प्रतापगढ़- प्रिंसिपल ने छात्र को घोषित किया अपराधी, विद्या के मंदिर में छात्र ने किया था तालिबानी सजा का विरोध।।

गुरुजी बने न्यायाधीश, लिख दी छात्र के भविष्य की कहानी।।
 
प्रतापगढ़- प्रिंसिपल ने छात्र को घोषित किया अपराधी, विद्या के मंदिर में छात्र ने किया था तालिबानी सजा का विरोध।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 11 नवंबर:- खबर यूपी के जनपद प्रतापगढ़ से है जहाँ विद्या के मंदिर के गुरु ने ही छात्र को अपराधी घोषित कर दिया, जिससे छात्र का भविष्य अंधकारमय हो गया। छात्र की बस इतनी गलती थी की उसने अपनी तालिबानी सजा का विरोध किया था, और विद्यालय से नाम कटवाकर कही और पढ़ने के लिए अपने ट्रांसफर सर्टिफिकेट की मांग की थी। इस बात से नाराज प्रिंसिपल ने छात्र को टीसी में घोषित किया अपराधी, पिटाई से नाराज छात्र के अभिभावक ने प्रिंसीपल से मांगी तो टीसी में 11वीं के छात्र की टीसी पर लिख दिया अपराधी। पीड़ित मा ने प्रिंसीपल से की मन्नते तो बताया देशभर में अब नहीं होगा एडमिशन।

प्रतापगढ़- प्रिंसिपल ने छात्र को घोषित किया अपराधी, विद्या के मंदिर में छात्र ने किया था तालिबानी सजा का विरोध।।

पूरा मामला:- पूरा मामला जनपद प्रतापगढ़ के मंगरौरा ब्लाक के नेवरा स्थित जगेश्वर यादव इंटर कालेज का है। जहाँ पर मंगरौरा ब्लाक में स्थित जगेश्वर यादव इंटर कालेज के प्रिंसिपल ने कक्षा 11 के छात्र शिवशान्त सिंह के टीसी पर प्रिंसिपल ने अपराधी घोषित कर दिया, जब पीड़ित की माँ विद्यालय पहुँचकर इस बाबत प्रिंसिपल से मन्नते करने लगी तो उसे धमकाते हुए बोला मुझे जो करना था कर दिया अब कुछ नही होगा, इसका पूरे देश में कही भी चले जाओ कहीं एडमिशन नही मिलेगा, मैं कई छात्रों को मार चुका हूं किसी ने विरोध नहीं किया। जिसके बाद से परिवार अफसरों की चौखट के चक्कर लगा रहा है इस कलंक से छुटकारा पाने को इतना ही नहीं डीआईओएस से लेकर मुख्यमंत्री तक प्रार्थना पत्र देकर फरियाद लगाई है।

छात्र ने बताया कि डंडे से गुरु जी ने पीटा था:- बता दे कि टीसी में कक्षा 9 और 11 में इसी छात्र का चरित्र उत्तम भी दर्शाया गया है, इस बाबत छात्र शिवकांत ने बताया कि बीती 27 तारीख को छात्रों में आपस मे विवाद हुआ था जिसके मुझे डंडे से गुरु जी ने पीटा था जिसमे सिर और हांथ में चोट भी आई थी इसी बात का विरोध करने और टीसी मांगने पर टीसी में अपराधी लिख दिया।

डीआईओएस ने बताया:- उन्होंने बताया कि मामला आईजीआरएस के माध्यम से संज्ञान में आया है जांच कराई जा रही है जो भी तथ्य सामने उसके आधार पर की जाएगी, प्रथम दृष्टया किसी भी छात्र की टीसी पर इस तरह का अंकन किया जाना न्यायोचित नहीं है। इस मामले में जिस तरह से गुरु जी ने छात्र को अपराधी घोषित कर दिया है, इस तरह अदालत भी किसी को अपराधी नहीं मानती। हत्या में भी किसी को जब तक सजा नहीं हो जाती तब तक कानून उसे अपराधी नहीं बल्कि आरोपी माना जाता है अब ऐसे में क्या गुरु जी अदालतों से भी ऊपर है ये बड़ा सवाल है।।