आखिर किस वजह से पिता ने अपनी ही बेटी को दो गोलियां मारकर उतारा था मौत के घाट

आयुषी 17 नवंबर को ही लापता हो गई थी, इसकी कहीं भी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई थी। वहीं, हत्या के बाद पिता भी घर से कहीं चला गया था, पोस्टमार्टम गृह पर राया पुलिस के साथ पहुंची मां और भाई ने चेहरा ढक रखा था। पोस्टमार्टम हाउस में पुलिस ने फ्रीजर को खोला तो लाश देखते ही मां और भाई बिलख पड़े, जोर-जोर से बिलखते हुए मां और बेटे एक दूसरे के गले लग गए। आयुषी का पिता नीतेश मूल रूप से गोरखपुर जिले के गांव सुनारी का रहने वाला है।
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

क्राइम, 22 नवंबर:- उत्तर प्रदेश के मथुरा में लाल बैग में युवती का शव मिलने से हड़कंप मच गया था, अब इस मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया कि युवती के पिता ने ही गोली मारकर हत्या की थी, इस हत्याकांड में उसकी मां भी शामिल थी। फिलहाल पुलिस ने मां बृजबाला और पिता नीतेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बता दें कि मृतक युवती के भाई आयुष ने बहन की शिनाख्त की थी, वहीं माता-पिता ने शिनाख्त करने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने इस ब्लाइंड केस को सुलझाने के लिए 20 हजार से अधिक मोबाइल फोन को ट्रेस किया और 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, इसके लिए 15 टीमों का गठन किया गया था। आपको बता दे कि मथुरा जिले के राया कोतवाली इलाके में यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर 18 नवंबर को अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ था। शव की शिनाख्त 21 साल की आयुषी यादव पुत्री नीतेश यादव के रूप हुई थी, जांच के दौरान 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने और 20 हजार से अधिक मोबाइल फोन ट्रेस करने के बाद पुलिस कातिलों तक पहुंची। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के बदरपुर मोड़ बंद इलाके में कई सालों से आयुषी यादव का परिवार रहता था, ये लोग मूल रूप से गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि परिजनों ने आयुषी के गायब होने की गुमशुदगी भी दर्ज नहीं कराई थी।

पुलिस जांच में सामने आया कि मृतका ने छत्रपाल नाम के युवक से 1 साल पहले आर्य समाज मंदिर में शादी की थी, इसी बात को लेकर घर में मनमुटाव चल रहा था। इसके बाद आरुषी के पिता नीतेश ने लाइसेंसी पिस्टल से 2 गोलियां मारकर उसको मौत के घाट उतार दिया, इस हत्याकांड में उसकी मां भी शामिल थी। पुलिस ने हत्याकांड में प्रयुक्त कार और लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद कर ली है। वहीं जब पुलिस आयुषी के घर पहुंची तो उसका पिता वहां नहीं थे। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया, रविवार देर रात पूछताछ में जब उसने बेटी की हत्या करने की बात कुबूल की तो पुलिस के लिए हत्या से जुड़े साक्ष्य एकत्र करने में आसानी हो गई। देर रात ही पुलिस की टीम ने हत्या स्थल पर लाश को ले जाने में इस्तेमाल की गई कार, जिस हथियार से गोली चलाई गई थी, उसे बरामद कर लिया। बता दें कि 18 नवंबर की सुबह यमुना एक्सप्रेस की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में ट्रॉली बैग मिला था, ट्रॉली बैग में युवती की लाश थी। इसके 48 घंटे में ही पुलिस मृतका के घर तक पहुंच गई, मृतका की पहचान रविवार की देर शाम मां और भाई ने की थी। हालांकि शुरुआत में ही पुलिस को लाइन मिल गई थी कि हत्यारोपी पिता ही है, इसी कारण दिल्ली के मोड़ बंद से पिता, भाई और मां को पुलिस टीमें साथ लेकर आईं, लेकिन उसको पोस्टमार्टम गृह तक नहीं लाई।

खास बात यह भी है कि आयुषी 17 नवंबर को ही लापता हो गई थी, इसकी कहीं भी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई थी। वहीं, हत्या के बाद पिता भी घर से कहीं चला गया था, पोस्टमार्टम गृह पर राया पुलिस के साथ पहुंची मां और भाई ने चेहरा ढक रखा था। पोस्टमार्टम हाउस में पुलिस ने फ्रीजर को खोला तो लाश देखते ही मां और भाई बिलख पड़े, जोर-जोर से बिलखते हुए मां और बेटे एक दूसरे के गले लग गए। आयुषी का पिता नीतेश मूल रूप से गोरखपुर जिले के गांव सुनारी का रहने वाला है, वह कई वर्षों से दिल्ली के गांव मोड़ बंद में परिवार के साथ रह रहा है। इसकी इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है। वहीं आयुषी बीसीए की छात्रा थी, जांच में सामने आया कि आयुषी की हत्या 17 नवंबर दोपहर को ही कर दी गई थी। इसके बाद उसके शव को घर पर ही रखा गया। यह सबकुछ परिवार के अन्य सदस्यों के सामने ही हुआ, रात का इंतजार किया गया और फिर पिता ट्रॉली बैग में बेटी की लाश लेकर यमुना एक्सप्रेसवे की तरफ निकला। रास्ते में लाश फेंकने का मौका नहीं मिला तो मथुरा के राया आकर उसने बैग को देर रात फेंक दिया, 18 नवंबर को सुबह 11:00 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि यमुना एक्सप्रेस-वे किनारे बैग पड़ा है, जिसमें से खून रिस रहा है।

पुलिस को इस हत्याकांड के खुलासे के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा, ब्लाइंड मर्डर केस को पुलिस ने सुलझाने के लिए करीब 15 टीमों का गठन किया था। समीपवर्ती जनपदों और प्रदेशों में शिनाख्त के लिए काफी प्रयास किए गए, शव के फोटो समाचार पत्र, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर चश्पा किए गए। इसके अलावा सोशल मीडिया, फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम के जरिए भी शव की शिनाख्त करने का प्रयास किया गया, वहीं 20 हजार से अधिक मोबाइलों को ट्रेस किया, और 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए माता-पिता को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।