लखनऊ के अमीनाबाद में करोड़ों रुपए की नकदी दवाओं के साथ एक आदमी को गिरफ्तार किया गया।

आरोपी ने बताया कि कोरोना कॉल में एंटीबायोटिक दवाओं की मांग बढ़ गई थी, जिसको देखते हुए नकली एंटीबायोटिक दवाएं खड़िया और नमक की मदद से बनाई जाती हैं। कम रेट होने के चलते लोग इसको आसानी से ले लेते थे।
 
लखनऊ के अमीनाबाद में करोड़ों रुपए की नकदी दवाओं के साथ एक आदमी को गिरफ्तार किया गया।

डाo शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 23 जून।

लखनऊ के अमीनाबाद में करोड़ों रुपए की नकदी दवाओं के साथ एक आदमी को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी ने बताया कि कोरोना कॉल में एंटीबायोटिक दवाओं की मांग बढ़ गई थी, और बढ़ती मांग को देखते हुए नकली एंटीबायोटिक दवाएं खड़िया और नमक की मदद से बनाई जाती हैं। कम रेट होने के चलते लोग आसानी से ले लेते थे।

उसने कहा कि नकली दवाओं की पैकिंग हूबहू असली दवा जैसी थी। पैकिंग से लेकर डिब्बे में लोगों को अंतर ढूंढना मुश्किल हो जाता था। कम रेट होने के चलते लोग आसानी से ले लेते थे। हालांकि दवा में खड़िया और साल्ट होने के चलते वह हानिकारक नही होता है।

इसके पहले कानपुर में गिरफ्तार आसिफ और पिंटू के माध्यम से लखनऊ के सचिन द्वारा संचालित नकली दवा के गोदाम की जानकारी मिली, जिसमें नकली एंटीबायोटिक दवाएं खड़िया और नमक की मदद से बनाई जाती हैं।

अमीनाबाद के मॉडल हाउस स्थित दो गोदामों में करोड़ों रुपये की नकली दवा जमा की गई थी। रोडवेज बस के जरिए नकली दवाओं की खेप एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाई जाती थी।कानपुर में दो लोगों के गिरफ्तार होने के बाद लखनऊ में बने गोदाम का पता चला।

देर रात कानपुर क्राइम ब्रांच ने अमीनाबाद पुलिस की मदद से छापा मार कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

इसके पहले कानपुर के गोविंदनगर स्थित दबौली टेम्पो स्टैंड के पास से जगईपुरवा निवासी पिंटू गुप्ता और बेकनगंज निवासी आसिफ मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था।

आरोपियों से पूछताछ में लखनऊ मॉडल हाउस निवासी सचिन के बारे में जानकारी मिली थी। सचिन को तलाशते हुए एक टीम अमीनाबाद कोतवाली आई थी।

इंस्पेक्टर आलोक राय से सम्पर्क करने के बाद मॉडल हाउस स्थित संदिग्ध गोदाम पर छापा मार गया। जहां से बड़ी मात्रा में नाइट्रावेट और एंटीबॉयटिक जिफी टैबलेट बरामद हुई।

सचिन ने पुलिस को बताया कि रोडवेज बस के जरिए सीतापुर, रायबरेली और हरदोई तक दवाओं की सप्लाई की जाती है। गोदाम में मिली नाइट्रावेट का इस्तेमाल नशे के तौर पर भी किया जाता है। इसके साथ ही गाेदाम से कई इंजेक्शन, कास्मेटिक क्रीम व अन्य दवाएं बरामद हुईं हैं। क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी सचिन को लेकर कानपुर चली गई।

पुलिस का कहना है कि सरगना अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में नशीली दवाइयां, इंजेक्शन और कई कास्मेटिक क्रीम बरामद करने का दावा किया है। आरोपी ने बताया कि वह पांच साल से इस कारोबार में है। नकली एंटीबायोटिक दवाएं खड़िया और नमक की मदद से बनाई जाती हैं। देहरादून, मुजफ्फरनगर, हिमाचल के बद्दी में ऑर्डर देकर नकली दवाएं मंगाई जाती हैं।

कानपुर की क्राइम ब्रांच और गोविंदनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने दबौली टेंपो स्टैंड के पास छापा मारकर प्रतिबंधित व नकली दवाओं की सप्लाई करने वाले जगईपुरवा निवासी पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज निवासी आसिफ मोहम्मद खां उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने उनके पास से 17770 नाइट्रावेट और 48 हजार नकली एंटीबायोटिक टैबलेट जिफी बरामद की थी। इस मामले के तार लखनऊ से जुड़ने पर कानपुर पुलिस ने अमीनाबाद प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार राय से संपर्क किया। इसके बाद कानपुर क्राइम ब्रांच, गोविंदनगर पुलिस टीम सोमवार शाम लखनऊ पहुंची।

लखनऊ में प्रभारी निरीक्षक अमीनाबाद आलोक कुमार राय के साथ मिलकर आरोपियों की निशानदेही पर मॉडल हाउस में छापा मारा गया पुलिस ने सचिन को सोमवार रात में ही पकड़ लिया और कानपुर लेकर वापस चली गई। इस गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

सचिन ने पुलिस को बताया था कि लखनऊ के साथ ही सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई समेत अन्य जनपदों में दवाओं की आपूर्ति करता है। छापा के दौरान गोदाम से बड़ी मात्रा में नशीली, नकली दवाएं, इंजेक्शन, कास्मेटिक क्रीम समेत कई अन्य सामग्री बरामद हुई हैं। जिसे पुलिस ने कब्जे में लिया है।

बरामद दवाओं की कीमत करीब दो करोड़ रुपये बताई जा रही है। प्रभारी निरीक्षक अमीनाबाद आलोक राय के मुताबिक लखनऊ के कई ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

आरोपी ने बताया कि कोरोना कॉल में सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं की मांग बढ़ गई थी। मांग को देखते हुए हूबहू जिफी की नकली दवाएं तैयार किया था जो हूबहू असली दवा जैसे थे। पैकिंग से लेकर डिब्बे में लोगों को अंतर ढूंढना मुश्किल हो जाता था। कम रेट होने के चलते लोग आसानी से ले लेते थे। हालांकि दवा में खड़िया और साल्ट होने के चलते वह हानिकारक नही होता है।