सेना की गाड़ी पर आतंकियों के ग्रेनेड हमले में शहीद वीर जवानों की कहानी....

सेना के जवान सेना की गाड़ी में सवार होकर पुंछ जिले में भीम्बर गली से संगीओत जा रहे थे। तभी आतंकियों ने घात लगाकर गाड़ी पर ग्रेनेड से हमला कर दिया। ग्रेनेड फटने से गाड़ी में आग लग गई और पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है।
 
grenade attack

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

नेशनल, 22 अप्रैल:- बीते 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमला हुआ, इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। पांच में से चार जवान पंजाब से और एक ओडिशा से थे। देश के लिए शहादत देने वाले इन जवानों के परिवार वाले शोक में डूबे हैं, गली मोहल्लों में उदासी का माहौल है और गांव सदमे में हैं। परिवारवालों की मांग है कि अब सेना आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दें। इन सभी वीर जवानों की कहानी सुनेंगे तो आप अपने आंसू गिरने से नहीं रोक पाएंगे। सेना के जवान सेना की गाड़ी में सवार होकर पुंछ जिले में भीम्बर गली से संगीओत जा रहे थे। तभी आतंकियों ने घात लगाकर गाड़ी पर ग्रेनेड से हमला कर दिया। ग्रेनेड फटने से गाड़ी में आग लग गई और पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है।

चार वीर जवान पंजाब के रहने वाले थे एक उड़ीसा के थे।
01- हवलदार मनदीप सिंह
02- लांस नायक कुलवंत सिंह
03- सिपाही हरकिशन सिंह
04- सिपाही सेवक सिंह
05- लांस नायक देवाशीष बिस्वाल ओडिशा के रहने वाले थे।

मनदीप सिंह- हवलदार मनदीप सिंह के चाचा ने बताया कि मनदीप 20 दिन पहले मार्च में एक महीने की छुट्टी पर घर लौटे थे। वह परिवार में इकलौते कमाने वाले थे। मनदीप की बूढ़ी मां, पत्नी और दो बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है।

कुलवंत सिंह- लांस नायक कुलवंत सिंह मोगा जिले के चारिक गांव के रहने वाले थे। कुलवंत का बेटा सिर्फ चार महीने का है। वहीं, उनकी एक बेटी भी है, जो सिर्फ डेढ़ साल की है, अब दोनों के सिर से पिता का साया छिन गया। परिजनों का कहना है कि कुलवंत के पिता करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। उस वक्त कुलवंत की उम्र सिर्फ दो साल थी। उनके पिता सशस्त्र बलों में थे।

हरकिशन सिंह- पंजाब में बटाला के रहने वाले हरिकिशन की उम्र सिर्फ 27 साल थी। वह साल 2017 में सेना में शामिल हुए थे, हरिकिशन की एक बेटी है, जिसकी उम्र सिर्फ तीन साल है। हरिकिशन के परिवार में उनके माता-पिता और पत्नी हैं, हरिकिशन ने शहीद होने से एक दिन पहले ही वीडियो कॉल पर अपने परिवार से बात की थी।

सेवक सिंह- बठिंडा के रहने वाले सिपाही सेवक सिंह का परिवार भी गमगीन है। परिवार के इकलौते बेटे सेवक सिंह की दो बहने हैं, इनमें एक की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी अविवाहित है। सेवक सिंह के परिजनों की मांग है कि सेना आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे, ताकि फिर वह ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके।

देवाशीष बिस्वाल- ओडिशा में पुरी जिले के खंडयात साही के रहने वाले लांस नायक देवाशीष बिस्वाल की शादी साल 2021 में हुई थी। बिस्वाल की बेटी सिर्फ 7 महीने की है और उसके सिर से पिता का साया छिन गया। बिस्वाल चार महीने पहले गांव आए थे, तब बेटी की उम्र सिर्फ तीन महीने थी। वह अपनी पत्नी से जल्दी घर आने का वादा करके गए थे। लेकिन अब उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा है।