महिलाओं का यह बुर्का गैंग जेल में बंद कैदियों को मुलाकात के बहाने गांजा बेचती थी, गिरफ्तार

पुलिस ने महिलाओं के एक बुर्का गैंग को धर लिया है, गैंग में शामिल 4 महिलाएं जेल में गांजा ले जाकर जरूरतमंद कैदियों को बेचती थी। इस काले धंधे में कमाई भी मोटी होती थी, यह महिलाएं जेल में बंद कैदियों के पास तक मुलाकात करने के बहाने से पहुंचती थीं। मुलाकात के बहाने सीधे जेल में बंद ग्राहकों के पास पहुंचतीं और जुगाड़ करके उन्हें वहीं गांजा की डोज चोरी-छिपे पिला आतीं।
 
क्राइम न्यूज़

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

क्राइम, 18 जनवरी:- क्राइम रोकने के उतने तरीके शायद पुलिस को न आते हों, जितने तरीके अपराध को अंजाम देने के अपराधी को आते हैं, इसका जीता-जागता नमूना उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में देखने को मिला है। पुलिस ने महिलाओं के एक बुर्का गैंग को धर लिया है, गैंग में शामिल 4 महिलाएं जेल में गांजा ले जाकर जरूरतमंद कैदियों को बेचती थी। इस काले धंधे में कमाई भी मोटी होती थी, यह महिलाएं जेल में बंद कैदियों के पास तक मुलाकात करने के बहाने से पहुंचती थीं। मुलाकात के बहाने सीधे जेल में बंद ग्राहकों के पास पहुंचतीं और जुगाड़ करके उन्हें वहीं गांजा की डोज चोरी-छिपे पिला आतीं।

एडवांस में आर्डर मिलने के बाद ही जाती थी- यह मामला पकड़ा गया है आजमगढ़ जिले के थाना सिधारी के इटौरा में मौजूद मंडली जिला कारागार में, यह बुर्का गैंग एडवांस में आर्डर मिलने के बाद ही जेल में गांजा पिलाने पहुंचता था। पुलिस इन महिलाओं को लंबे समय से ताड़ रही थी, जब इस गैंग के पास ज्यादा मात्रा में गांजा मौजूद होने की खबर पुलिस को मिली तो, इस गैंग में शामिल चारों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार महिलाओं का नाम शबनम, मदीना, शहनाज और शबाना पता चला है। इन तमाम तथ्यों की पुष्टि आजमगढ़ एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने भी मंगलवार को मीडिया से की, उनके मुताबिक, यह गैंग जेल के बाहर से ही पकड़ा गया है। चारों के कब्जे से 4 किलोग्राम उच्च क्वालिटी का गांजा मिला है। इनके खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

जेल की सुरक्षा में लगाई सेंध- यह बुर्गा गैंग जेल में बंद जिन कैदियों के पास गांजा लेकर जा रही थीं उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है। इन कैदियों का नाम इस्माइल व अरमान पता चला है। वही इस गैंग के सामने आने से सवाल यह भी पैदा हो गया है कि, आखिर यह ड्रग सप्लायर महिलाएं तमाम सुरक्षा इंतजामों को धता बताकर, जेल के भीतर बंद कैदियों (ग्राहकों) तक आखिर पहुंच ही कैसे जाती थीं? लिहाजा ऐसे में जिला पुलिस प्रशासन जेल के ही कुछ कर्मचारियों को भी शक की नजर से देख रहा है। हालांकि, वहीं दूसरी ओर जेल के ही उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो, पुलिस के इस बुर्का गैंग के बारे में जेल से ही इशारा किया गया था, तभी पुलिस अलर्ट हुई थी।