प्राथमिक स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती में खाली रह गए लगभग 5000 पदों के लिए काउंसिलिंग इसी माह।

कोरोना महामारी के कारण इन पदों पर भर्ती के लिए काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी। कोरोना कर्फ्यू से छूट मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग सहायक अध्यापकों के इन रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारी कर रहा है।
प्राथमिक स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती में खाली रह गए लगभग 5000 पदों के लिए काउंसिलिंग इसी माह।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 2 जून।

उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती में खाली रह गए लगभग 5000 पदों पर चयन के लिए इसी माह काउंसलिंग कराई जाएगी।

कोरोना महामारी के कारण इन पदों पर भर्ती के लिए काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कोरोना कर्फ्यू से छूट मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग सहायक अध्यापकों के इन रिक्त पदों पर भर्ती की तैयारी कर रहा है।

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी और महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि इन रिक्त पदों पर भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा विभाग नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) से सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहा है।

उन्होंने कहा कि अब जल्द ही काउंसिलिंग की तारीखें घोषित की जाएंगी। काउंसिलिंग इसी माह कराने की योजना है।

उल्लेखनीय है कि 69,000 शिक्षक भर्ती के इन रिक्त पदों को भरने के लिए अप्रैल माह में ही काउंसिलिंग कराने की योजना थी, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से ऐसा हो नहीं सका।

बताया जा रहा है कि इन रिक्त पदों को 69,000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए भरा जाएगा। इनमें से 1133 पद अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हैं, जिन्हें उपयुक्त अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के कारण नहीं भरा जा सका है। इन पदों को अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से ही भरा जाएगा।

पंचायत चुनाव और फिर कोरोना संक्रमण के कारण काउंसिलिंग पर अभी तक फैसला नहीं लिया जा सका था। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।

69 हजार शिक्षक भर्ती के बचे हुए इन 5000 पदों पर भर्ती के लिए वेटिंग सूची से अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया जाएगा। इसी माह इसका आदेश जारी हो सकता है। आदेश के बाद भर्ती के लिए आवेदन पत्र लिए जाएंगे और काउंसिलिंग होगी।

इस भर्ती के लिए मार्च के पहले हफ्ते में ही घोषणा की गई थी लेकिन जब तक काउंसिलिंग के लिए आदेश होता तब तक कोरोना संक्रमण तेज हो गया। अभ्यथिर्यों ने ऑनलाइन काउंसिलिंग की मांग की थी लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने इस मांग को नहीं माना।

यह भी निर्णय लिया गया है कि काउंसिलिंग ऑफलाइन ही होगी और जहां पर ज्यादा रिक्तियां होंगी, वहां पर दो से तीन चरणों में काउंसिलिंग होगी। एक वक्त पर पांच से ज्यादा अभ्यर्थी नहीं बुलाए जाएंगे।