फ़ेसबुक पर मिली एंजिला नाम की विदेशी खूबसूरत लड़कीं और युवक हुआ साइबर ठगी का शिकार
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
साइबर क्राइम, 29 अगस्त:- यह कहानी साइबर ठगी के शिकार हुए प्रसून की है। उन्हें फ़ेसबुक पर एंजिला के नाम से रिक्वेस्ट मिली, विदेशी खूबसूरत चेहरा देख प्रसून जी ने तत्काल एंजिला को अपनी मित्र सूची में शामिल कर लिया। मित्रता अनुरोध स्वीकार होने के साथ ही एंजिला ने प्रसून से मैसेंजर पर चैट शुरू कर दी। करीब-करीब एक महीने तक चैट के दौरान एंजिला ने खुद को मेडिकल प्रोफेशनल, तलाक शुदा आयरलैंड का निवासी बताया। प्रसून ने भी अपने घर-परिवार के बारे में सब कुछ बता दिया, दोनों की लगभग रोज चैट होने लगी। फिर एक दिन एंजिला ने प्रसून को बताया कि वह प्रोफेशनल विजिट पर इंडिया आ रही हैं और मिलना चाहेगी। प्रसून खुश हो गए और अपने घर रहने का ऑफर भी दे दिया। एंजिला ने शुक्रिया कहते हुए होटल में ही रहने की बात कही, कहने में कोई गुरेज नहीं कि तब तक प्रसून, एंजिला के जाल में फंस चुके थे। उसने मोहब्बत के डोरे डाले और उस धागे में प्रसून उलझते गए। फिर एंजिला ने तारीख भी बता दी, एक सप्ताह बाद यात्रा के दिन प्रसून को पहली बार एंजिला ने फोन किया और बताया कि उसकी फ्लाइट लंदन से दिल्ली के लिए थी जो छूट गयी। अब वह एक हफ्ते बाद आ सकेगी, मिलने को बेकरार प्रसून निराश हो गए। होटल का पैसा डूब गया, सो अलग।
कैसे प्रसून हो गया ठगी का शिकार- एक सप्ताह बाद एंजिला ने अपने दिल्ली आने की सूचना दी। प्रसून फिर खुश हुए, दिए गए समय पर एयरपोर्ट के लिए घर से निकले ही थे कि एंजिला फोन पर हाजिर हुईं। बोली-मेरी फ्लाइट पहले आ गयी है, मैं बाहर आ ही रही थी कि कस्टम ने रोक लिया है। क्योंकि जो गिफ्ट कथित तौर पर एंजिला प्रसून के लिए ला रही थीं, उस पर ड्यूटी देनी है। प्रसून ने दिक्कत पूछा। एंजिला ने बताया कि उसके पास इंडियन करेंसी बहुत कम है आर कस्टम के लोग 72 हजार रुपये माँग रहे हैं। एंजिला ने कहा कि वे यह रकम उनके नंबर पर भेज दें तो वे एटीएम से निकाल कर भुगतान करके एयरपोर्ट से बाहर आ जाएंगी। प्रसून ने बहुत सुविधाजनक तरीके से यह रकम यूपीआई के माध्यम से भेज दिया। कुछ पैसा कम था, वह उन्होंने अपने मित्र से लिया। रकम भेजने के बाद एंजिला से उनका संपर्क कभी नहीं हुआ। वह मोबाइल भी बंद बताने लगा, डर के मारे कहिए या संकोच, प्रसून ने इस घटना की चर्चा पुलिस से भी नहीं की, परिवरीजनों से भी नहीं। एक शाम दोस्तों के साथ बैठकी के दौरान प्रसून ने इसका खुलासा किया। फिर दोस्तों ने प्रसून का मजाक भी बनाया, सबक भी दिया।
नही समझ सका युवक की वह हो रहा ठगी का शिकार
01- एक-जब फ़ेसबुक पर मित्रता का अनुरोध आया तो वे एक अनजान महिला से आसानी से जुड़ गए। अगर नहीं जुडते यानी उसकी रिक्वेस्ट एकसेप्ट नहीं करते तो सीधे वह मेसेन्जर पर कनेक्ट न कर पाती।
02- जब उसने तमाम अंतरंग बातें की तो प्रसून को समझ जाना चाहिए कि सुदूर बैठी एक प्रोफेशनल महिला भला उनसे ऐसी बातें क्यों कर रही है?
03- अगर प्रसून वहीं सावधान होकर चैट कम कर देते तो शायद ठगी के शिकार होने से बच जाते।
04- एंजिला ने कथित तौर पर दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट के जल्दी पहुँचने की जानकारी दी, लोकल सिमकार्ड अरेंज कर उस पर यूपीआई के माध्यम से पैसे भेजने की बात की।
05- प्रसून का दिमाग बिल्कुल नहीं ठनका, इंटरनेशनल फ्लाइट 10-20 मिनट जल्दी तो हो सकती है लेकिन घंटे-दो घंटे पहले नहीं। कस्टम में फंसी एक विदेशी लड़की एयरपोर्ट पर सिम कार्ड अरेंज कर लेती है। यूपीआई भी स्टार्ट कर लेती है, पैसे भी माँग लेती है। फिर भी प्रसून चौंकते नहीं हैं, और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
06- यह ठगी 72 हजार की हुई। यह और ज्यादा भी हो सकती थी। दिल्ली में रहने वाले जागरूक लोगों को यह पता है कि यहां अक्सर इस तरह की धोखाधड़ी में नाइजीरियन पकड़े जाते हैं। हर तरह के जुर्म करते हुए ये धरे गए हैं, आए दिन इनकी हरकतें मीडिया की सुर्खियां बनती हैं। फिर भी प्रसून जैसे लोग अलर्ट नहीं हुए।
क्या कहते है साइबर क्राइम एक्सपर्ट- साइबर क्राइम एक्सपर्ट आईपीएस अफसर अरविन्द चतुर्वेदी का सुझाव है कि इस डिजिटल युग में फ़ेसबुक पर आप उसे ही अपना मित्र स्वीकार करें, जिसे नाम से, चेहरे से, काम से जानते हों। किसी भी अनजान पुरुष या महिला से दोस्ती करने से बचना चाहिए, प्रसून की कहानी के हवाले से उन्होंने बताया कि अगर यह नौजवान चाहता तो बच जाता लेकिन असल में वह उस एंजिला को दिल दे बैठे थे, जो कहीं एगजिस्ट ही नहीं करती थी। वह स्त्री या पुरुष के रूप से सिर्फ एक ठगी गिरोह के सदस्य के रूप में सक्रिय है। वे बताते हैं कि अगर प्रसून मित्रता स्वीकार नहीं करते तो मैसेंजर में उसे सीधे चैट की आजादी नहीं मिलती। फिर अगर आप किसी अनजान को भी अपनी मित्रता सूची में शामिल कर रहे हैं तो एक बार उसकी प्रोफ़ाइल देखना चाहिए, पोस्ट देखने से व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ आसानी से पता चल जाता है। मतलब, थोड़ी सी सावधानी से इस तरह की साइबर ठगी से बचा जा सकता है। प्रसून ने जगह-जगह असावधानी बरती।
नोट- ये सभी नाम काल्पनिक है, कहानी को समझने के लिए ये नाम रखे गए है।