साइबर क्राइम के कैसे हो रहे शिकार, कैसे बचें इनका शिकार होने से।

कैसे साइबर क्रिमिनल आपके सोशल मीडिया अकाउंट का डुप्लीकेट अकाउंट बना कर ठग रहे है आपके परिचितों को।।
 
साइबर क्राइम के कैसे हो रहे शिकार, कैसे बचें इनका शिकार होने से।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

साइबर क्राइम:- साइबर क्रिमिनल्स खासतौर पर ऐसे लोगों को टारगेट कर रहे हैं, जो लोग अपने एफबी अकाउंट में बहुत कम अपडेट या पोस्ट करते हैं। इसमें सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन और सरकारी कर्मचारियों की संख्या है। इनके नाम पर डुप्लीकेट फेक एफबी अकाउंट बनाकर उसमें फोटो लगाकर ओरिजनल आईडी से फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगों को रिक्वेस्ट भेजते हैं। अगर रिक्वेस्ट स्वीकार हो जाती है तो फिर संदेश के माध्यम से उन्हें एक मैसेज मिलता है, जिसमें लिखा होता है कि मैं मुसीबत में फंसा हूं और तत्काल मुझे पैसों की जरूरत हैं। एक पेटीएम नंबर भी दिया जाता है, जिसमें पैसा ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है। यह रकम बड़ी नहीं होती है। करीब 2 हजार से लेकर 10 हजार के बीच में पैसों की डिमांड की जाती है। रकम बड़ी न होने के चलते कई बार लोग विश्वास में पैसा ट्रांसफर भी कर देते हैं।

साइबर क्राइम क्या है:- साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिस में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक़्त नजर रखना साइबर क्राइम में आता है।

साइबर क्राइम के प्रकार

1- जानकारी चोरी करना- किसी के भी कंप्यूटर से उसकी निजी जानकारी निकालना जेसे की उपयोगकर्ता नाम या पासवर्ड।
2- जानकारी मिटाना- किसी के कंप्यूटर से जानकारी मिटाना ताकी उसे नुकसान हो या कोई जरूरी जानकारी को मिटाना।
3- फेर बदल करना- जानकारी मे कुछ हटाना या जोड़ना उस जानकारी को बदल देना।
4- बहारी नुकसान- भागो को नष्ट करना, उसे तोडना या भागो की चोरी करना भी कंप्यूटर अपराध मे आता है।

साइबर अपराध के प्रकार
1- स्पैम ईमेल- अनेक प्रकार के ईमेल आते है जिसमें यैसे ईमेल भी होते है जो सिर्फ कंप्यूटर को नुकसान पहुचाते है। उन ईमेल से कंप्यूटर में खराबी आ जाती हैं।
2- हैकिंग- किसी की भी निजी जानकारी को हैक करना जेसे की उपयोगकर्ता नाम या पासवर्ड और फिर उसमे फेर बदल करना।

साइबर क्राइम एक अपराध

1- कंप्यूटर संसाधनों से छेड़छाड़ की कोशिश-धारा 65
2- कंप्यूटर में संग्रहित डाटा के साथ छेड़छाड़ कर उसे हैक करने की कोशिश-धारा 66
3- संवाद सेवाओं के माध्यम से प्रतिबंधित सूचनाएं भेजने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 ए
4- कंप्यूटर या अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से चोरी की गई सूचनाओं को ग़लत तरीके से हासिल करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 बी
5- किसी की पहचान चोरी करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 सी
6- अपनी पहचान छुपाकर कंप्यूटर की मदद से किसी के व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच बनाने के लिए दंड का प्रावधान- धारा 66 डी
7- किसी की निजता भंग करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 इ
8- साइबर आतंकवाद के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 एफ
9- आपत्तिजनक सूचनाओं के प्रकाशन से जुड़े प्रावधान-धारा 67
10- इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सेक्स या अश्लील सूचनाओं को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 67 ए
11- इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ऐसी आपत्तिजनक सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण, जिसमें बच्चों को अश्लील अवस्था में दिखाया गया हो-धारा 67 बी
12- मध्यस्थों द्वारा सूचनाओं को बाधित करने या रोकने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 67 सी
13- सुरक्षित कंप्यूटर तक अनाधिकार पहुंच बनाने से संबंधित प्रावधान-धारा 70
डाटा या आंकड़ों को ग़लत तरीक़े से पेश करना-धारा 71
14- आपसी विश्वास और निजता को भंग करने से संबंधित प्रावधान-धारा 72 ए
15- कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन कर सूचनाओं को सार्वजनिक करने से संबंधित प्रावधान-धारा 72 ए
16- फर्ज़ी डिजिटल हस्ताक्षर का प्रकाशन-धारा 73
17- सूचना तकनीक क़ानून की धारा 78 में इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को इन मामलों में जांच का अधिकार हासिल है।

सायबर क्राइम पर दंड
1- ईमेल के माध्यम से धमकी भरे संदेश भेजना-आईपीसी की धारा 503
2- ईमेल के माध्यम से ऐसे संदेश भेजना, जिससे मानहानि होती हो-आईपीसी की धारा 499
3- फर्ज़ी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉड्‌र्स का इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 463
4- फर्ज़ी वेबसाइट्‌स या साइबर फ्रॉड-आईपीसी की धारा 420
5- चोरी-छुपे किसी के ईमेल पर नज़र रखना-आईपीसी की धारा 463
6- वेब जैकिंग-आईपीसी की धारा 383
7- ईमेल का गलत इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 500
8- दवाओं को ऑनलाइन बेचना-एनडीपीएस एक्ट हथियारों की ऑनलाइन ख़रीद-बिक्री-आर्म्स एक्ट

कैसे बचें साइबर क्राइम से
1- साइबर फ्राड से बचने को सोशल मीडिया पर एक्टिव अलग-अलग अकाउंट किसी सार्वजनिक मंच पर ओपन न करें।
2- अपनी फेस बुक आईडी अपने प्राइवेट कंप्यूटर और मोबाइल पर ही एक्सिस करें।
3- अनावश्यक लोगों को फ्रेंड लिस्ट में न जोड़ें।
4- एफबी पर अपनी प्राइवेट फोटो व कांटैक्ट को शेयर न करें।
5- जरूरत पड़ने पर समय-समय पर अकाउंट को चेक करें।
6- अगर आपको सोशल मीडिया अकाउंट पर मदद के लिए किसी परिचित के नाम का मैसेज आता है तो पहले उनसे कॉल करके कंफर्म करें।