जनपद: बांदा की प्रमुख खबरें।

 
जनपद: बांदा की प्रमुख खबरें।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
रिपोर्ट: देवेंद्र देव निगम
संवाददाता।

मोर्चरी में 6 दिन से पड़ी है कोरोना संक्रमित कैदी की लाश, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और जेल प्रशासन ने झाड़ा पल्ला।

बांदा। कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसकी लाश का अंतिम संस्कार 6 दिन बाद भी नहीं किया हो सका। लाश को लवारिश की तरह मोर्चरी में रखवा देने से लाश को कीड़े मकौड़े खा रहे हैं। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। लाश का अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया गया इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जेल प्रशासन एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। लाश का अंतिम संस्कार जल्दी न किए जाने से यहां कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। मृतक कोरोना मरीज गुलबदन पुत्र राजाराम निवासी चैकी का पुरवा थाना पैलानी को एक सितम्बर को जेल में संक्रमित पाया गया था। जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए मेडिकल कालेज भेजा था। उपचार के दौरान 6 सितम्बर को उसकी मौत हो गई। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश से मृतक बंदी का पंचनामा व पोस्टमार्टम हुआ था। मंडल कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक ने बताया कि 7 सितम्बर को एक पत्र मृतक की पत्नी जयरानी को भेजा गया था। पत्र में लिखा गया था कि तुम्हारे पति की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। उसका अंतिम संस्कार 7 सितम्बर को मुक्तिधाम बांदा के इलेक्ट्रिक शवदाह ग्रह में लगभग 11 बजे दिन में किया जाएगा जिसमें आप सम्मिलित हो सकती है। लेकिन उसकी पत्नी नहीं आई। जिसकी वजह से उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया और लाश पुनः मोर्चरी में रखवा दी गई। कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए मृतक का अंतिम संस्कार कराता है। इस सम्बन्ध में मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. मुकेश यादव का कहना है कि कैदी मृत अवस्था में जिला अस्पताल से रेफर होकर आया था। मरीज जिला अस्पताल से सम्बन्धित था और उसका अंतिम संस्कार भी जिला अस्पताल को कराना चाहिए। दूसरी तरफ सीएमओ एनडी शर्मा का कहना है कि कैदी की मौत के बाद 6 सितम्बर को ही शव का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था। शव का अंतिम संस्कार क्यों नहीं हुआ यह पुलिस ही बता सकती है ? इस बारे में जब कोतवाली प्रभारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डेड बाॅडी जेल प्रशासन से हमें मिली थी। इसलिए हमने शव जेल प्रशासन को सुपुर्द करना चाहा लेकिन जेल प्रशासन ने शव लेने से इंकार कर दिया। अगर लाश लवारिश होती तो अंतिम संस्कार करा दिया जाता। कोई वारिशान न आने के कारण शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया था। इधर मृतक कैदी की पत्नी जयरानी ने 6 सितम्बर को जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा था। जिसमें उसने आरोप लगाया कि मेरे पति को एक फर्जी केस में फंसाकर 15 अगस्त को जेल में बंद कर दिया गया था। उस उसम वह पूरी तरह स्वस्थ्य थे। कोई बीमारी नहीं थी। 6 सितम्बर को 11 बजे सूचना दी गई कि मेरे पति गुलबदन की तबियत खराब है जेल में आकर देख जायें। जब मैं अपने परिवार वालों के साथ जेल गई तो पता चला कि पति को मेडिकल कालेज ले गए हैं। वहां पता चला कि उनकी मौत सुबह ही हो गई थी। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि मेरे पति की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। कुल मिलाकर तीनों विभागों की उठा पटक में कोरोना पीड़ित कैदी गुलबदन की लाश मोर्चरी में सड़कर दुर्गन्ध मार रही है और कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रही है।

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मछली पकड़ने गया युवक यमुना नदी में समाया, तलाश जारी

बांदा। शुक्रवार सुबह मछली का शिकार करने गया युवक यमुना नदी के गहरे पानी में समा गया। आसपास मौजूद लोगों ने देखा तो शोर मचाया और परिजनों को जानकारी हो सकी। परिवार के लोगों के साथ ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। नदी में गोताखोरों की मदद से युवक की तलाश की जा रही है। लेकिन अभी तक युवक का शव बरामद नहीं हो सका है। जनपद फतेहपुर के मोहाली गांव निवासी जगभान (40) पुत्र छंगा प्रसाद शुक्रवार की सुबह नाव के जरिए गड़ोला गांव से गुजरी यमुना नदी में मछलियों का शिकार कर रहा था। इसी बीच अचानक मिर्गी का दौरा पड़ जाने से वह नदी में जा गिरा। डूबने के बाद वह लापता हो गया।आसपास मौजूद लोगों ने देखा तो यमुना नदी में छलांग लगा दी और युवक को बचाने का प्रयास किया। लेकिन उसका सुराग नहीं लगा। सूचना पाकर जसपुरा पुलिस, पैलानी, जाफरगंज आदि थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। उसकी खोजबीन कराई गई। लेकिन पता नहीं चला। पैलानी तहसीलदार रामकुमार और नायब तहसीलदार राजेश यादव ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
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अलग- अलग घटनाओं में पांच महिलाओं समेत सात लोगों ने जहरीला पदार्थ खाकर की आत्महत्या की कोशिश।

बांदा। अलग-अलग घटनाओं में पांच महिलाओं समेत सात लोगों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहां उसका उपचार किया जा रहा है।
चिल्ला थाना क्षेत्र के डिघवट गांव निवासी राधा (21) पत्नी राहुल ने गुरुवार की शाम घरेलू किसी बात से नाराज होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। इसी तरह बदौसा थाना क्षेत्र के चंदौर गांव निवासी कलावती (25) पत्नी रवि ने घरेलू कलह से तंग आकर जहरीला पदार्थ खाकर जान देने का प्रयास किया। हालत बिगडने पर के बाद घरवालों को पता चला। जसपुरा थाना क्षेत्र के तनगामऊ गांव निवासी अंकित (27) पुत्र अशोक कुमार ने गुरुवार की सुबह जहरीला पदार्थ खा लिया। बिसंडा कस्बा निवासी जितेंद्र (48) पुत्र विद्याधर ने गुरुवार की रात पारिवारिक कलह से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे भी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी तरह पैलानी थाने के साड़ी गांव निवासी गुड़िया (19) पत्नी विद्यासागर ने गुरुवार की रात पति की डांट से नाराज होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। उल्टी होने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। शहर के सर्वोदय नगर मुहल्ला निवासी अनुराधा (19) ने शुक्रवार दोपहर घरेलू किसी बात से नाराज होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर घरवालों को पता चला। शहर के जरैली कोठी मुहल्ला निवासी अमित (28) पुत्र सुखदेव ने शुक्रवार की दोपहर घरेलू किसी बात से नाराज होकर जहरीला पदार्थ खा लिया। कुछ ही देर के बाद उसकी हालत बिगड़ गई।