28 जुलाई को प्रातः 10 बजे से तुलसी सदन में "गुरु वंदन समारोह" का आयोजन।

इस अवसर पर 'सामाजिक एवं संवैधानिक जागरूकता समिति' और 'अवनि' (ट्रस्ट) द्वारा राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर संगोष्ठी, एवं स्वामी करपात्री जी महराज की स्मृति में "शिक्षक गौरव सम्मान"  का भी आयोजन किया गया है| 
 

28 जुलाई को प्रातः 10 बजे से तुलसी सदन में "गुरु वंदन समारोह" का आयोजन।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय 
राज्य संवाददाता 
ग्लोबल भारत न्यूज 

प्रतापगढ़, 26 जुलाई।

इस अवसर पर 'सामाजिक एवं संवैधानिक जागरूकता समिति' और 'अवनि' (ट्रस्ट) द्वारा राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर संगोष्ठी, एवं स्वामी करपात्री जी महराज की स्मृति में "शिक्षक गौरव सम्मान"  का भी आयोजन किया गया है| 

इस क्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में कार्यक्रम के आयोजक नई दिल्ली बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का बड़ा महत्व होता है| 

शिक्षक जीवन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं | प्राचीन काल से ही जब भारतवर्ष के अंदर गुरुकुल परंपरा हुआ करती थी गुरुओं का बड़ा ही सम्मान हुआ करता था| 

उन्होंने कहा कि समाज का कोई भी कार्य हो गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण होती थी| बड़े से बड़े राजा महाराजा गुरुओं के दिशा निर्देश में अपने राज्य का संचालन किया करते थे| भगवान श्री राम के जीवन में गुरु वशिष्ट, गुरु विश्वामित्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी |

भगवान श्री कृष्ण के जीवन में गुरु  संदीपन के महत्व से हम सब से परिचित हैं| ऐसे ही चाणक्य, द्रोणाचार्य के कुशल दिशा निर्देशन में महापुरुषों का सृजन हुआ| संत रविदास, महर्षि वेदव्यास, महर्षि वाल्मीकि  आदि आदर्श  हैं| शिक्षक समाज का निर्माता होता है|  

धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज ने अपने जीवन काल में धर्म की स्थापना के लिए अद्भुत प्रयास किया| उनके दिए उद्घोष धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो प्रत्येक मांगलिक कार्य में गूंजते हैं|

गुरुओं का हमारे जीवन में बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है| इस बात को दृष्टिगत रखते हुए गुरु वंदन समारोह और  शिक्षक गौरव सम्मान का आयोजन किया गया है|   गुरु की कृपा, उनके आशीष से  ही जीवन में उत्कर्ष  हो सकता है |गुरु की भूमिका समाज में सदैव प्रासंगिक रही है | 

प्राचीन काल से वर्तमान समय तक शिक्षा की व्यवस्था शिक्षा की पद्धति में चाहे जो परिवर्तन हुए किंतु गुरु की भूमिका स्थाई रही है| वह सदैव समाज निर्माण और व्यक्ति निर्माण का कार्य निरंतर करता रहा है| गुरु के दिशा निर्देश निर्मित  समाज जीवन के विविध क्षेत्र में कार्य करते हुए राष्ट्र की प्रगति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं| 

कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर सौरभ पांडेय ने बताया कि  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च न्यायालय प्रयागराज के माननीय न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता के साथ ही अपर महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश  कुलदीप पति त्रिपाठी, जिलाधिकारी संजीव रंजन, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश सुरेंद्र कुमार तिवारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ के विभाग प्रचारक प्रवेश, उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत यादव, उच्चतम न्यायालय में  उत्तर प्रदेश सरकार के स्थाई अधिवक्ता अंकुर प्रकाश, और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य शिव प्रकाश सेनानी की उपस्थिति रहेगी| 

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सोनेलाल पटेल चिकित्सा महाविद्यालय प्रतापगढ़ के प्राचार्य डॉक्टर सलिल श्रीवास्तव करेंगे |  

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल ने कहा कि कार्यक्रम में लगभग 1000 शिक्षक सम्मिलित होंगे| 

प्रेस वार्ता में प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश पांडेय, जिला मंत्री विनय सिंह, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश मंत्री सुरेंद्र प्रसाद पांडेय, विनोद कुमार द्विवेदी, शिशिर खरे, संजय तिवारी, राकेश मिश्रा, रमेश पटेल, अजीत सरोज आदि उपस्थित रहे|