प्रतापगढ़: सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती फिर ब्लैकमेल कर वसूली करने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे।

 
प्रतापगढ़: सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती फिर ब्लैकमेल कर वसूली करने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
रिपोर्ट : शिवाकांत पाण्डेय

पट्टी।
कोतवाली पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती कर युवकों को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे की वसूली करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने युवती समेत कुल तीन लोगों को गिरफ्तार करने के साथ उनके विरुद्ध ब्लैकमेलिंग तथा जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब इस गिरोह के जाल में पट्टी कोतवाली में तैनात पीआरबी का एक सिपाही भी फंस गया था। जिससे युवती ₹200000 की मांग कर रही थी। पुलिस ने सिपाही की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध जालसाजी ब्लैकमेलिंग कर वसूली करने की रिपोर्ट दर्ज की। पीआरबी 1977 पर तैनात आरक्षी शिव कुमार यादव को एक युवती ने काजल यादव बनकर दोस्ती की। बाद में उससे लगातार फोन तथा फेसबुक वीडियो कॉल के जरिए दोस्ती का सिलसिला चलता रहा। फेसबुक वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग युवती द्वारा की गई। बीते 9 तारीख को युवती ने अचानक आरक्षी शिवकुमार से ₹200000 की मांग की उसके मना करने पर उसे मुकदमे में फंसा देने की धमकी देते हुए युवती ने उसे पैसे देने का दबाव बनाया। युवती ने पुलिस कंट्रोल 112 में 3 साल पहले शादी की बात करते हुए शिव कुमार की पत्नी बताते हुए मदद भी मांगी। ऐसे में पुलिस आरक्षी शिव कुमार यादव परेशान हो उठे इसी बीच 12 अक्टूबर को युवती ने पुनः शिवकुमार को वॉइस कॉल के जरिए ₹200000 उड़ैयाडीह बाजार में पहुंचाने की बात कही और खुद को बाजार में मौजूद बताया। ऐसे में शिव कुमार यादव ने अपने सहयोगी आरक्षण का सहयोग लेकर युवती तथा उसके दो साथियों को दबोच लिया और उन्हें लेकर पट्टी कोतवाली आए। जहां पूछताछ के दौरान युवती ने अपना नाम रोशनी सरोज निवासी कसेरूआ मीरगंज जनपद जौनपुर तथा साथियों के नाम अखिलेश सरोज पुत्र राम अछैवर सरोज गुड़ाई मोहल्ला मुंगरा बादशाहपुर तथा मुकेश सिंह निवासी कीर्तिपुर सुरियावां भदोही बताया है। मुकेश सिंह ने बताया कि अखिलेश रोशनी का जीजा है। यह लोग आपस में मिलकर सोशल मीडिया साइट के जरिए युवकों को ब्लैकमेल करने का काम करते हैं। शिव कुमार यादव के सिपाही होने के कारण वह लोग दबोच लिए गए और मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने पकड़े गए सभी आरोपियों को ब्लैक मेलिंग कर पैसे की वसूली करने तथा धोखाधड़ी करने के आरोप में जेल भेज दिया है।