लखनऊ में बंथरा पुलिस की पिटाई से एक बुजुर्ग की मौत।

परिजनों का आरोप है कि खांडदेव गांव निवासी रामचंद्र रावत (65) की पुलिस वालों ने जमकर पिटाई की जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवारीजन उसे अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में मौत हो गई।
 
लखनऊ में बंथरा पुलिस की पिटाई से एक बुजुर्ग की मौत।

लखनऊ में बंथरा पुलिस की पिटाई से एक बुजुर्ग की मौत।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 27 अक्टूबर।

परिजनों का आरोप है कि खांडदेव गांव निवासी रामचंद्र रावत (65) की पुलिस वालों ने जमकर पिटाई की जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवारीजन उसे अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में मौत हो गई।

आरोप है कि पुलिस अब इस मामले को दबाने में जुट गई है। पुलिस ने परिवारीजनों को मुंह बंद रखने के लिए अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये भी भेजे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बंथरा के खांडदेव गांव निवासी रामचंद्र रावत पेशे से किसान थे। करवाचौथ पर रविवार रात वह शराब के नशे में घर पहुंचे। वहां किसी बात को लेकर छोटी बहू से विवाद हो गया।

आरोप है कि नशे में रामचंद्र ने बहू की पिटाई कर दी। बहू ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। सूचना पर बंथरा थानाक्षेत्र में तैनात पीआरवी गांव पहुंची। आरोप है कि वहां पहुंचने के साथ ही पुलिस ने रामचंद्र को पीटना शुरू कर दिया।

रामचंद्र के बड़े बेटे कल्लू के मुताबिक, पुलिस ने रविवार को रात में उसके पिता की जमकर पिटाई की थी जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। वह पूरी रात किसी से कुछ नहीं बोले। दूसरे दिन जब हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उनको अस्पताल ले गए जहां डॉक्टराें ने मृत घोषित कर दिया।

कल्लू ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके पिता को इतना पीटा था कि चेहरा काफी सूज गया था। शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से ही उनकी मौत हुई है।

मृतक रामचंद्र के परिवार में चार बेटे कल्लू, सुरेंद्र, सुशील और छोटेलाल के अलावा दो बेटियां हैं। छोटेलाल की मृत्यु हो चुकी है।

मंगलवार सुबह रामचंद्र की मौत के बारे में मेसेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें पुलिस द्वारा पिटाई करने से मौत की बात लिखी थी। इस मैसेज के वायरल होने के बाद अचानक बंथरा पुलिस हरकत में आ गई। इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने अपनी टीम गांव भेजी जहां परिवारीजनों को अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये दिए। साथ ही उनको चुप रहने की हिदायत दी गई।

प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि रामचंद्र बहुत शराब पीता था। बीमारी से उसकी मौत हुई है। पुलिस पर जो आरोप लग रहे हैं, वह बेबुनियाद हैं। अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये परिवारीजनों को दिए गए हैं।