श्री पद्मनाभ आचार्य के निधन पर पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक की श्रद्धांजलि।

“ईशान भारत के युवाओं को देश के युवाओं के समकक्ष बनाने में स्व. पद्मनाभ आचार्य जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा”, इन शब्दों में  उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने श्री पद्मनाभ आचार्य को अपने श्रद्धा सुमन अर्पण किए।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

श्री पद्मनाभ आचार्य के निधन पर पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक की श्रद्धांजलि।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

मुंबई, 10 नवम्बर।

“ईशान भारत के युवाओं को देश के युवाओं के समकक्ष बनाने में स्व. पद्मनाभ आचार्य जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा”, इन शब्दों में  उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने श्री पद्मनाभ आचार्य को अपने श्रद्धा सुमन अर्पण किए।

श्री राम नाईक ने कहा कि कर्नाटक से मुंबई आकर शुरू में 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' का काम करनेवाले श्री पद्मनाभ आचार्य जी का व मेरा लगभग 70 वर्षों से स्नेह था। आगे चल कर यद्यपि हमने भारतीय जनता पार्टी में मिल कर काम किया, लेकिन उन्होंने ईशान भारत जाकर वहाँ की जनता से जो रिश्ता बनाया वह अपने आप में विशेष और अनोखा था। 

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि ईशान क्षेत्रों की प्रगति के लिए पद्मनाभ जी ने जो सराहनीय प्रयास किए उनका उचित सम्मान माननीय राष्ट्रपति जी ने स्व. पद्मनाभ जी को मणिपूर, नागालँड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा व आसाम का राज्यपाल बना कर किया।

श्री राम नाईक ने कहा कि मुंबई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भाजपा, और साथ ही साथ वे जिस संस्थान के अध्यक्ष थे वह 'विद्यानिधी शिक्षा संस्था' भी स्व. पद्मनाभजी के कार्य का सदैव निरंतर स्मरण करेगी। 

मुंबई में इस्कॉन स्थापित करने में प्रभुपाद स्वामी व उनके शिष्यों को स्व. पद्मनाभ आचार्य जी ने जो सहयोग किया उसके कारण मुंबई उन्हें कभी भी भूल नहीं सकती।

"स्व. पद्मनाभ जी को मेरे शतश: नमन” इन शब्दों में  श्री नाईक ने अपना शोक जताया।