गधे की लीद और तेज़ाब डालकर तैयार किया जा रहा गरम मसाला, कही आप तो नही कर रहे ऐसे मसाले का सेवन, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर।

 
गधे की लीद और तेज़ाब डालकर तैयार किया जा रहा गरम मसाला, कही आप तो नही कर रहे ऐसे मसाले का सेवन, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

हटके,18 दिसंबर:- मिलावट करके कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना और फिर उन वस्तुओं के सेवन से लोगो के स्वास्थ्य का नुकसान हो जाना आम बात है, यैसे में एक ताजा मामला सामने आया है जिसमे यूपी के हाथरस में एक मासाला फैक्ट्री में मिलावटी मसाला बनाने के लिए तेजाब, गधे की लीद, नकली रंग और सूखी घास का इस्तेमाल हो रहा था, पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो यहां छापेमारी की गयी।

इस जगह पर भारी मात्रा में नकली मसाले बरामद किये गये:- पुलिस ने जब्त किये गये मसालों की टेस्टिंग के लिए भेजा है, जिस फैक्टरी में यह काम चल रहा था उसके मालिक पर केस दर्ज कर लिया गया है।

भारतीय मसालो की महक विदेशों तक महकती है:- भारत में मसालों का ज़ायका क्षेत्र के अनुसार बदलता रहता है इसीलिए पंजाबी गरम मसाले, कश्मीरी गरम मसाले, केरलाई गरम मसाले आदि नामों से मसाले बनते हैं। इनमें क्षेत्र को निवासियों के स्वाद व पसंद के अनुसार घटकों में परिवर्तन होता रहता है। इलायची, काली मिर्च, जीरा, दालचीनी व लवंग सभी मसालों में शामिल होतो हैं। बाकी घटक क्षेत्रवार या पसंद के अनुसार मिलाए जाते हैं, जैसे, पंजाबी गरम मसाले में धनिया, तेजपत्ता, सोंठ भी मिलाए जाते हैं। इसी प्रकार कश्मीरी गरम मसाले में घटकों की संख्या अधिक होती है जिससे व्यंजन में खुशबू आती है और ज़ायके में अंतर होता है।

पुलिस ने जप्त किये 300 किलो फर्जी मसाले:- पुलिस ने यहां 300 किलो फर्जी मसाला जब्त किया है, पुलिस इसकी भी जांच कर रही है कि कैसे इसकी सप्लाई होती थी। कैसे दुकानों से होता हुआ यह लोगों के किचन तक पहुंचता था, नवीपुर इलाके में पुलिस को लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, धनिया पाउडर, हल्दी सहित खई मसाले मिले जिसमें मिलावट की गयी है। हैरान करने वाली बात है कि इन मसालों में ऐसी चीजों को मिक्स किया गया है जिसका इस्तेमाल खाने के लिए नहीं होता और यह सेहत पर गहरा प्रभाव डालती हैं, पुलिस सूत्रों के अनुसार एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, फैक्ट्री सील कर दिया गया है।

मिलावटी पदार्थों के इस्तेमाल से क्या असर होता है:- आम तौर पर भोजन या पेय के साथ ख़राब क्वालिटी वाले पदार्थ या कभी कभी हानिकारक पदार्थ मिलाकर मिश्रण तैयार करने को मिलावट कहते हैं। मिलावट के परिणाम से खाद्य या पेय अशुद्ध और हमारे लिए उपयोग करने लायक नहीं रहता है। भारत मसालों की बहुत सी किस्म पैदा करता है और यह हर भारतीय रसोई में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अगर ब्रांडेड और पैक मसाले उपलब्ध नहीं हैं, तो आम तौर पर बहुत से लोग स्थानीय किराने की दुकान से खुले मसाले खरीदते हैं। यह मिलावटी मसलों का उपभोग करने का खतरा बढ़ा देता है, उदाहरण के लिए, मात्रा बढ़ाने के लिए कभी कभी कम गुणवत्ता वाली सूजी (सूजी) खसखस (पोस्तो या खास खास) के साथ मिलायी जाती है। विशेष रूप से यह मिलावट अस्वस्थ (लेकिन अवैध नहीं है) नहीं है, लेकिन बहुत सी मिलावट अस्वस्थ होती हैं और अगर नियमित रूप से इनका सेवन किया जाए तो हमारे पाचन तंत्र को गंभीर और घातक नुकसान पहुँचा सकती है।

मामले की जांच जारी:- पुलिस इस मामले की अभी जांच कर रही है, क्या इन मसालों की स्पालाई राज्य के बाहर भी होती थी। राज्य में किन- किन जगहों पर इसे बेचा जाता था, मिलावट के इस धंधे औऱ कौन- कौन लोग शामिल हैं। पुलिस इन सभी जवाबों को तलाशने में लगी है, पुलिस कई लोगों से पूछताछ कर रही है।

कैसे करे मिलावटी मसालों की जांच:- किचेन में खाना बनाते समय आप खुद इन तरीकों से मिलावटी मसाले की जांच कर सकते है कि आप जिन मसालों का सेवन कर रहे है वह आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिये ठीक है या नही।।

हल्दी पाउडर:- हल्दी पाउडर में आर्टिफिशियल रंग सामग्री और फिलर, जैसे मक्के का आटा (स्टार्च), पीले रंग का चूरा, सीसा क्रोमेट (पेंट में इस्तेमाल किया जाने वाला कार्सिनोजेन), या मेलानिल पीला रंग का इस्तेमाल करके मिलावट की जाती है। घर पर इसका परीक्षण करने के लिए, आप एक टेस्ट ट्यूब में ¼ हल्दी पाउडर ले लें, इसमें 3 ml अल्कोहल मिलाएं और ज़ोर से हिलाएं। फिर इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूँदें डालें। अगर यह गुलाबी या बैंगनी रंग में बदल जाता है तो रसायन की मौजूदगी की पुष्टि हो जाती है।

काली मिर्च:- आम रूप से काली मिर्च में पपीते के बीज इस्तेमाल किए जाते है क्योंकि यह आकार में लगभग समान लेकिन बेस्वाद होते हैं। आप एक गिलास पानी लें और उसमे कुछ काली मिर्च और पपीते के बीज डाल दें। काली मिर्च नीचे रह जाएगी जबकि पपीते के बीज तैरते रहेंगे।

लाल मिर्च पाउडर:- ईंट का पाउडर और आर्टिफिशियल रंग (जैसे लाल) इस मसाले में आम मिलावट हैं। एक गिलास पानी लें और उसमे 1 चम्मच मिर्च पाउडर मिक्स करें। पानी का रंग बदलने से मिलावट का पता चल जाएगा। वैकल्पिक रूप से, एक गिलास पानी में थोड़ी मिर्च पाउडर को। गुरुत्वाकर्षण के कारण जैसे ही कण नीचे की तरफ जाते हैं तो आर्टिफिशियल रंग एक रंगीन लकीर छोड़ देते हैं।

जीरा:- मसाला में इस्तेमाल किया जाने वाला चूरा आम मिलावट है। एक गिलास पानी में 1 चम्मच चुरा या बुरादा डालें , चुरा तैरेगा और मसाला घुल जाएगा। शुद्ध साबुत मसलों में, घास के बीज लकड़ी के कोयले की धूल के साथ दूषित किये जाते हैं। आप अपनी हथेलियों से जीरा रगड़ सकते हैं। आपकी हथेलियों में रंग लगना मसाले की अशुद्धता का संकेत कर देगा। आप धनिया की शुद्धता का परीक्षण करने के लिए भी इस समान विधि का उपयोग कर सकते हैं।

सरसों के बीज:- आर्गेमोन के बीज इस मसाले में आम मिलावट होते हैं। एक नज़र में यह समान प्रतीत होते है, लेकिन जब बारीकी से देखा जाए तो आसानी से अंतर किया जा सकता है। सरसों के बीज चिकने होते हैं जबकि आर्गेमोन के बीज मोटे, दानेदार और काले रंग के होते है। आपको सरसों के बीज को दबाने से बीच में पीला रंग दिखेगा जबकि आर्गेमोन के बीज में यह काला होता है।

सौंफ़ बीज:- सौंफ़, एक आम माउथ फ्रेशनर है जिसमे आम तौर पर गंदे सौंफ़ के साथ मिलावट की जाती है। अल्कोहल मिली सौंफ ताज़े सौंफ की तरह दिखती है और इसमें 1 से 2% तेल होता है। भाप वाला सौंफ गहरे रंग का दिखता है। इनमे थोड़ा सा तेल होता है और यह पानी से भारी होता है। इसमें अविकसित या फफूंदी वाले सौंफ की भी मिलावट की जाती है। सौंफ़ में कभी कभी चमकीले हरे रंग के मैलाकाइट के साथ मिलावट होती है। मिलावटी सौंफ आसानी से नरम या कड़वे स्वाद से पहचानी जा सकती है।

दालचीनी:- दालचीनी सामान्य तौर पर बहुत सस्ती कैसिया छाल के साथ बदली जाती है। दालचीनी की छाल बहुत पतली होती है और आसानी से एक पेंसिल या एक कलम के चारों ओर लपेटी जा सकती है। इसकी गंध अलग होती है। कैसिया की छाल कठोर और मोटी होती है। इससे कभी किसी भी प्रकार की खुशबूदार गंध नहीं आती है।

अन्य मिश्रित मसाले:- आम तौर पर, दृश्य परीक्षा(विसुअल एग्जामिनेशन)अशुद्ध साबुत मसाले में अंतर करने में मदद करता है। पिसे हुए मसालों के मामले में स्टार्च एक आम मिलावट होती है। आप मसाले में आयोडीन सोलुशन की कुछ बूँदें डाल सकते हैं। अगर रंग नीले रंग में परिवर्तित हो जाता है, तो मिलावट होती है।

पूरी दुनिया मे महकती है भारतीय मसालों की महक:- भारतीय मसाले अपने औषधीय गुणों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन लंबे समय तक मिलावटी मसालों को खाने से आपके पाचन तंत्र को नुकसान पहुँच सकता है।।