क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बनकर कोरियर कम्पनी के एजेंट से 15 लाख रुपये का जेवरात उड़ाया।

पीड़ित ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में बदमाशों की तस्वीरें दिखी हैं। केस दर्ज कर पुलिस बदमाशों की तलाश कर रही है।
 
क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बनकर कोरियर कम्पनी के एजेंट से 15 लाख रुपये का जेवरात उड़ाया।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 22 सितम्बर।
चौक थानाक्षेत्र के चरक चौराहे के पास क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बन बदमाशों ने कोरियर कंपनी के एजेंट से 15 लाख रुपये के जेवरात उड़ा लिए। बदमाशों ने उसे चेकिंग का डर दिखाकर उसका बैग लिया और फरार हो गए।

पीड़ित ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में बदमाशों की तस्वीरें दिखी हैं। केस दर्ज कर पुलिस बदमाशों की तलाश कर रही है।

आलमबाग के रहने वाले अवधेश त्रिपाठी लाजिस्टिक कोरियर कंपनी के एजेंट हैं। कंपनी, जेवरात को एक से दूसरे शहर पहुंचाने का काम करती हैं।

अवधेश त्रिपाठी रविवार को चौक की एक सर्राफा की दुकान से सोने के जेवरात लेकर आलमबाग कोरियर कंपनी के कार्यालय जा रहे थे। जहां से इन जेवरात की डिलीवरी वाराणसी होनी थी।

अवधेश, बैग में जेवरात का डिब्बा लेेकर चरक चौराहे की तरफ जा रहे थे। रास्ते में ढाल के पास उन्हें एक व्यक्ति ने रोककर खुद को क्राइम ब्रांच में तैनात बताया। उसने कहा कि सामने इंस्पेक्टर साहब खड़े हैं। आपको बुला रहे हैं।

अवधेश जब उन दोनों के पास गए तो सभी ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। इसके साथ ही बैग चेक करने के लिए मांगा। अवधेश ने विरोध किया तो पुलिसिया अंदाज में धमकी दी। जिस पर सहमे अवधेश ने बैग दे दिया।

इसी बीच एक और युवक वहां पहुंचा। उसने अवधेश को बातों में उलझाए रखा। दूसरे ने बैग से जेवरात का डिब्बा गायब कर अवधेश को दे दिया। कुछ दूर जाने के बाद अवधेश ने बैग चेक किया तो डिब्बा गायब था। उसने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।

प्रभारी निरीक्षक विश्वजीत सिंह ने बताया कि वारदात स्थल की पड़ताल की गई। मौके पर कई सीसीटीवी फुटेज में बदमाशों की तस्वीरें सामने आई हैं। इसके आधार पर उनकी तलाश की जा रही है। अवधेश के बैग में कितना सोना था, यह अभी बताया नहीं जा सकता है।

एसीपी चौक आईपी सिंह ने बताया कि अवधेश ने पूछताछ में बताया है कि बैग में 350 ग्राम सोने के जेवर थे। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए 20 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई है।

स्थानीय व्यापारियों के अनुसार राजधानी में इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं। यह भीड़भाड़ वाले बाजारों में निशाना बनाते हैं। फर्जी तरीके से पुलिसकर्मी बनकर लोगों को ठगते हैं। इस तरह के गिरोह गोमतीनगर, मड़ियांव, जानकीपुरम, विभूतिखंड, गाजीपुर, इंदिरानगर, महानगर व अलीगंज इलाके में सक्रिय हैं। व्यापारियों का आरोप है कि इस तरह के फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लगातार शोषण किया जा रहा है।