उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक यूनियन का जिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक यूनियन का जिला सम्मेलन "क्षेत्रीय ग्राम विकास संस्थान", अफीम की कोठी, प्रतापगढ़ के प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता आर डी यादव ने किया एवं संचालन मजदूर नेता रामसूरत ने किया।
 
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक यूनियन का जिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक यूनियन का जिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रतापगढ़, 23 अक्टूबर।

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक यूनियन का जिला सम्मेलन “क्षेत्रीय ग्राम विकास संस्थान”, अफीम की कोठी, प्रतापगढ़ के प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता आर डी यादव ने किया एवं संचालन मजदूर नेता रामसूरत ने किया।

सम्मेलन में जनपद के आठ विकास खंडों से निर्माण मजदूरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का शुभारंभ संगठन के प्रदेश महामंत्री बालेंद्र सिंह ने करते हुए कहा कि निर्माण मजदूर अधिकतर कम पढ़े लिखे होते हैं।सरकार ने योजनाओं के पंजीयन, नवीनीकरण एवं योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कार्यालय से आवेदन बंद करा दिया है। ऐसे में बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं और निर्माण मजदूरों को शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।

उन्होंने इस अवसर पर निर्माण श्रमिकों में जागरूकता एवं एकता पर बल दिया।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि हेमंत नंदन ओझा ने कहा कि मजदूरों को बिना संगठित हुए और बिना संघर्ष किए कुछ नहीं मिलता। जो योजनाएं बन भी गई हैं उसका लाभ मिल जाए इसके लिए भी सजग और संघर्षशील संगठन की आवश्यकता है।

उन्होंने इस अवसर पर सभी निर्माण मजदूरों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹10000 पेंशन की मांग की और इस बात पर दुख व्यक्त किया कि निर्माण श्रमिकों को और तो छोड़िए मनरेगा के अंदर भी मजदूरी करने के बाद अपनी मजदूरी समय से नहीं मिल रही है।

जनपद में 100000 से अधिक मजदूरों को 2 माह से अधिक समय होने के बाद भी मजदूरी नहीं मिल पाई है, जबकि न्यूनतम 7 दिन और अधिकतम 15 दिन के अंदर भुगतान हो जाना चाहिए।

उन्होंने इस अवसर पर कहा कि फौरन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान किया जाए। सम्मेलन के अति विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रम प्रवर्तन अधिकारी डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि बिचौलियों से बचने के लिए सीधे कार्यालय में अधिकारियों से संपर्क करें, ताकि कोई बिचौलिया आपका शोषण नहीं कर पाए।

उन्होंने इस अवसर पर ई श्रम पंजीयन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सभी को अपना पंजीयन कराने के लिए कहा और बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें पंजीयन कराने के उपरांत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 500000 वार्षिक चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के संरक्षक रामबरन सिंह, बीपी त्रिपाठी, राजमणि पांडे, किसान सभा के जिला महामंत्री निर्भय प्रताप सिंह, पल्लेदार मजदूर यूनियन के मंत्री महेश सरोज, रेलवे मेंस यूनियन के पूर्व मंत्री हरी राज यादव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओ में शामिल करते हुए श्रम कानून को कमजोर करने और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बकाया मजदूरी पर जेल जाने की व्यवस्था को समाप्त करने की निंदा की।

सम्मेलन का समापन प्रदेश अध्यक्ष धनंजय चौबे ने किया और कहा कि हम जितना ही गांव से जनपद स्तर तक संगठित होंगे उतना ही शोषण से बचेंगे। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि संगठन का काम केवल निर्माण बोर्ड की योजनाओं का लाभ दिलाना ही नहीं है बल्कि श्रमिकों के हितों के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करना है ताकि निर्माण श्रमिकों का कहीं भी शोषण ना हो सके।

सम्मेलन के अंत में पदाधिकारियों का चुनाव भी संपन्न हुआ, जिसमें आरडी यादव को अध्यक्ष, राघवेंद्र कुमार मिश्र को महामंत्री, राजकुमार मौर्य एवं फूल चंद पटेल को उपाध्यक्ष, राम लखन गौतम व राम हर्ष सरोज को उप मंत्री, राधेश्याम पटेल को कोषाध्यक्ष, शिव कुमार गुप्ता को कार्यालय मंत्री कमर जहां को प्रचार मंत्री, धनी लाल गौतम, बनवारी लाल गौतम, और अनिल कुमार दुबे को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया।इसके अतिरिक्त नौ काउंसिल सदस्य भी चुना गया। इस प्रकार 21 सदस्यीय कमेटी का चुनाव संपन्न हुआ। निर्वाचित पदाधिकारियों को मुख्य अतिथि हेमंत नंदन ओझा एवं प्रदेश महामंत्री बालेंद्र सिंह ने बधाई दिया।