प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई की स्टूडेंट विंग सीएसआई के पांच सदस्यों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया।

आरोप पत्र लखनऊ की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में दाखिल किया गया है और कोर्ट ने आरोप पत्र का संज्ञान लेकर आरोपितों को सम्मन भी जारी कर दिया है।
 
प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई की स्टूडेंट विंग सीएसआई के पांच सदस्यों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 12 फरवरी।
उत्तरप्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड के बाद प्रदेश में जातीय व सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) व उसकी स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएसआई) के पांच सक्रिय सदस्यों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।

ये पांचों पूर्व में ही गिरफ्तार किये जा चुके थे और इस समय जेल में बंद हैं। सीएसआई के चार सदस्यों को मथुरा पुलिस ने दिसंबर, 2020 में उस समय गिरफ्तार किया था जब वे हाथरस कांड के बाद वहां सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश के तहत जा रहे थे।

सीएफआई के नेशनल जनरल सेक्रेटरी के.ए. राउफ शरीफ को 12 दिसंबर को केरल में उस वक़्त गिरफ्तार किया गया, जब वह हिंदुस्तान छोड़कर फरार होने की कोशिश कर रहा था।

ईडी ने मथुरा जेल में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ भी की थी।

आरोप पत्र लखनऊ की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में दाखिल किया गया है। कोर्ट ने आरोप पत्र का संज्ञान लेकर आरोपितों को सम्मन जारी किया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार पीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर्रहमान, सीएसआई के महासचिव मसूद अहमद, कथित पत्रकार सिद्दीकी कप्पन, मोहम्मद आलम व के.ए.राउफ शरीफ के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

ईडी की जांच में सामने आया था कि हिंसा भड़काने की साजिश सीएसआई का नेशनल जनरल सेक्रेटरी के.ए.राउफ शरीफ कर रहा था। मथुरा में पकड़े गए आरोपित उसी के इशारे पर हाथरस जा रहे थे।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया था कि इसके लिए आरोपितों को 1.36 करोड़ रुपये दिए गए थे। यह रकम ओमान व कतर में बैठे पीएफआई सदस्यों के जरिए रउफ शरीफ ने जुटाई थी। रउफ शरीफ ने देश व विदेश से जुटाई गई रकम मसूद अहमद व अतिकुर रहमान को मुहैया कराई थी।

ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ करेप्शन एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। बताया गया कि आरोपित मसूद पीएफआई दिल्ली का जनरल सेक्रेट्री था और वह लगातार रउफ शरीफ के संपर्क में था।

सिद्दीकी कप्पन की भी साजिश में पूरी संलिप्तता थी और उसने अतिकुर रहमान के खातों में रकम भी ट्रांसफर की थी। मोहम्मद आलम के नाम पर हाथरस जाने के लिए 2.25 लाख रुपये की कार भी खरीदी गई थी।

उल्लेखनीय है कि एक वेबसाइट के जरिए विदेश से 100 करोड़ रुपये जुटाए जाने की बात भी सामने आई थी, जिसकी जांच भी ईडी कर रही है।