आजमगढ़ के 'मृतक' ने आत्मरक्षा के लिए मांगा एके-47 का लाइसेंस, बताया जानमाल का खतरा

लाल बिहारी मृतक इतने ही फेमस हैं कि उनके लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान अमेरिका से एक टीम उनपर डाक्यूमेंट्री बनाने भी आई और उनकी बायोपिक बनाकर गई

 

आजमगढ़। अक्सर ये सुना जाता है कि लोग दस्तावेज में मृत हैं और खुद को जिंदा करने में लगे हुए हैं। ऐसे में उनेह सरकारी कार्यालयों के साथ ही साथ कई हथकंडे अपनाने पड़ते हैं। ऐसे ही हैं आजमगढ़ के रहने वाले लाल बिहारी मृतक, जिन्हे खुद को जिंदा करने के लिए 18 साल का समय लगा। अब वो ऐसे लोगों की लड़ाई लड़ते हैं जो खुद को जिंदा कराने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। ऐसे में उन्हें भी अब जानमाल का खतरा सताने लगा है। आजमगढ़ की निजाबाद तहसील के खलीलाबाद गांव में जन्मे और अमिलो में रहने वाले लाल बिहार मृतक ने अपनी सुरक्षा के लिए प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को लेटर लिख कर एके-47 राइफल का लाइसेंस मांगा है। यह विषय अब पूरे जनपद ही नहीं आजमगढ़ से लखनऊ तक चर्चा का विषय बना हुआ है।

*18 साल रहे दस्तावेजों में मृत*
आजमगढ़ के रहने वाले लाल बिहारी मृतक के अनुसार उनका जन्म 6 मई 1955 को हुआ था लेकिन पिता की मौत के बाद ग्राम प्रधान और राजस्वा अधिकारीयों ने मिलीभगत कर उन्हें दस्तावेजों में मृत घोषित कर सारी जमीन हड़पा ली और मेरे चचा के ना कर ली। उसके बाद जब होश संभाला तो लाल बिहारी ने खुद को जिंदा करने की कवायद शुरू की। कई सारे चुनाव लड़े। लोकसभा-विधानसभा के चुनाव में भाग्य आजमाया। इसके अलावा मृतक संघ का निर्माण कर ऐसे लोगों की लड़ाइयां लड़नी शुरू कर दी। 18 साल बाद 30 जून 1994 में उन्हें दस्तावेजों में जीवित करने की कवायद पूरी हुई और डीएम ने उन्हें सरकारी अभिलेखों में जिंदा घोषित कर दिया।

*चुनाव के दौरान अमेरिका से आई टीम, बनाई गई फिल्म*
लाल बिहारी मृतक इतने ही फेमस हैं कि उनके लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान अमेरिका से एक टीम उनपर डाक्यूमेंट्री बनाने भी आई और उनकी बायोपिक बनाकर गई। इसके बाद बॉलीवुड की नजर भी उनपर पड़ी और मशहूर फिल्म कागज उनपर केंद्रित कर बनाईगई। लाल बिहारी तभी से दस्तावेजों में मृत लोगों की लड़ाई लड़ रहे हैं और अब तक कई को जिन्दा करवा चुके हैं।

*मांगा एके-47 राइफल का लाइसेंस*
'मृतक' ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखते हुए अवगत कराया है कि सरकारी दस्तावेजों में गलर तरके से मृत लोगों, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ संघर्ष के चलते जान माल को खतरा बताया है। ऐसे में अपनी सुरक्षाके लिए लाल बिहारी मृतक ने एके-47 लाइसेंस मांगा है।