कही नकली चांदी की वर्क लगी मिठाईयां और पान हमारी सेहत पर तो नही डाल रही बुरा असर

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
सेहत, 22 नवंबर:- चांदी के वर्क लगी मिठाइयां और देशी-आयुर्वेदिक दवाईयों में प्रयोग के साथ पान पर लगने वाला चांदी का वर्क आपने देखा होगा, यह देखने मे बहुत सुंदर और खाने में अलग स्वाद का अनुभव प्रदान करता है, लेकिन अगर यह नकली हो तो यह हमारी सेहत पर गंभीर असर डालता है, आपके बात दे कि चांदी के वर्क भी अब नकली बनाए जा रहे हैं, हूबहु चांदी की तरह चमक-दमक वाले ये वर्क एल्युमीनियम और स्टील के छोटे-छोटे पतरों से बनाने का गोरखधंधा यूपी के कई जिलों पनप रहा है और वहाँ से हर जिलों में नकली चांदी के वर्क की सप्लाई भी होती है। खासबात यह है कि प्रशासन को नकली चांदी के वर्क बनाने के काले कारोबार के बारे में कुछ नही पता, कही हम जाने अनजाने में ही स्लो पॉइजन का सेवन तो नही कर रहे है।
कैसे तैयार होता है असली-नकली चांदी का वर्क- यूपी में रोजाना लाखों रूपए कीमत के ङुप्लीकेट वर्क बना कर सप्लाई किए जा रहे है, असली चांदी वर्क बनाने के लिए चौकोर रंगीन ट्रेसिंग पेपर की गड्डी में चांदी के बारीक तार के टुकड़े को चमड़े के थैले में रख कर हथौड़े से खूब पीटा जाता है, जिससे तार महीन हो कर फैलता जाता है, चमड़े के इस थैले को औजार बोला जाता है। वहीं नकली चांदी का वर्क बनाने में स्टील या एल्युमीनियम के पतरे के टुकड़े करके औजार (चमड़े के थैले) में रख कर हथौड़े से कूटा जाता है और नकली चांदी का वर्क तैयार हो जाता है। असली चांदी के वर्क और एल्युमीनियम या स्टील के वर्क को देख कर आसानी से नहीं पहचान सकते कि कौन सा असली है और कौन नकली। और इनका उपयोग देशी-आयुर्वेदिक दवाईयों के साथ मिठाईयों और पान, तम्बाकू मसाले और जर्दा पर लगाने से लेकर तरह-तरह से किया जाता है।
देता है गंभीर बीमारियों को जन्म- स्टील और एल्युमीनियम से बने नकली चांदी वर्क के लगातार उपयोग करने से एसीडिटी, पेट और आंत संबंधित अल्सर जैसे गंभीर रोग हो जाते हैं, स्टील और एल्युमीनियम मेटल है और इससे बने वर्क आसानी से पचते नहीं हैं, जिससे शरीर मे टॉक्सिन इकट्ठे हो जाते हैं। शरीर टॉक्सिक हो जाता है और लम्बे समय तक उपयोग करने पर गले मे संक्रमण, इंटेस्टाइन संबंधित गंभीर रोगों का खतरा हो सकता है। आपको बता दे कि नकली चांदी के वर्क की जांच प्रतापगढ़ जनपद में भी होनी चाहिए क्योकि प्रशासन की शिथिलता से कही जनपद निवासी किसी गम्भीर बीमारी की चपेट में न आ जाये।