फीस के लिए अध्यापक ने छात्र को पीटा, स्कूल से वापस भेजे जाने से आहत होकर छात्र ने की आत्महत्या

पुत्र की मौत के बाद उसकी मां मनवीरी बेसुध हो गई, जबकि पिता हीरालाल भी दहाड़े मारकर रोने लगा। बिलखते परिवार को देखकर लोग आक्रोशित हो गए और स्कूल जा पहुंचे। लोगों का कहना था कि फीस के लिए प्रिंस के साथ जैसा व्यवहार किया गया, कल को दूसरे बच्चों के साथ भी हो सकता है। लोगों का गुस्सा देख पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए।
 
आत्महत्या

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

क्राइम, 11 नवंबर:- विद्यालय संचालन अब ज्ञान और विद्या अध्ययन के बजाए व्यवसाय हो गया है, गली मोहल्ले में खुले विद्यालय बिना खेल के मैदान और जरूरी नियमों को ताक पर रखकर मान्यता प्राप्त कर लेते है और अपनी मनमानी करते है, कुछ विद्यालय तो लोग अपने निजी घरों में ही संचालित कर रहे है। यैसे ही एक मामले में स्कूल से वापस भेजे जाने से आहत होकर आत्महत्या करने वाला आठवीं कक्षा का छात्र प्रिंस व्यवहार कुशल था। स्कूल से घर और घर से स्कूल उसकी नियमित दिनचर्या था। घटना के बाद बिलखते पिता ने कहा कि वह नर्सरी से अपने तीनों बच्चों को पब्लिक हैप्पी मॉडल स्कूल में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने हर साल फीस अदा की है तो इस बार भी दे देते। लेकिन फीस के लिए स्कूल प्रबंधन ने उनके बेटे को सरेआम बेईज्जत किया, जिसके चलते उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली।

प्रिंस के पिता हीरालाल ने बताया कि उन्होंने अपने तीनों बच्चों को इसी स्कूल में पढ़ाया है। पिछले कुछ समय से उनकी माली हालत ठीक नहीं चल रही। पिछली साल भी उन्होंने सालभर की फीस एक साथ जमा की थी। इस सत्र में स्कूल शुरू होने पर बच्चों को एडमिशन करा दिया। हीरालाल का कहना है कि करीब डेढ़ महीने पहले स्कूल में परीक्षा थी, लेकिन फीस के चक्कर में स्कूल प्रबंधन ने उनके बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया। बच्चों के भविष्य को देखते हुए उन्होंने स्टाफ से गुहार लगाई कि वह उनके बच्चों को स्कूल आने दें। वह देर-सवेर फीस दे ही देंगे। हीरालाल के मुताबिक तीन-चार दिन से स्कूल में प्रिंस को प्रताड़ित किया जा रहा था। बुधवार को क्लास के बाहर खड़ा किया तो गुरुवार को पिटाई करके स्कूल से भगा दिया। इससे आहत होकर उनके प्रिंस ने मौत गले लगाने का फैसला लिया।

प्रिंस की मौत के बाद उसकी मां मनवीरी बेसुध हो गई, जबकि पिता हीरालाल भी दहाड़े मारकर रोने लगा। बिलखते परिवार को देखकर लोग आक्रोशित हो गए और स्कूल जा पहुंचे। लोगों का कहना था कि फीस के लिए प्रिंस के साथ जैसा व्यवहार किया गया, कल को दूसरे बच्चों के साथ भी हो सकता है। लोगों का गुस्सा देख पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए, जिसके बाद सिहानी गेट थाने की सभी चौकियों से पुलिस बुला ली गई। लोगो ने कुसुम को ले जाने पर ऐतराज जताया और क्लास टीचर को भी मौके पर बुलाने को कहा।

पुलिस पैदल-पैदल कुसुम को ले जाने लगी तो लोग आक्रोशित हो गए और उन्हें पुलिस से छीनने की कोशिश की। इस पुलिस ने तल्ख लहजा अपनाते हुए लोगों को फटकारा। इसके बाद रास्ते में प्राइवेट गाड़ी बुलाकर कुसुम को भीड़ से निकालकर थाने भिजवाया। सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर ढाई बजे तक बखेड़ा जारी रहा। लोग स्कूल स्टाफ पर कार्रवाई की मांग करते रहे। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जैसे-तैसे लोगों को शांत किया, तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। सिहानी गेट एसएचओ नरेश शर्मा का कहना है कि छात्र के पिता ने क्लास टीचर और स्कल कोर्डिनेटर के खिलाफ शिकायत दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।