लखनऊ में बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ।

पीड़ितों ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में गुहार लगाई, लेकिन वहां भी सुनवाई न होने पर सभी मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई।
लखनऊ में बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ।

डा. एस. के. पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 9 मार्च।
लखनऊ में बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।

इस गिरोह के शिकार हुए सैकड़ों बेरोजगार युवक गत दिवस गाजीपुर थाना क्षेत्र के पॉलीटेक्निक चौराहे पर स्थित जालसाज कंपनी के कार्यालय पर जुट गए।

कोई समाधान न निकलने पर पीड़ितों ने गाजीपुर थाने में गुहार लगाई, लेकिन वहां भी सुनवाई न होने पर सभी मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए।

मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद डीसीपी उत्तरी रईस अख्तर ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई के लिए प्रभारी निरीक्षक को निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

पीड़ितों ने बताया कि यह कंपनी दो सौ से अधिक युवकों से ठगी कर चुकी है। इसके बाद से कार्यालय बंद कर फरार हो गई है।

गाजीपुर थानाक्षेत्र के पॉलीटेक्निक चौराहे के पास शाहिद कॉम्प्लेक्स की पहली मंजिल पर “एशिया इंटर प्राइजेज मैनपावर कंसल्टेंट” का कार्यालय है। कंपनी नौकरी के लिए विदेश भेजने का काम करती है।

बताया गया कि कंपनी ने दो सौ से अधिक बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने के नाम पर ठगा है। कंपनी में मैनेजर धीरज पांडेय के अलावा डायरेक्टर जुबैर खान और पवन कुमार हैं।

ये लोग मैन पावर आपूर्ति के नाम पर युवकों को खाड़ी देशों में भेजते हैं। इसके लिए वह बेरोजगारों के सारे दस्तावेज अपने पास जमा करा लेते हैं। जिसके बाद बेरोजगारों को वीजा दिलाकर विदेश भेजने की साजिश रचकर उनसे अवैध वसूली करते हैं।

बलिया के बेल्थरा रोड निवासी अवनीश कुमार ने बताया कि यह कंपनी कई समाचार पत्रों व अन्य माध्यम से विज्ञापन प्रकाशित करती है। जिसमें बेरोजगार युवकों को विदेशों में खासकर खाड़ी देशों में मोटे वेतन पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता है।

जो इन विज्ञापनों को देखकर उनकी चंगुल में फंस जाता उससे लाखों रुपये की वसूली करते हैं।

बेरोजगारों को ये लोग अपने कार्यालय बुलाते हैं, और वहां उनके दस्तावेज जमा कराते हैं। कुछ दिन बाद नामी कंपनी में चयन होने की बात कहकर वीजा बनवाने के लिए रुपये की मांग करते हैं। इसके बाद वीजा की जाली कॉपी भेजते हैं।

चिकित्सकीय परीक्षण के नाम पर दोबारा वसूली शुरू करते हैं। बताया जाता है कि चिकित्सकीय परीक्षण के बाद उनको विदेश भेज दिया जाएगा। इसके लिए वीजा, पासपोर्ट, शैक्षणिक दस्तावेज अपने पास रखवा लेते हैं।

कंपनी ने अपना नेटवर्क पूर्वांचल के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, सिद्घार्थनगर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली में फैला है। इन जिलों में जालसाजों ने अपने एजेंट लगा रखे हैं।

इसके अलावा इस कंपनी का नेटवर्क बिहार व झारखंड के भी कई जिलों में फैला है। यहां अपने एजेंटों के जरिए लोगों को फंसाकर लखनऊ बु़लाते हैं। इसके बाद उसने वसूली करते हैं। विदेश भेजने के नाम पर फर्जी वीजा व टिकट भी पकड़ा देते हैं।

पिछले कई दिनों से कंपनी का कार्यालय बंद पड़ा है। कंपनी के जिम्मेदारों के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन सभी बंद आ रहे थे।

पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि बेरोजगारों से जालसाज 50 से 70 हजार रुपये तक की वसूली करते हैं। मौके पर पहुंचे करीब 50 से अधिक युवकों ने बताया कि दो से तीन सौ बेरोजगारों को कंपनी ने ठगा हैं।

एक अनुमान के अनुसार, इन जालसाजों ने दो से तीन करोड़ रुपये की ठगी किया है। पीड़ितों में जय प्रकाश, मो. फारूक, नवाब अली खान, इमित्याज, टिंकू राय, कन्हैया, रघुवंश चौहान, हवलदार, लालू प्रसाद, लखन कुमार, बलवंत चौहान, पराग चौहान, हंसराज चौहान, इंद्रजीत चौहान, आकाश कुमार, तनवीर खान व बृजलाल प्रमुख रुप से शामिल थे।

रईस अख्तर, डीसीपी उत्तरी, ने बताया कि बेरोजगारों से ठगी करने वाली कंपनी के प्रबंधक धीरज पांडेय के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने, जालसाजी करने व धमकी देने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कंपनी के जो भी अन्य जिम्मेदार हैं उनकी भी कुंडली खंगाली जा रही है। ठगी करने वाले सभी जालसाजों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा।