बहुत जल्द शुरू होगा देश के 10.58 किलोमीटर लंबे अंडरवाटर टनल का सफर

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
नेशनल, 03 मई:- देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इसी साल नवंबर में अंडरवाटर टनल की शुुरुआत होने जा रही है। देश में कहीं भी पहली बार शुरू होने वाला यह अंडरवाटर टनल फिलहाल 10.58 किलोमीटर लंबा होगा, मुंबई में आवाजाही के लिए यह अंडरवाटर टनल रफ्तार का नया आयाम जोड़ेगा। बीएमसी को मई के अंत तक सफलता मिलने की उम्मीद है, क्योंकि महज 140 मीटर का खनन कार्य बाकी है। आपको बता दे कि मुंबई का अंडरवाटर टनल जितना रोमांच भरा होगा, वहीं इससे समय की भी उतनी ही बचत होगी। इसके शुरू होने से गिरगांव से वर्ली तक का 45 मिनट का सफर केवल 10 मिनट में तय किया जा सकेगा। वास्तव में यह तटीय सड़क परियोजना का सिर्फ एक हिस्सा है, टनल का व्यास 12.19 मीटर है और यह समुद्र तल से 17-20 मीटर नीचे है। करीब 1 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र के नीचे है।
इस तटीय सड़क परियोजना की कुल लागत 12,700 करोड़ रुपये- टनल के अंदर क्रॉस पासेज होंगे, चार पैदल चलने वालों के लिए और दो मोटर चालकों के लिए। हर टनल में 3.2 मीटर की तीन लेन हैं, इसे तैयार करने में चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन हैवी इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड (CRCHI) का सहयोग लिया गया है। यह प्रोजेक्ट देश की अब तक की सबसे बड़ी टनल बोरिंग मशीन (TBM), मावला की क्षमता का प्रतीक है। यहां बोरिंग का काम जनवरी 2021 में शुरू हुआ, वहीं टीबीएम की असेंबली और लॉन्चिंग एक साल पहले शुरू हुई। इस तटीय सड़क परियोजना की कुल लागत 12,700 करोड़ रुपये है, इस परियोजना के पूरा होने के बाद शहर और उपनगरों में यातायात को नई सुविधा मिलेगी। तटीय सड़क परियोजना के दक्षिण और उत्तरी हिस्सों को अलग कर दिया गया है, प्रोजेक्ट के दक्षिणी हिस्से में 70 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है।
पश्चिम बंगाल की हुगली नदी के नीचे ट्रायल के लिए टनल बनाया गया- मुंबई में अंडरवाटर टनल की शुरुआत होने वाली है तो उधर कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन (Underwater Metro) का ट्रायल रन भी हो चुका है। पश्चिम बंगाल की हुगली नदी के नीचे ट्रायल के लिए टनल बनाया गया है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के बीच दो टनल्स का निर्माण किया गया है, इन सुरंगों में मेट्रो ट्रेन 80 किमी/घंटा की गति से दौड़ेगी। मेट्रो ट्रेन हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे है और हावड़ा मेट्रो स्टेशन 33 मीटर गहरा है। हुगली नदी के अंदर सुरंग बनाने के लिए प्रति किलोमीटर करीब 157 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो सेवा, जिसे ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना भी कहा जाता है, इस साल दिसंबर तक पूरी होने की संभावना है। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर 15 किलोमीटर लंबा है।
किन-किन देशों में है अंडरवाटर टनल- करीब चार साल की कड़ी मेहनत के बाद चीन में अंडरवाटर टनल को दो साल पहले खोला गया था। यह टनल 10.79 किलोमीटर लंबा है, पूर्वी चीन के जियांगसू प्रांत में ताइहु झील के नीचे शंघाई से करीब 50 किलोमीटर पूर्व में फैला हुआ है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया में दो देश अंडर वाटर टनल से जुड़े हुए भी हैं। ये हैं- फ्रांस और इंग्लैंड। इन देशों के अलावा अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, कोरिया, जापान और क्यूबा ऐसे देश हैं, जहां समुद्र के नीचे यातायात बहाल किया जा चुका है। अभी तक इन टनल्स में सफर में किसी भी तरह की कोई खराबी या परेशानी देखने को नहीं मिली है। इसे काफी सुगम माना जा रहा है।