हनी ट्रैपिंग के जरिए व्यापारियों व युवकों को फंसाकर लाखों रुपये की वसूली करने वाले गिरोह का खुलासा।

गिरोह के पास से पुलिस ने एक लग्जरी कार बरामद किया। जिस पर अशोक स्तंभ का स्टीकर लगा था। विधायक का लोगो और पुलिस का मोनोग्राम व हूटर भी लगा था।
 
हनी ट्रैपिंग के जरिए व्यापारियों व युवकों को फंसाकर लाखों रुपये की वसूली करने वाले गिरोह का खुलासा।

डा. शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 23 मार्च।

लखनऊ पुलिस ने हनी ट्रैपिंग के जरिए व्यापारियों व युवकों को फंसाकर लाखों रुपये की वसूली करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह के चार सदस्य दबोचे गये, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं।

गिरोह के पास से पुलिस ने एक लग्जरी कार बरामद किया। जिस पर अशोक स्तंभ का स्टीकर लगा था। विधायक का लोगो और पुलिस का मोनोग्राम व हूटर भी लगा था।

सोमवार को अजय गुप्ता नाम के एक व्यापारी ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी कि उनको कुछ लोगों ने पिस्तौल दिखाकर लूटने का प्रयास किया है। इस पर पुलिस टीम ऐशबाग रेलवे स्टेशन के पास पहुंची। जहां सूनसान स्थान पर एक लग्जरी कार खड़ी थी। जिसमें कुछ लड़के व लड़कियां बैठी थीं।

पुलिस व्यापारी दो युवतियों व दो युवकों को थाने लेकर गई। जहां पूछताछ के बाद अवैध वसूली के धंधे का खुलासा हुआ।

पुलिस के अनुसार, पकड़े गये आरोपियों में मुंबई के थाणे स्थित आकाश गंगा रोड निवासी सोहेल राजपूत, हाजी सुलेमान मोहल्ला रोड राबोड़ी निवासी फिरोज शेख, विकासनगर साई प्लाजा निवासी रिजवाना खान उर्फ रिया खान और भाईखला हंसरोड थाणे की नेहा मजहर अब्बास सैय्यद शामिल हैं।

यह गिरोह राजधानी के विभिन्न इलाकों में लग्जरी कार से घूमकर वसूली करता था। लोगों को फंसाने के लिए युवतियां आगे आती थी। शिकार फंस जाता था। तो उसे सुनसान स्थान पर ले जाती थी। जहां गिरोह के दूसरे सदस्य पहुंचकर उसे दुष्कर्म और सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो व फोटो वायरल करने की धमकी देकर रुपये ऐंठने शुरू कर देते। विरोध करने पर उनकी पिटाई करते थे। दहशत में लाने के लिए पिस्तौल नुमा लाइटर दिखाते थे। जिससे गोली मारने की धमकी देते थे। पुलिस ने चारों के पास से लग्जरी कार, लाइटर नुमा पिस्तौल भी बरामद किया है।

जो लग्जरी कार बरामद की गई है। उस पर अशोक स्तंभ का स्टीकर लगा था। इसके अलावा विधायक और पुलिस का मोनोग्राम लगा था। गिरोह के सदस्यों ने लोगों को अर्दब में लेने के लिए कार पर हूटर भी लगवा रखा था।

इस गिरोह का नेटवर्क मुंबई से लखनऊ तक फैला है। कुछ दिन पहले ही यह गिरोह लखनऊ पहुंचा था। इस गिरोह की महिला सदस्य मुंबई से लेकर लखनऊ तक के लोगों को मोबाइल के जरिए फंसाती हैं। इसके बाद सामान्य कॉलिंग से बातचीत की शुरुआत होती थी। फिर वीडियो कॉलिंग करती है साथ ही अश्लील चैटिंग करती है। गिरफ्त में आने के बाद मुलाकात की बात की जाती है। जब युवक या कारोबारी उनके चंगुल में फंस जाता है। तो उसे सुनसान स्थान पर बुलाकर वसूली की जाती है।

गिरोह की महिला सदस्य शिकार को मिलने के लिए बुलाती। उसे कार में बैठाकर घूमने निकलते। फिर रास्ते में शराब व बीयर का दौर चलता। इसके बाद सुनसान स्थान पर पहुंचने के बाद युवती पीड़ित के साथ अश्लील हरकतें करने लगती। इसी बीच मौका देखकर गिरोह के अन्य सदस्य दूसरी कार से पहुंचते। पहले दोनों को सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकतें करने की बात कहकर धमकाते।

पुलिस का मोनोग्राम लगी गाड़ी देखकर अक्सर लोग सहम जाते और उनके पास जो भी रकम होती थी देकर वहां से किसी तरह से भाग निकलते। वहीं बातचीत के दौरान युवती द्वारा पीड़ित की आर्थिक स्थिति के बारे में भी पता कर लेती थी। इसी जानकारी होने के बाद पीड़ित को और अधिक रकम मंगाने के लिए दबाव डाला जाता है। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि लखनऊ में कई लोगों को शिकार बनाया गया है। पुलिस इस गिरोह के शिकार हुए लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है।

पूछताछ में पता चला कि गिरोह का मास्टर माइंड सोहेल राजपूत हैं। महिला सिपाहियों ने युवतियों से अलग पूछताछ की। जिसमें सामने आया कि युवतियों को सोहेल ने ही लोगों को फंसाने का तरीका बताया। उनसे रकम वसूलकर मालामाल होने की बात कही। उसने युवतियों से कहा था कि मुंबई में ऐसे कई कांड कर चुका है।

लखनऊ में इन आरोपियों ने ठाकुरगंज के दुबग्गा के पास ठिकाना बनाया था। पुलिस उनके ठिकाने के बारे में जानकारी हासिल कर रही है। सोहेल ने बताया कि उनके निशाने पर कारोबारी, चिकित्सक, कुछ अधिकारी और पूंजीपतियों के बेटे होते हैं। उनका नंबर हासिल कर उनसे चैटिंग कर फंसाया जाता है।