हीटवेव से बचने के लिए भोजन और दिनचर्या में करे बदलाव, शरीर का पानी कम न हो रसीले फलो का करें सेवन

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाबा बेलखरनाथ धाम के मेडिकल अफसर डॉ इरफान अली ने बताया कि गर्मी के महीनों में खीरा ककड़ी तरबूज नींबू पानी का प्रयोग जितना हो सके उतना करना चाहिए साथ ही साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मौजूद ओ.आर.एस का घोल तथा जिंक टेबलेट का प्रयोग बच्चे जवान बूढ़े सभी करें डायरिया और बुखार की संभावना इस दौरान बनी हुई है।
 
Shehat
रिपोर्ट- अजीत तिवारी संवाददाता

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

सेहत, 29 अप्रैल:- अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में गर्मी जहां 44 से 45 डिग्री पहुंच गई है वही हीटवेव का प्रकोप लोगों को अपने चपेट में ले रहा है हीटवेव से बचने के लिए घर से निकलते समय कपड़ों से शरीर को ढके बाइक चलाते समय हेलमेट और मुंह पर कपड़ा बात करने के लिए निकलते समय पानी कम से कम 1 लीटर पीकर निकले जिससे शरीर में पानी की कमी ना होने पाए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाबा बेलखरनाथ धाम के मेडिकल अफसर डॉ इरफान अली ने बताया कि गर्मी के महीनों में खीरा ककड़ी तरबूज नींबू पानी का प्रयोग जितना हो सके उतना करना चाहिए साथ ही साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मौजूद ओ.आर.एस का घोल तथा जिंक टेबलेट का प्रयोग बच्चे जवान बूढ़े सभी करें डायरिया और बुखार की संभावना इस दौरान बनी हुई है।

लोगों में पेट दर्द उल्टी दस्त बार-बार सो जाना, पेशाब में जलन यह डायरिया के लक्षण हैं बुखार आने पर गला सूखना सिर दर्द होना शरीर में ऐंठन होना आज इसके लक्षण होते हैं किसी अनुभवी डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें और धूप में निकलने से लोग बच्चे। प्रचंड गर्मी में शरीर को सबसे अधिक सोडियम की जरूरत होती है जो सरकारी अस्पतालों से लेकर अन्य दवा खानों पर भी उपलब्ध रहती है दिन में कम से कम प्रत्येक व्यक्ति को 5/7 लीटर से लेकर  पानी जरूर पीना चाहिए। मेडिकल अफसर डॉ. इरफान अली ने बताया कि 44 से 45 डिग्री 23 तापमान में बच्चों और बुजुर्गों गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक बचाव की आवश्यकता है।।