उत्तरप्रदेश सरकार ने नेपाल से सटे जिलों के मदरसों की जांच शुरू कराया।

सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के शीर्ष अधिकारियों को इसमें लगाया है, जो गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति और उनके आय के स्रोतों का पता लगाएंगे।
 

उत्तरप्रदेश सरकार ने नेपाल से सटे जिलों के मदरसों की जांच शुरू कराया।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 14 जून।

सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के शीर्ष अधिकारियों को इसमें लगाया है, जो गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति और उनके आय के स्रोतों का पता लगाएंगे। 

जांच के लिए चार अधिकारियों की दो अलग-अलग टीमें बनाई गईं हैं जो नौ जिलों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।

सरकार ने पिछले वर्ष मदरसों का सर्वे कराया था। इसमें करीब साढ़े आठ हजार मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले थे। सर्वे में नेपाल से लगी उत्तर प्रदेश की सीमा में बड़ी संख्या में मदरसे मिले थे। 

इन मदरसों की आय का स्रोत जकात (दान) बताया गया था। कुछ मदरसों को विदेश से भी पैसा मिल रहा है। इसी के बाद योगी सरकार ने इन मदरसों की आय के स्रोतों का पता लगाने का निर्णय लिया था।

जांच टीम में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह, विभाग की निदेशक जे रीभा, संयुक्त निदेशक आरपी सिंह व मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह शामिल हैं। 

जांच टीम 13 जुलाई तक महाराजगंज, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, पीलीभीत, बहराइच, श्रावस्ती व लखीमपुर खीरी के साथ ही मऊ व आजमगढ़ जिलों का भ्रमण कर वहां विभागीय योजनाओं के साथ ही गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को देखेंगी।

इनमें पहली टीम अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे रीभा व संयुक्त निदेशक आरपी सिंह महराजगंज में पहले भी जांच कर चुके हैं। 

विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह व मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह की टीम 14 और 15 जून को बलरामपुर जाएगी। 

ये दोनों अधिकारी 19 व 20 जून को सिद्धार्थनगर, 26 व 27 जून को मऊ, तीन व चार जुलाई को बहराइच, 10 व 11 जुलाई को श्रावस्ती का दौरा करेंगे। 

निदेशक की टीम 20 व 21 जून को पीलीभीत, पांच व छह जुलाई को आजमगढ़ एवं 12 व 13 जुलाई को लखीमपुर खीरी जाएगी।