सीओ जियाउलहक प्रकरण की जांच करने कुंडा के बलीपुर पहुंची सीबीआई

शीर्ष अदालत के आदेश के बाद कुंडा सीओ हत्याकांड की जांच करने पहुंची सीबीआई टीम
 

प्रतापगढ़। कुंडा के बाहूबली राजा भैया एक तरफ पत्नी की तरफ से दर्ज किए गए केस में घिर गए हैं तो दूसरी तरफ जिया उल हक की हत्या में उनकी भूमिका की जांच फिर से शुरू हो गई है। प्रतापगढ़ में हथिगवां के बलीपुर में दो मार्च 2013 को तत्कालीन सीओ कुंडा जिया-उल-हक की हत्या हुई थी। दस साल छह माह बाद फिर सीबीआई बुधवार को घटनास्थल पर पहुंच गई। आला अधिकारियों से मिलने के बाद सीबीआई थाने पहुंची, फिर गांव जाकर घटनास्थल देखा और लोगों से जानकारी ली।
इससे पहले सीबीआई ने राजा भैया की भूमिका नहीं मानते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसे अदालत ने नहीं माना था। हाईकोर्ट ने अदालत के फैसले को रोक दिया था। सीओ की पत्नी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं तो हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लग गई। इसके बाद सीबीआई को फिर से राजा भैया की भूमिका की जांच शुरू करने का निर्देश दे दिया।

गौरतलब है कि बलीपुर चौराहे पर ग्राम प्रधान नन्हे यादव के बाद उनके भाई सुरेश यादव की भी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद देर रात मौके पर पहुंचे तत्कालीन सीओ जिया-उल-हक को भी मार डाला गया था। सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने कुंडा विधायक और तत्कालीन सपा सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह सहित अन्य को आरोपित बताया। लेकिन सीबीआई ने अपनी जांच में राजा भैया सहित उनके अन्य करीबियों को बेदाग बताते हुए केस में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। परवीन की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने सीबीआई को फिर से जांच का आदेश दिया था। इस पर सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम बुधवार दोपहर हथिगवां पहुंची। थाने पर जानकारी देने के बाद सीबीआई के लोगों ने बलीपुर जाकर घटना स्थल देखा। सूत्रों के अनुसार बलीपुर के लोगों से भी हत्याकांड की जानकारी ली। नन्हे यादव के परिजनों ने सीबीआई के आने की जानकारी से इनकार किया। गांव के लोग भी कुछ बोलने से बचते रहे।