने पर उसने फिरोजाबाद के विजय को पांच लाख रुपए सॉल्वर के हिसाब से ठेका दिया था। कमिश्नरेट ने बुधवार को हरि पर्वत, नाई की मंडी और लोहामंडी थाना क्षेत्र से सात लोगो को गिरफ्तार करके उनको जेल भेजा गया।

यूपीएसएसएससी ने आयोजित की थी परीक्षा- आपको बता दे कि यूपीएसएसएससी द्वारा प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी तथा समाज कल्याण पर्यवेक्षक की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में सेंध लगाने के लिए सॉल्वर गैंग सक्रिय होगा इसके लिए पहले से ही अंदेशा लगाया जाएगा। यूपी एसटीएफ के साथ पुलिस को भी सक्रिय किया गया था। जिन परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक मिलान नही हो पा रहे थे उन अभ्यर्थियों की सूचना एसटीएफ मुख्यालय को दी जा रही थी। ब्रज में करीब 20 अभ्यर्थी था आगरा में तीन थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई थी। अलीगढ़ में भी छापेमारी हुई सीतामढ़ी निवासी सरगना दीपू अलीगढ़ में पकड़ा गया। मक्खनपुर फिरोजाबाद निवासी विजय को आगरा में एसटीएफ ने पकड़ा। इन दोनों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह दोनों आपस मे जुड़े है। दीपू ने 10-10 लाख रुपए में परीक्षा में सॉल्वर बैठाने के ठेके लिए थे, लेकिन उसपर काम ज्यादा आ गया था और सॉल्वर कम थे इसलिए उसने फिरोजाबाद के विजय को पाँच-पाँच लाख रुपए के हिसाब से ठेका दे दिया था।

गिरोह ने पूछताछ में बताया- पूछताछ में गिरोह ने बताया कि कोई भी सॉल्वर यैसे ही नही बैठ जाता है उसके लिए बहुत दिमाग लगाना पड़ता है। अभ्यर्थी और सॉल्वर की फ़ोटो मिक्सिंग की जाती है। उसे प्रवेश पत्र पर लगाया जाता है, फिर अभ्यर्थी का एक फर्जी आधार कार्ड बनाया जाता है फिर उसपे वह मिक्सिंग फ़ोटो लगाई जाती है। यह लोग परीक्षा केंद्र पर तब अभ्यर्थियों का प्रवेश करवाते है जब केंद्र पर भीड़ होती है। इनकी यही कोशिश होती है कि जल्दबाजी में बॉयोमैट्रिक हो जिससे यह पकड़ में न आए। यह लोग एक ही आईडी पर होटल में कमरे लिए रहते है इनके आधार कार्ड भी फर्जी रहते है जिससे किसी को शक न हो।