लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जनपदों के जिलाधिकारियों ने शहरी इलाके में आठ अप्रैल से नाइट कर्फ्यू लागू किया।

लखनऊ में 15 अप्रैल तक चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों को छोड़कर सभी सरकारी, गैर सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय, कोचिंग संस्थान पूरी तरह अर्थात् रात दिन भी बंद रहेंगे।
लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जनपदों के जिलाधिकारियों ने शहरी इलाके में आठ अप्रैल से नाइट कर्फ्यू लागू किया।

डा. शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 8 अप्रैल।

लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जनपदों के जिलाधिकारी ने कोविड-19 से लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर आदेश जारी किया है कि शहरी इलाके में आठ अप्रैल से नाइट कर्फ्यू लागू होगा।

लखनऊ में 15 अप्रैल तक चिकित्सा, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों को छोड़कर सभी सरकारी, गैर सरकारी अथवा निजी विद्यालय, महाविद्यालय, कोचिंग संस्थान पूरी तरह अर्थात् दिन में भी बंद रहेंगे।

लेकिन जिन मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में परीक्षाएं और प्रैक्टिकल जहां चल रहे हैं अथवा होने हैं वहां चलते रहेंगे। इस दौरान संस्थानों को कोविड-19 प्रोटोकाल शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखना होगा। इसका कठोरता से पालन करना होगा। लापरवाही बरतने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

जारी आदेश अनुसार दिन के समय “दो गज की दूरी मास्क जरूरी” लागू होगा। पुलिस इसका सख्ती से पालन कराएगी। पुलिस की टीमें चौराहों और मुख्य मार्गों समेत सभी क्षेत्रों में चेकिंग करेंगी। बिना मास्क के घूम रहे लोगों पर कार्यवाही की जाएगी।

एलडीए द्वारा संचालित बड़े पार्क सुबह सात बजे से 10 बजे और शाम चार बजे से आठ बजे तक ही खुलेंगे। पार्क में प्रवेश और टहलने के लिए मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करना आवश्यक है। पार्क में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, 10 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे और गर्भवती महिलाएं एवं बीमारियों से ग्रस‍ित लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

इस दरम्यान आवश्यक वस्तु को लाने ले जाने की छूट होगी। फल, सब्जी, दूध, एलपीजी, पेट्रोल-डीजल और दवा की सप्लाई जारी रहेगी।

रात्रि कालीन शिफ्ट में काम करने वाले सरकारी/अर्ध सरकारी संस्थानों के कर्मियों एवं आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं में कार्यरत निजी संस्थानों के कर्मियों को भी आवागमन की छूट रहेगी।

रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एयरपोर्ट आने जाने वाले लोग अपना टिकट दिखा कर आ जा सकेंगे।
तथा हर प्रकार की माल वाहक गाडिय़ों के आने-जाने पर प्रतिबंध नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को कोरोना से संक्रमित 6023 नए रोगी मिले, जबकि 40 मरीजों की मौत हो गई। करीब सात महीने बाद एक दिन में इतनी अधिक संख्या में मरीज मिले हैं।

राजधानी लखनऊ में एक दिन में सर्वाधिक 1333 संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, पिछले वर्ष रोजाना संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या कभी भी 1300 के आंकड़े को पार नहीं कर सकी थी। मगर 2021 में मार्च की शुरुआत से ही कोरोना ने घातक रुख अख्तियार कर लिया है। बुधवार को छह संक्रमितों की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता देख कर बुधवार रात प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि यूपी के जिन जिलों में 500 से अधिक कोविड के केस हैं, वहां 8 अप्रैल से रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू/ प्रतिबंध डीएम अपने-अपने राज्‍यों में लगाने पर विचार करें।

इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री ने बैठक में कहा कि भीड़ वाली जगह चिन्हित करें, वहां सख्‍ती करिये, चालान करिए न सुधरें तो सील कर दीजिए।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 से अति प्रभावित 13 जनपदों की स्थिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश जारी क‍िए।

उन्‍होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ-साथ दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कोविड संक्रमण की स्थिति तेजी से खराब हो रही है। ऐसी स्थिति में वहां निवासरत उत्तर प्रदेश के नागरिकों की वापसी संभावित है। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है। आने वाले दिन हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।

लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, झांसी, बरेली, गाजियाबाद, आगरा, सहारनपुर और मुरादाबाद जिले में कोविड संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यहां केस की संख्या अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक केस मिल रहे हैं, अथवा जहां कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है, वहां माध्यमिक विद्यालयों में अवकाश के संबंध में जिलाधिकारी स्थानीय स्थिति के अनुरूप निर्णय लें। ऐसे जिलों में रात्रि में आवागमन नियंत्रित रखने के संबंध में भी समुचित निर्णय लिया जाए, लेकिन किसी भी परिस्थिति में आवश्यक सामग्री जैसे दवा, खाद्यान्न आदि के आवागमन को बाधित न किया जाए।

उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग द्वारा नगरों में विशेष स्वच्छता अभियान संचालित किया जाए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सैनिटाइजेशन, स्वच्छता आदि का विशेष महत्व है। कुल कोविड टेस्ट में कम से कम 50 प्रतिशत टेस्ट प्रतिदिन आरटीपीसीआर विधि से किए जाएं। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट तथा बस अड्डे पर रैपिड एन्टीजन टेस्ट की व्यवस्था को और प्रभावी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री अधिकारियों के साथ जिलों का दौरा करें और स्थिति को देखें। सभी जिलों में पीपीई किट, पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर, सैनिटाइजर, एंटीजन किट सहित सभी आवश्यक लॉजिस्टिक की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। किसी भी जनपद से लॉजिस्टिक के अभाव की शिकायत नहीं आनी चाहिए। जरूरत हो तो तत्काल शासन को अवगत कराएं, पूरी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल कोविड टेस्ट में कम से कम 50 प्रतिशत टेस्ट प्रतिदिन आरटीपीसीआर विधि से किए जाएं। कोविड व नॉन कोविड के लिए इलाज की अलग-अलग और समुचित व्यवस्था की जाए।

सूचना मिली है कि स्टांप, न्यायालय शुल्क व पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल भी संक्रमित हो गए हैं। वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल की एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों से कम से कम सात से 10 दिनों तक घर पर ही रहने और कोविड टेस्ट कराने की अपील की है।

विशेषज्ञों के अनुसार अगले तीन से चार सप्ताह में संक्रमण के मामले और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं। सीएमओ डा. संजय भटनागर ने कहा कि सभी लोग घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं।

लखनऊ में हजरतगंज स्थित निजी बैंक के 11 कर्मचारी संक्रमित हुए हैं। बलरामपुर अस्पताल के चार डाक्टर व पांच कर्मचारी और संक्रमित हो गए हैं। एक हफ्ते में यहां करीब 20 डाक्टर व स्टाफ संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। यहां लैब के कर्मी भी संक्रमित होने से जांच पर संकट गहरा गया है।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) कुलपति डा. बिपिन पुरी के बाद अब उनके कार्यालय के दस कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सभी संक्रमित कर्मचारी होम आइसोलेशन में हैं। कुलपति कार्यालय में बड़ी संख्या में डाक्टर व कर्मचारियों का आना-जाना रहता है इस कारण अन्य कर्मियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।