लखनऊ में एक लापता फैक्ट्री मालिक अविनाश सिंह का शव रविवार को पेड़ से लटका मिला।

आशंका जताई जा रही है कि अविनाश सिंह की हत्या की गई है। पुलिस फिलहाल हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी हुई है।
लखनऊ में एक लापता फैक्ट्री मालिक अविनाश सिंह का शव रविवार को पेड़ से लटका मिला।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 1 फरवरी।
राजधानी लखनऊ स्‍थि‍त सरोजनीनगर में दारोगा खेड़ा नहर के पास रविवार को एक लापता फैक्ट्री मालिक अविनाश सिंह का शव पेड़ से लटका मिला। शव मफलर के सहारे लटका था।

आशंका जताई जा रही है कि अविनाश सिंह की हत्या की गई है। पुलिस हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी हुई है। पीजीआई थाने ने अविनाश की गुमशुदगी दर्ज की थी।

इंस्पेक्टर पीजीआई आशीष कुमार द्विवेदी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सभी बिंदुओं पर पुलिस छानबीन कर रही है।

मूलरूप से सोनभद्र जिले के ओबरा निवासी अविनाश सिंह यहां परिवार के साथ वृंदावन योजना सेक्टर चार में रहते थे। अविनाश सरोजनीनगर स्थित अमौसी औद्योगिक क्षेत्र में नेक्स्ट जेन फूड प्रोडक्ट के नाम से नमकीन की फैक्ट्री चलाते थे।

अविनाश की पत्नी निधि कटियार के मुताबिक, अविनाश रोज की तरह अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से शनिवार सुबह करीब आठ बजे घर से फैक्ट्री गए थे। शाम करीब 6:15 बजे अविनाश ने फोन कर फैक्ट्री से घर के लिए निकलने की बात बताई थी। शनिवार रात आठ बजे तक अविनाश घर नहीं पहुंचे।

निधि का कहना है कि देर होने पर उन्होंने अविनाश को फोन किया, लेकिन दोनों नंबर बंद जा रहे थे। काफी प्रयास के बावजूद जब संपर्क नहीं हुआ तो निधि को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने घरवालों को इसकी जानकारी दी।

परिवारजनों ने अविनाश की खोजबीन शुरू की, लेकिन देर रात कुछ पता नहीं चला। इसके बाद घरवालों ने पीजीआई थाने में अविनाश की गुमशुदगी दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने मामले में गम्भीरता नहीं दिखाई।

अन्ततः रविवार को दारोगा खेड़ा नहर किनारे से फैक्ट्री के मजदूर काम पर जा रहे थे। तभी उन्होंने जंगल में शीशम के पेड़ से मफलर के सहारे एक युवक का शव लटकता देखा। पेड़ पर शव लटका देख वहां लोगों की भीड़ जुट गई।

इसके बाद कुछ मजदूरों ने शव की शिनाख्त फैक्ट्री मालिक अविनाश सिंह के रूप में की। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो करीब 50 मीटर दूर अविनाश की कार भी खड़ी मिली।

एडीसीपी पूर्वी सैयद मोहम्मद कासिम व एसीपी कृष्णानगर हरीश भदौरिया के अलावा पीजीआई थाने की पुलिस ने डॉग स्क्वाड व फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों की मदद से पड़ताल शुरू की।

इस दौरान डॉग स्क्वाड 200 मीटर दूर से वापस लौट आया। फॉरेंसिक टीम ने अविनाश की कार, शव और घटनास्थल के आसपास साक्ष्य संकलन किए।

छानबीन में पता चला कि अविनाश के कपड़े गंदे थे। शर्ट पर मिट्टी लगी थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अविनाश का किसी से विवाद हुआ था। हालांकि, पुलिस अभी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रही है।

अविनाश की कार में शराब की कुछ बोतलें भी मिली हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अविनाश के साथ शनिवार रात में कुछ और लोग भी मौजूद थे।

पुलिस सर्विलांस की मदद से अविनाश की कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाल रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि अविनाश की आखिरी बार किससे बात हुई थी?

व्यापारी के लापता होने की जानकारी मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने लिखा कि राजधानी में शनिवार से एक व्यापारी के लापता होने की खबर ने कारोबारियों को भयभीत कर दिया है। यूपी में पुलिस कमिश्नर की नई प्रणाली कानून व्यवस्था के मामले में पूरी तरह फेल है।

“स्मॉल इंडस्ट्री मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन” ने 52 घंटे के भीतर मामले का राजफाश करने की मांग की है। आरोप है कि अविनाश की हत्या की गई है और पुलिस इसका जल्द राजफाश नहीं करती है तो एसोसिएशन बड़ा आंदोलन करने पर बाध्य होगा।

एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापारियों के साथ इस तरह की घटना से लोगों में खौफ है। इंडस्ट्रीयल एरिया में पुलिस चौकी तो बनी है, लेकिन वहां कोई सिपाही नहीं मौजूद रहता है।