मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के राजधानी में तैनात चार इंजीनियर बिजली चोरी कराने के आरोप में दण्डित।

निगम के प्रबंध निदेशक ने चारों इंजीनियरों को एक-एक वेतन बढ़ोतरी (Increment) से वंचित कर दिया है। इसके साथ ही इन्हें राजधानी से हटा दिया गया है।
 
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के राजधानी में तैनात चार इंजीनियर बिजली चोरी कराने के आरोप में दण्डित।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 22 दिसम्बर।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के राजधानी में तैनात दो एसडीओ (उपखंड अधिकारी) सहित चार इंजीनियरों को बिजली चोरी कराने का दोषी पाया गया है।

निगम के प्रबंध निदेशक ने चारों इंजीनियरों को एक-एक वेतन बढ़ोतरी (Increment) से वंचित कर दिया है। इसके साथ ही इन्हें राजधानी से हटा दिया गया है।

प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार ने यह कार्रवाई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की है। जांच के दौरान एसडीओ और जूनियर इंजीनियरों ने भी अपना पक्ष रखा था।

प्रबंध निदेशक ने इस कार्रवाई के तहत ठाकुरगंज के बालागंज क्षेत्र में एक अपार्टमेंट में बिजली चोरी कराने में एसडीओ रिजवान सिद्दीकी और जूनियर इंजीनियर अनिल कुमार को निंदा प्रविष्टि के साथ एक-एक वेतन बढ़ोतरी से वंचित कर दिया है। इन दोनों अभियंताओं को लेसा सिस गोमती से अयोध्या जोन ट्रांसफर किया गया है।

इसी प्रकार बख्शी का तालाब खंड के कुर्सी रोड स्थित अटल इंफ्राटेक कंपनी के निर्माणाधीन आवासों में बिजली चोरी कराने में एसडीओ शैलेंद्र कुमार और अवर अभियंता अरविंद यादव के खिलाफ भी यही कार्रवाई की गई। इन दोनों अभियंताओं को लेसा ट्रांस गोमती से लखनऊ जोन स्थानांतरित किया गया है।

उक्त दोनों बिजली चोरी नवंबर में पकड़ी गई थी, जिसकी गोपनीय सूचना प्रबंध निदेशक को भेजी गई थी। बिजली चोरी को पकड़े जाने के बाद चारों अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया था।

प्रबंध निदेशक ने इन अभियंताओं को दंड देने के बाद निलम्बन से बहाल भी कर दिया है।

प्रबंध निदेशक ने जिन चार बिजली अभियंताओं की एक-एक वेतन बढ़ोतरी असंचयी प्रभाव से रोकी, उससे 10 से 15 हजार रुपये का नुकसान होगा। लेकिन यह वेतन सजा के तौर पर रोका गया जो उनको सेवाकाल के लिए बहुत ही हानिकारक होगा।