दीपावली के त्योहार के उल्लास में कहीं आप भी न हो जाएं मिलावटी मिठाई का शिकार, ऐसे करें असली-नकली की पहचान।।

 
दीपावली के त्योहार के उल्लास में कहीं आप भी न हो जाएं मिलावटी मिठाई का शिकार, ऐसे करें असली-नकली की पहचान।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

हटके, 03 नवंबर:- दीपावली का त्योहार आते ही सभी लोग तैयारियों में जुट गए हैं। दीपावली से संबंधित बाजारों में खरीदारी भी जमकर हो रही है। वहीं दूसरी तरफ दीपावली के त्यौहार के समय लोग मिठाइयां भी खरीदते हैं, इसी बीच कई बार दुकानदारों द्वारा कालाबाजारी और मिलावटी सामानों की भी बिक्री की जाती है। इन मिलावटी सामान का सेवन करने से लोगों के स्वास्थ्य में भी बुरा प्रभाव पड़ता है। आप बाजार से मिठाइयां खरीदते हैं, लेकिन उसके असली और नकली की पहचान कर पाना मुश्किल होता है। आइये जानते है कि असली या नकली की पहचान कैसे करें।

भारत मे शादी-विवाह और त्योहार में जमकर होती है मिठाइयों की खरीदारी:- हमारे देश भारत में मिठाइयों का चलन एक आम चलन है शादी ब्याह हो या कोई त्यौहार हो या कोई भी खुशी का मौका हो सभी जगह मिठाइयों को परोसा जाता है, और तोहफे में दी जाती हैं लेकिन समस्या यह है कि त्योहारों के मौके पर भारत में जितनी मिठाई सप्लाई की जाती है उतना दूध हमारे देश में पैदा नहीं होता यह बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है हमारे देश में दूध की पैदावार कम है और खपत ज्यादा है लेकिन फिर भी त्यौहार के मौके पर हमें मिठाइयां असली बोल कर दी जाती है लेकिन हम इनकी कैसे पहचान करें कि यह मिठाई असली है या नकली है यह किस दूध से बनी है किस मावे से बनी है तो इसकी पहचान करने के लिए हम आपको आज कुछ जानकारी देने वाले हैं मिठाई खरीदने से पहले आप असली नकली की पहचान करके खरीदें।

कैसे करे असली और नकली मिठाइयों की पहचान:- दीपावली का त्योहार शुरू हो गया है। दुकानों पर रंग बिरंगी मिठाइयां सबका मन मोह रही हैं, इसलिए दिवाली पर मिठाइयों की खरीदारी के लिए दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिलती है, ज्यादा खपत के चलते इस त्योहार में कुछ मुनाफाखोर नकली मिठाईयां बेच रहे हैं, जो आपकी सेहत बिगाड़ सकती हैं। इसलिए आपको कुछ बातें याद रखना बेहद जरूरी हैं। हम देखते हैं कि मिठाई खरीदते वक्त लोग ये भूल जाते हैं कि मिठाई असली है या नकली? तो आइए जानते है कि दिवाली पर मिठाइयों में किस तरह की मिलावट की जाती है।

01- मिठाइयों में रंगों की मिलावट:- जिन मिठाइयों में रंग ज्यादा मिले होते हैं, वो बहुत ही कलरफुल दिखती हैं। इस प्रकार की मिठाइयां आमतौर पर एलर्जी, किडनी डिजीज और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

कैसे करें पहचान:- मिठाई हाथ में लेने पर, हाथ में रंग लग जाता है। मिठाई में सबसे बढ़िया रंग लाने के लिए सबसे ज्यादा मेटानिल येलो और टारट्राजाइन मिलाया जाता है।

क्या नुकसान होता है:- ज्यादा रंग बिरंगी मिठाइयों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से एलर्जी, उल्टी, दस्त से लेकर गुर्दे व लिवर पर घातक असर हो सकता है। अधिक कलर वाली मिठाईयां एलर्जी, किडनी डिजीज और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं। इसलिए बासी और रंग की मिठाई खरीदने में सावधानी बरतें।

02- मिठाइयों में नकली चांदी का वर्क:- त्योहारों के मौके पर हमें मिठाइयां चमकीली नजर आती हैं। इन्हें आकर्षक बनाने के लिए आमतौर पर मिठाइयों पर चांदी का वर्क किया जाता है, लेकिन अधिक मुनाफे के लिए कुछ लोग कई बार एलुमिनियम का वर्क लगा देते हैं, जो कि सेहत के लिहाज से बहुत ही हानिकारक होता है।

कैसे करें पहचान:- इसकी पहचान करने के लिए आप चांदी का वर्क हाथ पर लेकर मसलें अगर वो वहां गायब हो जाता है तो समझिए वो चांदी का वर्क है, जबकि एलुमिनियम का वर्क मसलने के बाद उसकी गोली के रूप में तब्दील हो जाता है।

क्या है नुकसान:- मिठाइयों में लगा एलुमिनियम का वर्क जब हम खाते हैं तो यह बहुत ही ज्यादा हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है। इससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां होने का खतरा रहता है। एल्युमीनियम का सेवन करने पर यह शरीर के अलग-अलग अंगों में जमा हो जाता है, इससे हाइपर-एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, अपच, पेट फूलना, त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं।

03- मिठाई वाले मावे में मिलावट:- मावे से बनने वाली मिठाइयां कितनी सुरक्षित और शुद्ध होती हैं, इसका पता होना बेहद जरूरी है, क्योंकि जब आप मिलावटी मावे से तैयार मिठाई का सेवन करते हैं तो बीमार पड़ सकते हैं। नकली मावा के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाया जाता है, जो आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। इसके लिए आप हमेशा भरोसेमंद दुकान से ही मिठाई खरीदें।

ऐसे करें पहचान:- इसके अलावा मावे की शुद्धता परखने के लिए भी आपके पास एक विकल्प भी है। मावे में अकसर मिल्क पाउडर की मिलावट देखने को मिलती है, मावे की मिलावट को समझने के लिए आप आयोडीन की दो से तीन बूंद उस पर डालें। अगर मावे का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि उसमें मिलावट हुई है।

क्या हैं इसके नुकसान:- मिलावटी वाले से तैयार मिठाई का सेवन करने से उल्टी, दस्त, हैजा, पेट दर्द, गले में इंफेक्शन के मरीज बढ़ जाते हैं। नकली मावे के कारण फूड पॉइजनिंग, उल्टी, पेट दर्द होने का खतरा हो सकता है।

असली-नकली मिठाइयों की पहचान कैसे करे:- त्योहारों के सीजन में खपत बढ़ाने के लिए मिलावटखोर मिलावटी मिठाई बनाते हैं। सोडा, डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया जैसे घातक पदार्थों के प्रयोग से नकली मिठाई तैयार कर बाजार में बेची जाती है। यैसे में आपको कोशिश करनी चाहिए कि हम बाहर से मिठाई कम से कम खरीदें, हो सके तो घर में मिठाई बना कर खाएं। गुड़ से तैयार की गई मिठाईयां खाना फायदे का सौदा हो सकता है।

कैसे बनता है सिंथेटिक दूध और इसके नुकसान।

  1. त्योहारों से पहले बाजार में सिंथेटिक दूध यानी जहरीले दूध की बिक्री होने लगती है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए सबसे पहले उसमें यूरिया डालकर उसे हल्की आंच पर उबाला जाता है।
  2. इसके बाद इसमें कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च, फॉरेमैलिन और वाशिंग पाउडर मिलाया जाता है। इसके बाद इसमें थोड़ा असली दूध भी मिलाया जाता है।
  3. मिलावटी मावा और सिंथेटिक दूध पीने से फूड पॉयजनिंग, उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। किडनी और लिवर पर भी बेहद बुरा असर पड़ता है स्किन से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है।
  4. अधिक मात्रा में नकली मावे से बनी मिठाई खाने से लीवर को भी नुकसान पहुंच सकता है। कैंसर तक हो सकता है।

ऐसे करें असली दूध और नकली दूध में फर्क।

  1. सिंथेटिक दूध को हाथ में लेकर नाक के पास ले जाकर सूंघने पर साबुन जैसी गंध आती है, जबकि असली दूध में इस तरह की कोई गंध नहीं आती।
  2. असली दूध को चखने पर उसका स्वाद हल्का मीठा होता है, नकली दूध को चखने पर उसका स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा लगता है।
  3. असली दूध को अगर स्टोव पर गर्म करे तो दूध का अपना रंग नहीं बदलता है। जबकि नकली दूध गर्म करने पर कुछ टाइम के बाद पीला पड़ने लगता है।
  4. असली दूध में अगर मिलावट के लिए यूरिया मिलाया जाये तो ये हल्के पीले रंग का दिखाई देता है, वहीं अगर सिंथेटिक दूध में यूरिया मिलाया जाए तो ये गाढ़े पीले रंग का दिखने लगता है।
  5. असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती। वहीं, नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी।।