मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के नाम पर चंदा उगाही करने वाला गिरफ्तार।

जालसाज ने यूपी के कई एडीएम, डीएम, एसडीएम, और शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित कई आला अधिकारियों को चूना लगाते हुए लगभग दस लाख रुपये वसूले।
 
मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के नाम पर चंदा उगाही करने वाला गिरफ्तार।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 22 फरवरी।
जमशेदपुर से गिरफ्तार करके एक जालसाज को लखनऊ लाया गया है जो अपने को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय का अधिकारी बताकर श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के नाम पर अवैध चंदा उगाही कर रहा था।

इस जालसाज अपराधी को यूपी एसओजी व एसटीएफ ने गिरफ्तार करके मामले का खुलासा किया है।

एसटीएफ ने उसको जमशेदपुर के मुसाबनी के आईसीसी बेकरी के पास से कॉफी पीने के दौरान गिरफ्तार किया।

एसओजी और एसटीएफ टीम गिरफ्तार करने के बाद उसे पहले जमशेदपुर के मुसाबनी थाना ले गयी, जहां से पूछताछ के लिए साथ लेकर लखनऊ आ गयी।

अधिकारियों के अनुसार, मूल रूप से यूपी के अमेठी का रहने वाला अरविंद मिश्रा अपनी ससुराल मुसाबनी में रहता है। लगभग छह माह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय का अधिकारी बताकर और उनके नाम की धौंस दिखाकर मोबाइल फोन के जरिए सुनियोजित तरीके से विभिन्न जिलों के आला अधिकारियों से श्रीराम मंदिर निर्माण के नाम पर रुपये की उगाही कर रहा था।

धीरे धीरे अरविंद ने मुख्यमंत्री की धौंस दिखा श्रीराम जन्मभूमि निर्माण के लिए चंदा के नाम पर बड़े अधिकारियों से भी पैसा वसूलना शुरू किया, जिसमें बनारस के डीएम से एक लाख रुपये वसूला।

इसी तरह जालसाज ने यूपी के कई एडीएम, डीएम, एसडीएम, और शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित कई आला अधिकारियों को चूना लगाते हुए लगभग दस लाख रुपये वसूले।

अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान आरोपी अरविंद ने गोंडा और कौशांबी के एसपी को फोन कर रुपये मांगे, जिसके बाद इन अधिकारियों को शक होने पर लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया।

वहां से पता चला कि अरविंद मिश्रा नाम का कोई अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत नहीं है।

मामला सामने आने पर प्रदेश शासन में हड़कंप मच गया। पुलिस हरकत में आयी और यूपी एसओजी गोंडा, एसटीएफ लखनऊ और इलाहाबाद के आला पुलिस अधिकारियों की टीम गठित की गयी। क्योंकि मामला मुख्यमंत्री के नाम से जुड़ा था इसलिए तुरंत कार्रवाई शुरू की गयी।

जांच टीम ने जालसाज अपराधी का फोन ट्रेस करना प्रारंभ किया तो लोकेशन बंगाल के खड़गपुर और झारखंड के मुसाबनी दिखाई दे रहा था। जिसके बाद एसटीएफ व यूपी एसओजी की टीमों ने 17 फरवरी को खड़गपुर पहुंच जांच-पड़ताल शुरू की।

अपराधी की भनक तो वहां नहीं लग सकी, परन्तु बैंक ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। जिससे पता चला कि उसका पंजाब एंड सिंध बैंक खड़गपुर में आना-जाना है। सीसीटीवी कैमरा फुटेज में उसे एक महिला के साथ वहां देखा गया।

टीम मुसाबनी पहुंची तो मुसाबनी नंबर 1 पोस्ट ऑफिस ग्राउंड में अधिकारियों को अचानक नजर आया, जिसके बाद टीम ने उसका पीछा करना शुरू किया और वहां से कुछ ही दूर आईसीसी बेकरी के समीप कॉफी पीने के दौरान टीम ने उसकी फोटो से मिलान करने के बाद उसे दबोच लिया।

जांच में पता चला है कि उसका अकाउंट अमेठी के किसी बैंक में है, जहां से उसने चेक बुक ली है और जब अधिकारी से पैसे अकाउंट में आ जाते थे तो मैसेज मोबाइल में आते ही वह सारा पैसा खड़गपुर के पंजाब एंड सिंध बैंक से जाकर निकाल लेता था।

यह भी पता चला कि अधिकारियों को फोन करने के लिए वह अलग-अलग सिम का इस्तेमाल करता था। जिसमें यह पता चला है कि उसने एक माह में यूपी के प्रतापगढ़ से 20 सिम खरीदी थी।

फिलहाल यूपी एसओजी और एसटीएफ की टीम उसे पूछताछ के लिए अपने साथ लखनऊ ले आई है।