दुधवा नेशनल पार्क में विगत दिनों चार बाघ के शव मिलने पर मुख्यमंत्री सख्त। एक वन दरोगा, एक डिप्टी रेंजर व एक रेंज अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी।

दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत के मामले में वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय जांच टीम मौके की पड़ताल कर शनिवार की देर शाम लखनऊ पहुंच गई। 
 

दुधवा नेशनल पार्क में विगत दिनों चार बाघ के शव मिलने पर मुख्यमंत्री सख्त। एक वन दरोगा, एक डिप्टी रेंजर व एक रेंज अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 11 जून।

दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत के मामले में वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय जांच टीम मौके की पड़ताल कर शनिवार की देर शाम लखनऊ पहुंच गई। 

वन मंत्री ने देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी। जांच टीम को यहां पैट्रोलिंग में लापरवाही मिली है। 

इस मामले में एक वन दरोगा, एक डिप्टी रेंजर व एक रेंज अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी हो गई है। दुधवा में पैट्रोलिंग को और बेहतर करने का निर्णय लिया गया है।

दुधवा टाइगर रिजर्व में पिछले 50 दिनों चार बाघों के शव मिलने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन मंत्री की अध्यक्षता में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे की जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी थी। 

टीम शुक्रवार रात ही दुधवा नेशनल पार्क पहुंच गई और इसने शनिवार को अलग-अलग हिस्सों की जांच की। उन स्थानों को भी देखा, जहां बाघों के शव मिले थे।

सूत्रों के अनुसार, जांच टीम को दुधवा में हुई बाघों की मौत के पीछे कोई साजिश नहीं मिली है। लेकिन यहां पेट्रोलिंग व निगरानी के स्तर पर कमी जरूर नजर आई है। 

इस कारण बाघों के घायल होने या मौत की सूचना तुरंत नहीं मिल पाई। खासकर मैलानी रेंज में बाघ की मौत के मामले में यह सामने आया है। रिपोर्ट में अब इस सिस्टम को और बेहतर करने की बात कही गई है। 

लापरवाही के मामले में वन दरोगा, डिप्टी रेंजर व रेंज अफसर पर कार्रवाई करने की तैयारी है। 

जांच टीम का मानना है कि यदि पैट्रोलिंग ठीक होती तो समय पर बाघों की मौत की जानकारी मिल जाती। 

वन मंत्री जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की जांच टीम भी सोमवार को दुधवा नेशनल पार्क पहुंचेगी। अवकाश प्राप्त आईएफएस अधिकारी शैलेश प्रसाद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम जांच करेगी। 

प्राधिकरण ने बाघों की माैत का कारण जानने के लिए यह टीम गठित की है। 15 दिनों में जांच टीम अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपेगी।

वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने जांच से पहले ही शुक्रवार को अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी थी। 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार रात 10 बजकर 10 मिनट पर दुधवा पहुंचे वन मंत्री ने रात साढ़े दस बजे प्रेस वार्ता कर जांच से पहले ही वन अधिकारियों की लापरवाही की बात खारिज करते हुए बाघों की मौत को आपसी संघर्ष का परिणाम बता दिया था। 

अब इस मामले में छोटे अधिकारियों व कर्मचारियों को दण्डित करने की तैयारी है।