देश के वो बड़े हत्याकांड जिससे सिहर उठा था देश, किसी में रहस्य बरकरार और किसी मे मिली सजा

जब भी कोई क्रूरता का शिकार होता है और उसकी हत्या हो जाती है तो हर कोई जानना चाहता है कि आखिर ऐसा जघन्य अपराध किसने किया होगा। भारत में भी ऐसी कई ऐसी हत्याएं हुई हैं जिन्होंने देश को झकझोर कर रख दिया है और अब तक, उनके अपराधी पकड़े नहीं गए हैं। वाकई, ऐसे मामलों को कोई नहीं भूलता और सब सोचते हैं आखिर अपराधी है कौन। ऐसे मामलें कई अनसुलझे सवालों से भरे होतें हैं। यहां, हालांकि कुछ मामलों में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, लेकिन आम जनता को अभी भी लगता है कि कुछ सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिलें हैं।
 
क्राइम

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

क्राइम, 15 नवंबर:- कहते है न कि हत्यारा सबसे बड़ा अपराधी होता है और जो अपराध करता है वो कुछ न कुछ सबूत अपने पीछे छोड़ ही जाता है, लेकिन कई बार लोग अपने इरादों को इतनी चालाकी से अंजाम देते है की उनकी शिनाख्त करना नामुमकिन सा बन जाता है। हमारे देश में एक-दो नही कई बार ऐसे हत्याकांड हुए हैं जिन्होंने की सभी को झकझोर के रख दिया और काफी पुरजोर कोशिशो के बावज़ूद भी कोई अंतिम निष्कर्ष नही निकला, और कुछ हत्याकांडों में अपराधियों को सजा भी मिली है। लेकिन आज भी कुछ हत्याकांड रहस्य बने हुए है।

कुछ हत्याकांड हमे अंदर तक देते है हिला- किसी के साथ हुआ जघन्य अपराध हमें भीतर तक हिला देता है। जब भी कोई क्रूरता का शिकार होता है और उसकी हत्या हो जाती है तो हर कोई जानना चाहता है कि आखिर ऐसा जघन्य अपराध किसने किया होगा। भारत में भी ऐसी कई ऐसी हत्याएं हुई हैं जिन्होंने देश को झकझोर कर रख दिया है और अब तक, उनके अपराधी पकड़े नहीं गए हैं। वाकई, ऐसे मामलों को कोई नहीं भूलता और सब सोचते हैं आखिर अपराधी है कौन। ऐसे मामलें कई अनसुलझे सवालों से भरे होतें हैं। यहां, हालांकि कुछ मामलों में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, लेकिन आम जनता को अभी भी लगता है कि कुछ सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिलें हैं।

01- कलकत्ता सीरियल किलर हत्याकांड- 1989 में एक सीरियल किलर द्वारा कलकत्ता में लगभग 6 महीनो में 13 लोगों की (जून 1989 में पहला) पत्थर द्वारा नृशंस हत्या कर दी गयी। कोई भी व्यक्ति आज तक इसके आरोप में नही पकड़ा गया है और एक रहस्यमयी हत्याकांड के रूप में यह केस जाना जाता है लेकिन यह कभी स्थापित नहीं हुआ कि क्या अपराध एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा किए गए थे। कलकत्ता पुलिस यह भी हल करने में विफल रही कि क्या कोई भी अपराध एक नकल हत्या के रूप में किया गया था। आज तक, सभी तेरह मामले अनसुलझे हैं।

02- चंद्रशेखर प्रसाद हत्याकांड- JNU के छात्र और एक बड़े नेता के रूप में उभर रहे चंद्रशेखर प्रसाद की 31 मार्च 1997 को दिनदहाडे कुछ बन्दूकधारी हमलावरों ने हत्या कर दी। किसी भी व्यक्ति को इस केस के सम्बन्ध में गिरफ्तार नही किया गया, कुछ लोगो का मानना है कि इसके पीछे किसी बड़ी राजनैतिक पार्टी का हाथ था।

03- शीना बोरा हत्याकांड- शीना बोरा के लापता होने के तीन साल बाद उसकी बहन इन्द्राणी मुखर्जी (जोकि बाद में पता चला कि शीना की माँ थी) को शीना की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। इसका खुलासा शीना के भाई मिखाइल ने किया। इन्द्राणी, उसका पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर ने शीना की हत्या कर शव के टुकड़े-टुकड़े करके उन्हें सूटकेस में डालकर गाडी को जंगल में जाकर जला दिया। बाद इसके उसने मिखाइल को भी जहरीली शराब का सेवन कराके मारने की कोशिश की, इन्द्राणी ने अपने पति स्टार इंडिया के CEO पीटर मुखर्जी से शीना और मिखाइल को अपने भाई-बहन के रूप में परिचय कराया था।

04- केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी का हत्याकांड- ट्विटर पर पाकिस्तानी महिला पत्रकार मेहर से वाद-विवाद होने के एक दिन बाद केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर कि पत्नी का शव लीला पैलेस होटल से बरामद हुआ। शुरूआती रिपोर्ट्स के अनुसार इसे आत्महत्या का केस बताया गया जबकि AIMS के डॉक्टर्स ने इनके शरीर पर चोट के निशान और दवाइयों के अधिक सेवन की पुष्टि की और बाद में जाकर 6 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने इसे हत्या का केस बताया लेकिन इसके संबद्ध में किसी को गिरफ्तार नही किया गया। यह हत्या अब भी रहस्य बन हुई है।

05- अमर सिंह चमकीला कांड- संगीत की दुनिया का एक शानदार कलाकार और पंजाब का एक बेहतरीन स्टेज परफोर्मर अमर सिंह चमकीला, उनकी पत्नी और एक अन्य साथी कलाकार की 8 मार्च 1988 को दिनदहाडे बाइकसवार गैंग ने गोलियों से भून दिया। तीनो लोगो की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी, उस समय चमकीला की पत्नी गर्भवती थीं। कुछ का कहना था की यह काम आतंकवादीयों का है तो कुछ ने अन्य संगीत कलाकारों को इसका दोषी ठहराया। किसी को भी इस केस के सम्बन्ध में गिरफ्तार नही किया गया और यह केस अभी तक एक रहस्य बना हुआ है।

06- तंदूर कांड- दो जुलाई, 1995 में नैना साहनी को उसके पति सुशील शर्मा ने मार डाला। सुशील शर्मा कांग्रेस का युवा नेता और दिल्ली में विधायक था। सुशील को नैना के मतलूब खान से रिश्तों पर ऐतराज था। मतलूब और नैना एक-दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते थे। घटना के दिन सुशील ने नैना को मतलूब से फोन पर बात करते हुए देख लिया था। वह गुस्से से भर उठा और नैना को गोली मार दी। इसके बाद वह नैना की बॉडी लेकर एक रेस्टोरेंट में गया और वहां के मैनेजर के साथ मिलकर बॉडी ठिकाने लगाने की सोची। बॉडी को राख में तब्दील करने के मकसद से तंदूर में रख दिया गया। बाद में पुलिस ने रेस्टोरेंट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शर्मा भागने में कामयाब रहा। बाद में उसने आत्मसमर्पण कर दिया।

07- बेलारानी दत्ता मर्डर केस- बात 31 जनवरी, 1954 की है। कोलकाता में एक स्वीपर ने टॉयलेट के पास अखबार में लिपटा पैकेट देखा। उसने अखबार पर खून के छींटे देखे और इंसानी अंगुली भी देखी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। घटना का जो खुलासा हुआ, उससे हर कोई हैरान रह गया। बीरेन नाम के एक युवक का बेलारानी और मीरा नाम की महिलाओं से संबंध था। वह दोहरी जिंदगी जी रहा था। मिलने में देरी होती तो दोनों महिलाएं उससे सवाल पूछती थीं और बीरेन परेशान हो जाता था। इसी बीच बेलारानी ने बीरेन को बताया कि वह प्रेग्नेंट है। इसके बाद बीरेन ने उसे मार डाला और उसके शरीर को टुकड़ों में काट डाला। इसके बाद उसने उस घर की आलमारी में शरीर के टुकड़ों को रख दिया और दो दिन तक सोता रहा। बाद में उसने बेलारानी के शरीर के टुकड़ों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया। मामले में दोषी पाए जाने पर बीरेन को फांसी की सजा मिली थी।

08- आरुषि मर्डर- यह मामला 13 साल की छात्रा आरुषि तलवार की हत्या का है। 15 मई, 2008 को आरुषि का शव उसके नोएडा स्थित घर के कमरे में पाया गया। उसका गला कटा हुआ था। शुरुआत में इस मामले में शक 45 साल के नौकर हेमराज पर गहराया जो उस तलवार के घर में नौकर था। लेकिन घटना में सनसनीखेज मोड़ तब आया जब दो दिन के बाद हेमराज का शव भी घर की छत पर मिला। आरुषि मर्डर केस में जांच के रवैये पर यूपी पुलिस की काफी आलोचना हुई और बाद में जांच सीबीआई को सौंपी गई। मामले में आरुषि के माता-पिता डॉक्टर राजेश तलवार और डॉक्टर नूपुर तलवार से पूछताछ की गई। उन्हें मुख्य अभियुक्त माना गया। नवंबर 2013 में दोनों को आजीवन कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि बाद में 2017 में उन्हें छोड़ दिया गया।

09- निठारी कांड- एक ऐसा ही केस था निठारी मर्डर कांड। यह सीरियल मर्डर केस अंजाम दिया गया था व्यापारी मोनिंदर सिंह पंढेर के नोएडा स्थित सेक्टर-31 स्थित घर में। यूपी के निठारी गांव के नजदीक स्थित इस घर में 2005 से 2006 के बीच इन हत्याओं को अंजाम दिया गया था। यह मामला तब उजागर हुआ जब निठारी गांव से एक लड़का, लड़की और एक किशोर गायब हो गए। पता चला कि इन बच्चों का यौन शोषण होता था और इसके बाद मर्डर किया गया। मोनिंदर को उसके खिलाफ पांच में से दो केसेज और उसके नौकर सुरिंदर कोली को 16 में से 10 केसेज में दोषी पाया गया। दोनों को मौत की सजा सुनाई गई। कोली ने स्वीकार किया कि उसने नौ लड़कियों, दो लड़कों और पांच महिलाओं को बहला-फुसलाकर घर में बुलाया था। इसके बाद कोली ने उनकी हत्या कर दी और मृत शरीर के साथ सेक्स की कोशिश की। बाद में शवों के टुकड़े कर डाले। कुछ हिस्सों को खाया और बाकी को बंगले के पीछे नाली में डाल दिया।

10- श्रद्धा मर्डर केस- दिल्ली के महरौली इलाके में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की गला घोंटकर कथित रूप से हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने वाले ठिकाने लगाने वाले प्रेमी आफताब ने जिस तरह यह हत्याकांड किया है उसे सोचकर भी दिल दहल जाता है। बताया गया है कि शादी के लिए दबाव बनाने पर आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की गला घोंटकर कथित रूप से हत्या कर दी थी, उसके शव के करीब 35 टुकड़े कर उन्हें लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर की क्षमता वाले फ्रिज में रखा एवं एक के बाद एक कर उन्हें राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आफताब की गिरफ्तारी के बाद यह नृशंसा घटना छह माह बाद सामने आई। उनके अनुसार महिला के शव के कटे हुए कुछ हिस्से मिले हैं तथा पुलिस हत्या में प्रयुक्त हथियार तलाश रही है। आरोपी आफताब, जो एक ट्रेंड शेफ है, वह अपराध करने के छह महीने तक बचता रहा। पूछताछ में उसने बताया कि हत्या को अंजाम देने के बाद वह उसी घर में रह रहा था, जहां वे दोनों साथ रहते थे। उससे पूछताछ में हत्या का ब्योरा सामने आने के बाद शनिवार की सुबह उसे गिरफ्तार किया गया।

प्रेमिका के शव के टुकड़े करने का विचार अमेरिकी वेब सीरीज से आया- आफताब ने जांच के दौरान पुलिस को बताया कि शादी को लेकर हुए झगड़े के बाद उसने श्रद्धा वाकर की हत्या की और उसके शरीर को टुकड़ों में काटने का विचार उसे एक अमेरिकी वेब सीरीज 'डेक्सटर' से आया था। आरोपी ने शव के कटे हुए हिस्सों को रखने के लिए 300 लीटर वाला एक फ्रिज खरीदा तथा शव से आने वाली बदबू को दबाने के लिए अगरबत्तियों एवं रूम फ्रेशनर का उपयोग किया। पुलिस ने कहा कि आधी रात को पॉली बैग में शरीर के अंगों को पैक करके बाहर निकलने वाले आरोपी आफताब ने सावधानीपूर्वक इस आधार पर योजना बनाई कि शरीर का कौन सा हिस्सा जल्द से जल्द सड़ना शुरू हो जाता है और इसी के अनुसार शव के हिस्सों को ठिकाने लगाया।