लखनऊ के चिनहट इलाके में पुलिस ने अवैध रूप से संचालित देशी शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।

आरोपियों में प्रतापगढ़ का भी शख्स शामिल। मौके से 75 लाख रुपये का अवैध शराब व उपकरण बरामद और दो आरोपी गिरफ्तार। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया।
 
लखनऊ के चिनहट इलाके में पुलिस ने अवैध रूप से संचालित देशी शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 10 सितम्बर।
लखनऊ में चिनहट इलाके में स्थानीय पुलिस ने एक प्राइवेट मकान के अंदर अवैध रूप से संचालित देशी शराब की फैक्ट्री और बिक्री कारोबार का खुलासा किया। आरोपियों में प्रतापगढ़ का भी शख्स शामिल है।

पुलिस ने मौके से 75 लाख रुपये का अवैध शराब व उपकरण बरामद किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया है।

इस मामले में तीन लाइसेंसधारक शराब दुकानदार सहित आठ अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक चिनहट के देवरिया गांव में यह फैक्टरी आठ महीने से अवैध रूप से संचालित हो रही थी।

डीसीपी पूर्वी चारू निगम के मुताबिक इंस्पेक्टर चिनहट धनंजय पांडेय के नेतृत्व में पुलिस टीम रात को देवरिया गांव के पास शिव गेस्ट हाउस के सामने चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान एक स्कूटी सवार दो युवक आते हुए दिखे। पुलिस ने स्कूटी रोककर चेक किया। उनके पास से चार पेटी देशी शराब मिली, जिसमें पावर कंपनी का लोगो लगा हुआ था। पकड़े गये दोनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि एक प्रतापगढ़ के महेशगंज इलाके का सौरभ मिश्रा और दूसरा लखीमपुर खीरी के चिंतापुरवा इशानगर का अनुज जायसवाल है।

उक्त दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह अवैध रूप से शराब बनाने का काम करते हैं। उनकी निशान देही पर पुलिस ने देवरिया गांव के एक मकान मे छापा डाला। जिसमें करीब 75 लाख रुपये की अवैध शराब बरामद हुई।

दोनों के बताने के आधार पर इस मामले में आठ अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। इसमें आदित्य कुमार, गुलशन उर्फ गुल्लू, अभिषेक सिंह उर्फ रिशू सिंह, परेश, विकास, आशुतोष, बबलू, अंकित और अमित शामिल हैं। पुलिस की दो टीमें दबिश के लिए लगाई गई हैं।

पुलिस टीम ने छापा डालने के दौरान मकान से 12 ड्रम मिलावटी शराब के अलावा 9 जरिकेन, 6 पिपिया, 304 पेटी पॉवर हाउस मार्का शराब, स्केबलाइ एक बोतल, जेम्स एम सी जेल दो, वीवी कंपनी का एल्कोहल मीटर 2, नौरंग ऑरेंज रंग 6 डिब्बा, आईएमएफ स्वीट ऑरेंज पांच पैकेट, अमोनियम सल्फेट एक डिब्बा, कूटरचित बार कोड 5 बंडल, पॉवर हाउस कंपनी का लोगो 7 बंडल, बाटल सील करने की एक मशीन, खाली बॉट एमएल करीब 10000, 75000 बॉटर ढक्कन, कीप 5, मग 4, प्लास्टिक बाल्टी 3, छननी 3, यूरिया 20 किलो, रायसनिक पाउडर 1.50 किलो, खाली ड्रम दो, जरीकेन दो, मोबाइल चार, स्कूटी एक, दो ड्राइविंग लाइसेंस व दो आधार कार्ड बरामद किया है। इसके अलावा दो एटीएम बरामद हुआ।

एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र सिंह के मुताबिक यह गिरोह मिलावटी शराब बनाने में सक्रिय है। गिरोह के सदस्य एक जगह एक साल के करीब रूकते हैं। इसके बाद जगह बदलकर दूसरे स्थान पर चले जाते हैं। गिरोह के सदस्य ड्रमों में एल्कोहल व तीक्ष्णता बढ़ाने के लिए यूरिया व रासायनिक पदार्थ मिलाते हैं। इस तरह से असली जैसी शराब बनाकर उसमें फ्लेवर भी डाल देते हैं। एल्कोहल मीटर से उसकी तीक्ष्णता मापी जाती हैं। ताकि देखने व पीने के दौरान असली जैसी ही मिले। बोतलों में भरकर फर्जी तरीके से तैयार किये गये ढक्कन, लोगो व स्टीकर लगाकर सील कर देते हैं। इसकी आपूर्ति कई लाइसेंसी दुकानों पर भी किया जाता है। पुलिस ऐसे दुकानों की डिटेल जुटा रही है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

इस फर्जीवाड़े के खुलासे में प्रभारी निरीक्षक चिनहट धनंजय पांडेय, एसआई मनीष वर्मा, अरविंद कुमार सिंह, जयप्रकाश यादव, हेड कांस्टेबिल देवमणि यादव, सिब्बन लाल, कांस्टेबल मो. मुकीम, कृष्णा सिंह, शशि कुमार, कुलदीप, अश्वनी पाल, गीतम सिंह, हितेश कुमार, अजय यादव, केशव कुमार और कन्हैया लाल गुप्ता शामिल हैं।