पुलिस का काफिला बांदा पहुंचा। न कोई गाड़ी नहीं पलटी और न ही मुख्तार किसी दरोगा की रिवाल्वर छीनकर भागा।

बांदा जेल में मुख्तार को 15 नंबर की बैरक में रखा जाएगा। मुख्तार अंसारी को लेकर बांदा जेल में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। जेल की हर दीवार पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है।
पुलिस का काफिला बांदा पहुंचा। न कोई गाड़ी नहीं पलटी और न ही मुख्तार किसी दरोगा की रिवाल्वर छीनकर भागा।

डा. शक्ति कुमार पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 7 अप्रैल।

यूपी पुलिस की टीम आखिरकार बुधवार तड़के 4.30 बजे बांदा जेल पहुंच गई। न कोई गाड़ी नहीं पलटी और न ही मुख्तार अंसारी किसी दरोगा की रिवाल्वर छीनकर भागा।

यहां मुख्तार को 15 नंबर की बैरक में रखा जाएगा। मुख्तार अंसारी को लेकर बांदा जेल में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। जेल की हर दीवार पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब की रोपड़ जेल से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी यूपी नहीं जाना चाहता था। दो साल में आठ बार यूपी पुलिस उसे लेने रोपड़ भी पहुंची लेकिन हर बार सेहत, सुरक्षा और कोरोना का कारण बताकर पंजाब पुलिस ने सौंपने से इनकार कर दिया था।

पंजाब पुलिस हर बार डॉक्टर की सलाह का हवाला देती रही कि अंसारी को डिप्रेशन, शुगर, रीढ़ से संबंधित बीमारियां हैं। ऐसे में उसे कहीं और शिफ्ट करना ठीक नहीं है।

21 जनवरी 2019 को मोहाली पुलिस बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को रियल एस्टेट कारोबारी से रंगदारी मांगने के आरोप में यूपी से प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी।

वह चौबीस जनवरी तक मोहाली में रहा था। जबकि 25 जनवरी को उसे रोपड़ जेल पहुंचाया गया था। इस दौरान मोहाली के काबिल अफसरों ने उससे पूछताछ की थी। मुख्तार पंजाब पुलिस के अफसरों को अपने परिवार का रसूख बताकर रौब में लेता था। उसका कहना था कि वह काफी उच्च परिवार से संबंध रखता है। जिस तरह के आरोप उस पर लगाए गए हैं, वह इस तरह के काम नहीं करता। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसको उत्तरप्रदेश में बांदा जेल लाया गया।