लखनऊ में भारतीय सेना की सबसे बड़ी मध्य कमान आफिसर्स मेस के जेसीओ इंचार्ज की हत्या।

एक दूसरा जेसीओ भी गंभीर हालत में कमांड अस्पताल पहुंचा है। दोनों के बीच पिछले पांच दिनों से दायित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही थी।
 
लखनऊ में भारतीय सेना की सबसे बड़ी मध्य कमान आफिसर्स मेस के जेसीओ इंचार्ज की हत्या।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 26 फरवरी।
लखनऊ में भारतीय सेना की सबसे बड़ी मध्य कमान आफिसर्स मेस के इंचार्ज के पद पर तैनात जूनियर कमीशंड अधिकारी की गले पर वार करके हत्‍या कर दी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एक दूसरा जेसीओ भी गंभीर हालत में कमांड अस्पताल पहुंचा है।

बताया जा रहा है कि दोनों के बीच पिछले पांच दिनों से दायित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही थी।

घायल जेसीओ के होश में आने के बाद ही घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा सकेंगे।

बताया जा रहा है कि कमांड आफिसर्स मेस के इंचार्ज के पद पर दार्जिलिंग निवासी 11 जीआरआरसी के नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा (44) तैनात थे। जबकि उनको यह चार्ज 11 जीआरआरसी के ही ईस्ट नेपाल के ईरम जिले के रहने वाले सूबेदार रमेश कुमार राई को सौंपना था।

नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा कमांड आफिसर्स मेस में ही बने एक कमरे में अकेले रहते थे।

शुक्रवार को सूबेदार रमेश कुमार राई को इंचार्ज का पद हासिल करना था। लेकिन दोपहर 12:30 बजे रहस्यमय हालात में वह छावनी के कमांड अस्पताल पहुंच गया।

घायल रमेश कुमार राई को आइसीयू में भेज दिया गया। जबकि सेना के एक जवान ने जब नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा को कई बार फोन किया तो उनका मोबाइल फोन नहीं उठा।

दोपहर 1:30 बजे कमांड आफिसर्स मेस के कमरे को खोलकर देखा गया तो वहां नायब सूबेदार पेम्बा बहादुर शेरपा घायल मिले। उनके गले पर खुकरी के कई वार थे। आनन-फानन में कमांड अस्तपाल ले आया गया जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।

सेना के एक जेसीओ की छावनी के सबसे सुरक्षित कस्तूरबा रोड स्थित आफिसर्स मेस के भीतर बने एक रूम में हत्या कर दी गई। इस जगह के ठीक सामने मध्य कमान सेनाध्यक्ष का आवास और मध्य कमान मुख्यालय भी है।

यह हत्या दायित्व हस्तांतरण को लेकर हुए विवाद के कारण हुई, या फिर इसके पीछे कोई और दूसरी वजह है। यह आइसीयू में भर्ती घायल जेसीओ से ही पता चल सकेगा। हालांकि, मेस में लगे सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

जिस 11 जीआरआरसी के एक जेसीओ की शुक्रवार को हत्या हो गई और दूसरा संदिग्ध हालत में अस्तपाल पहुंच गया उस रेजीमेंट के कर्नल ऑफ द रेजीमेंट पूर्वी कमान के सेनाध्यक्ष ले. जनरल अनिल चौहान शुक्रवार को लखनऊ में ही थे।

यहां 11 जीआरआरसी में एक भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए ले. जनरल अनिल चौहान गुरुवार को लखनऊ आए थे। शुक्रवार को हुई सनसनीखेज घटना के बाद कर्नल ऑफ द रेजीमेंट वापस लौट गए।

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी गोरखा राइफल्स से ही हैं। इस रेजीमेंट के हर बड़े कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीडीएस जनरल रावत लखनऊ आते हैं। ले. जनरल चौहान से पहले तब सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ही 11 जीआरआरसी के कर्नल ऑफ द रेजीमेंट थे।