पांच वर्ष बाद फिर से अंधेरे में डूबा उत्तर-प्रदेश, जानिए क्या है वजह

रकार के ऊर्जावान ऊर्जामंत्री की रणनीति फेल होती नजर आ रही है, कारण साफ है की बिजली कटौती से लोगो मे दिन प्रतिदन आक्रोश बढ़ रहा है
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क 

लखनऊ, 29 अप्रैल। योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में प्रदेशवासियों को मिल रही बिजली आपूर्ति की  तारीफ आम जनता द्वारा किया गया और विधान सभा के चुनांव में इस मुद्दे पर बीजेपी को फायदा भी मिला नतीजा यह रहा कि उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की एक बार फिर से सरकार बन गई लेकिन 5 वर्ष बाद प्रदेश में एक बार फिर से बिजली व्यवस्था ध्वस्त होने और असमय कटौती की वजह से लोग परेशान हैं नतीजा यह है कि सरकार के प्रति प्रदेश वासियों में आक्रोश पनपने लगा है।

2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव सरकार का सफाया होने में बिजली का भी बड़ा महत्व रहा है समय से 20 दिन आना और असम में कटौती से न सिर्फ आम जनमानस परेशान था बल्कि इससे किसानों को भी समस्या से रूबरू होना पड़ता था ठीक उसी तरह का नजारा एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में बिजली को लेकर दिखाई देने लगा है। विभाग द्वारा तरीके से बिजली कटौती की जा रही है जिससे भीषण गर्मी में आम जनमानस के साथ ,किसान भी परेशान है तो वही सरकार द्वारा बिजली बकायेदारों से वसूली के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है ,कही कही तो बिल वसूलेने के लिए पहुंचने वाले कर्मचारी भी लोगों के गुस्से के शिकार बन रहे हैं और उनकी पिटाई भी की जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जावान ऊर्जामंत्री की रणनीति फेल होती नजर आ रही है, कारण साफ है की बिजली कटौती से लोगो मे दिन प्रतिदन आक्रोश बढ़ रहा है,ऐसे में सिर्फ बकायेदारों से वसूली महज़ एक विकल्प नहीं होना चाहिए। वही बिजली जैसी मूलभूत समस्या को लेकर सरकार भी चिंतित है और इसके समाधान का विकल्प ढूंढने में जुट गई है।

यदि आंकड़ो की बात की जाय तो यूपी के अलावा देश के कई ऐसे राज्य है जहाँ कोयले  का भारी भरकम राशि बकाया है। जिसमें सबसे ऊपर महाराष्ट्र है जिसका बकाया 2608 करोड़ है,दूसरे नम्बर पर पश्चिम बंगाल है  और उसका बकाया 1509.3करोड़ है। झारखंड 1008,तमिलनाडु 823,मध्य प्रदेश 531,राजस्थान 429,आंध्रा 271, छतीसगढ़ 202 ,कर्नाटका 136 और,उत्तर प्रदेश पर 213 करोड़ रुपये बकाया है।। यही कारण है की कॉल कम्पनी अपना बकाया राशि वसूलने के लिए प्रदेशो पर दबाव बना रही है और सरकार द्वारा उपभोक्ताओ से बिल का भुगतान करने के लिए अधिकारियो की टारगेट दिया गया है।