गूगल सर्च इंजन और सोशल मीडिया पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर अपलोड कर साइबर ठगों ने लोगों को लूटने का नया तरीका खोज निकाला।

साइबर सेल प्रभारी विवेक रंजन राय ने बताया फर्जी कस्टमर केयर नंबर से ठगी के कई मामले प्रकाश में आये हैं। ऐसे लोगों की धरपकड़ के लिए टीमें लगाई गई है।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 1 सितम्बर।
राजधानी लखनऊ में गूगल सर्च इंजन और सोशल मीडिया पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर अपलोड कर साइबर ठगों ने लोगों को लूटने का नया तरीका खोज निकाला है।

ये जालसाज लोग किसी प्रतिष्ठित कंपनी से मिलती जुलती साइट बनाते है। ऑनलाइन आर्डर या नेट बैंकिंग प्रयोग करने वाले जब किसी जरूरत पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च इंजन पर खोजते हैं तो इनका भी नंबर भी सामने आता है।

जरूरतमंद लोग मिलती जुलती साइट होने के चलते समझ नहीं पाते और इनसे अपनी समस्या हल कराने लगते हैं। ठग लोग कस्टमर केयर का एग्जीक्यूटिव बन कर बैंक, एटीएम व निजी जानकारी लेकर डिलीवरी या अतिरिक्त भुगतान वापस करने की जगह पूरा खाता ही खाली कर देते है।

शहर में करीब एक दर्जन ऐसे मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए है। जिसमें पीड़ित ने खाते से पैसे कटने या किसी सामान की डिलीवरी न होने पर पीड़ित ने गूगल सर्च इंजन से प्राप्त कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया था। साइबर सेल प्रभारी विवेक रंजन राय ने बताया फर्जी कस्टमर केयर नंबर से ठगी के मामले बढ़े है। ऐसे लोगों की धरपकड़ के लिए टीमें लगाई गई है।

मड़ियांव नायकनगर निवासी पुष्पेंद्र सिंह गूगल-पे प्रयोग करते हैं। मोबाइल रिचार्ज कराने पर ज्यादा पैसे कटने पर मदद मांगी। इस पर उनके खाते से आठ हजार रुपये कट गए।

इसी प्रकार जानकीपुरम सेक्टर सी निवासी बुजुर्ग रामचंद्र तिवारी के एसबीआई के खाते से पैसा करने पर कस्टमर केयर नंबर से बात की। फोन पर बात करने वाले ने खाते की पूरी जानकारी कर खाते से 26 हजार रुपये निकाल लिए।

एक अन्य मामले में विनीत खंड के देशमणि त्रिपाठी ने स्विग्गी से खाना आर्डर किया था। पैसा न पहुंचने पर आर्डर निरस्त हो गया। उन्होंने दोबारा आर्डर किया। इस बार दोनों आर्डर बुक हो गए। एक निरस्त कराने के लिए कस्टमर केयर फोन किया तो साइबर ठग ने करीब 29 हजार रुपये निकाल लिए।