क्या है हाईफन, कैसे साइबर अपराधी ऑनलाइन पेमेंट के दौरान करते है ठगी

एक हाईफन के धोखे में उन्हें लाखों रुपये का चूना लग गया। फैज की शिकायत पर पुलिस ने आगरा से चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें से दो सगे भाई हैं। आरोपियों में दो भाई विकास सिंह और विक्रम सिंह के अलावा नितिन सोनी और राहुल नागर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक विक्रम का भाई विकास फरार चल रहा है।
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

साइबर क्राइम, 22 जुलाई:- इंटरनेट की दुनिया में एक हाईफन क्या कर सकता है इसका अंदाजा शायद आपको इस खबर को पढ़ने के बाद लग जाएगा। एक हाईफन लगाकर आगरा के एक गिरोह ने लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर ली। लोगों को तब समझ आया जब पैसा डूब चुका था। वही कहावत कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत, इस मामले में क्राइम ब्रांच ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इस पूरे गिरोह के सरगरना को ढूढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक 12 जून को एम्पोरियम स्टेट सिविल लाइंस में रहने वाले कारोबारी फैज उर रहमान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 30 अप्रैल को उसने शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया था। इसके लिए उसने डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू. आईडेक्स-ऑनलाइन.कॉम में पैसा इनवेस्ट किया। शुरूआत में उसे अच्छा रिटर्न भी मिला जिससे उसे भरोसा हो गया कि यहां पैसे लगाना सुरक्षित है। इसके बाद उसने एक साथ 11 लाख रुपये लगा दिए जिसके बाद वेबसाइट क्रैश हो गई।

फैज उर रहमान के मुताबिक- आईडैक्सऑनलाइन.कॉम के नाम से कंपनी काम करती है लेकिन धोखेबाजों ने आईडैक्स ऑनलाइन.कॉम के नाम से वेबसाइट बना डाली जिससे लोगों को गुमराह किया जा सके। फैज के मुताबिक सिर्फ एक हाईफन के धोखे में उन्हें लाखों रुपये का चूना लग गया। फैज की शिकायत पर पुलिस ने आगरा से चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें से दो सगे भाई हैं। आरोपियों में दो भाई विकास सिंह और विक्रम सिंह के अलावा नितिन सोनी और राहुल नागर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक विक्रम का भाई विकास फरार चल रहा है। 

पुलिस के मुताबिक- ये गिरोह बड़े प्रोफेशनल ढंग से लोगों को अपने जाल में फंसाता था। गिरोह ने 20 से ज्यादा कंपनियां बनाई और उनपर जीएसटी नंबर लिए। इसके बाद नई वेबसाइट तैयार कर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों को ज्यादा रिटर्न का लालच देने वाला विज्ञापन चलाते थे। पुलिस के मुताबिक छोटे निवेशकों को ये रिटर्न देते भी थे। मसलन पांच हजार लगाने वाले को 8 हजार और 50 हजार रुपये लगाने वाले को 80 हजार का रिटर्न मिलता था। लेकिन जैसे ही निवेशक कोई बड़ी रकम लगाते, ये लोग साइट क्रैश कर देते। क्राइम ब्रांच के मुताबिक ये लोग कम से कम 200 लोगों से ऐसे ही मोटी रकम लूटकर करोड़ों रुपये बना चुके हैं।

ऑनलाइन पेमेंट करते समय रहे सतर्क- जब भी आप किसी साइट पर पेमेंट के लिए जाएं तो सुनिश्चित कर लें कि ये साइट ओरीजिनल साइट ही है या नहीं क्योंकि अगर एक हाईफन से भी करोड़ों का खेला हो सकता है। दूसरा पेमेंट करते हुए बहुत सावधानी बरते हैं दो फैक्टर चेकर वाले फॉर्मूले को हमेशा दिमाग में रखें कि पेमेंट देते हुए दो बार उसे जरूर चेक कर लें।