प्रतापगढ़- यातायात माह का हुआ शुभारंभ, नियमों का नहीं किया पालन तो तुरंत कटेगा चालान।।

क्या है सड़क सुरक्षा के नियम और कैसे घटी जनपद में चालान की संख्या।।
 
प्रतापगढ़- यातायात माह का हुआ शुभारंभ, नियमों का नहीं किया पालन तो तुरंत कटेगा चालान।।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 01 नवंबर:- हर साल पुलिस विभाग द्वारा नवंबर माह को यातायात माह के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करते हुए हादसों में कमी लाई जा सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सड़क दुर्घटनाओं में जिस तरह से इजाफा हो रहा है उससे सिर्फ पांच से दस साल के अंदर यह लोगों के मरने का सबसे बड़ा पांचवां कारण होगा। सिर्फ पिछले साल की ही बात करें तो हर घंटे औसतन 57 यानि लगभग हर मिनट में एक सड़क दुर्घटना हो रही है, आंकड़ों के अनुसार हर घंटे सड़क दुर्घटनाओं में सत्रह लोगों की मौत हो रही है। यातायात माह में लोगो तक जागरूक करके इन्ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाती है। प्रतापगढ़ में एक नवंबर (आज) से शुरू हो रहे यातायात माह पर विशेष अभियान चलाकर न सिर्फ लोगों को जागरूक किया जाएगा, बल्कि नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। यातायात माह के दौरान जीवन रक्षा हेलमेट, सीट बेल्ट, प्रदूषण प्रमाणपत्र से जुड़े नियम तोड़ने वालों पर सख्ती से निपटा जाएगा। शहर के राजपाल टंकी चौराहे से सोमवार सुबह 11 बजे विशेष अभियान का उद्घाटन किया जाएगा और पूरे एक महीने में लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। वहीं विशेष वाहन चेकिंग अभियान भी शुरू किया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक किए जाएंगे और नियमों से संबंधित पर्चे बांटे जाएंगे।

नाबालिग के हाथ में न दें वाहन:- ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि पूरे महीने में दो पहिया वाहनो पर हेलमेट व निर्धारित गति सीमा से तेज चलाने वाले वाहन चालक, चार पहिया वाहन में शीट बेल्ट, वाहन चलाते वक्त नशा व मोबाइल का प्रयोग करने वाले, नाबालिग के हाथ में वाहन, बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट, लाइसेंस व बीमा प्रमाण पत्र वाले और एकल दिशा व रॉन्ग साइड में वाहन न चलाने के लिए जागरूक किया जाएगा। अगर इसके बाद भी कोई नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ड्राइवर की लापरवाही हादसे का सबसे बड़ा कारण:- सड़क पर हो रही दुर्घटनाओं के कारणों की बात करें तो ड्राइवर की गलती सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण होती है। आंकड़ों के अनुसार कुल सड़क दुर्घटनाओं में 77 फीसदी से अधिक मामलों में ड्राइवर की गलती पाई जाती है। यहां यह ध्यान देने की बात है कि शराब को सड़क दुर्घटनाओं के लिए सबसे ज्यादा दोषी ठहराया जाता है जबकि कुल दुर्घटना के पीछे इसका योगदान छ फीसदी से कुछ ही ज्यादा है, ड्राइवरों की सबसे बड़ी गलती ओवर स्पीडिंग यानि ज्यादा तेज गति (66 फीसदी से अधिक) से वाहन चलाना पाया गया है। यानि सड़कों पर तेज गाड़ी चलाने के कारण सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।

सड़क हादसे में मरने वालों में युवा सबसे ज्यादा:- भारत हमेशा अपनी युवा आबादी पर गर्व करता है क्योंकि इसके पास विश्व में सबसे ज्यादा युवा आबादी रहती है। लेकिन इस मामले में दुःख का विषय है कि सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा इसी वर्ग से है, सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में 15 वर्ष से 35 वर्ष के युवा सबसे ज्यादा होते हैं। यह आंकड़ा कुल मरने वालों के 54 फीसद से भी अधिक है।

सड़क सुरक्षा के नियम

पैदल यात्रियों के लिए नियम

  • सड़क पर पैदल यात्रा करते समय हमेशा वाहनों से सतर्क रहें।
  • हमेशा फुटपाथ पर ही चलें जहां फुटपाथ ना हो वहां हमेशा बाईं ओर चलें।
  • रात में सड़क पर निकलने से पहले हो सके तो सफेद या हल्के रंग के व चमकीले कपड़े पहने। ताकि वाहन चालक को आप दूर से दिखाई दे।
  • बच्चों के साथ चलते समय उनका हाथ पकड़े रखें और उन्हें ट्रैफिक की तरफ न चलने दें।
  • सड़क पार करते समय हमेशा ज़ैब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करें और जहां ज़ैब्रा क्रॉसिंग ना हो वहां दोनों तरफ देखें और फिर सड़क पार करें।
  • शराब पीकर सड़क पर ना चले।
  • सड़क पार करते समय मोबाइल फोन का प्रयोग ना करें।
  • तीव्र मोड़ पर सड़क पार ना करें।
  • रेलिंग से छलांग लगाकर सड़क पार ना करें।
  • पुलिस एंबुलेंस या कोई भी आपातकालीन वाहन को रास्ता दें।

वाहन चालकों के लिए सड़क सुरक्षा नियम

  • वाहन चलाने से पहले चालक का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए।
  • चालक को हमेशा विनम्र और धैर्यशील रहना चाहिए।
  • ड्राइविंग करने से पहले किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ऐसे जूते, चप्पल या पोशाक न पहनें जिससे आपको ड्राइविंग में कठिनाई हो।
  • कार में सामान को इस तरह न रखें कि आपको ड्राइविंग में किसी भी कोण पर मोड़ने में कोई कठिनाई हो।
  • चलने से पहले एक बार वाहन के चारों ओर घूम कर निरीक्षण जरूर करें कि कहीं वाहन के टायर या किसी अन्य पार्ट में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं है।
  • गाड़ी में बैठकर ड्राइविंग करने से पहले पेट्रोल की मात्रा जरूर चेक करें ताकि यात्रा के समय आपको कोई परेशानी ना हो।
  • गाड़ी स्टार्ट करने से पहले सीट बेल्ट जरूर लगाएं।
  • चलने से पहले साइड मिरर को अपने हिसाब से सेट कर ले ताकि बाद में ड्राइविंग करते समय आपको पीछे की वस्तु देखने में कोई कठिनाई न हो।

वाहन चलाते समय

  • वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग ना करें।
  • ड्राइविंग के दौरान तेज गति का संगीत ना सुने।
  • गाड़ी के अंदर बच्चों या जानवरों के साथ ध्यान न बटाए।
  • गाड़ी चलाते समय न अति आत्मविश्वास रखें और न ही आत्मविश्वास की कमी होनी चाहिए।
  • गति सीमा पार न करें।
  • ट्रैफिक सिग्नल का हमेशा पालन करें, लाल पर रुके, पीले पर चलने के लिए तैयार हो और हरे पर चलें।
  • मोड पर गाड़ी मोड़ते समय इंडिकेटर (लैंप) का प्रयोग करें। यदि लैंप खराब हो तो हाथ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • जैसा कि भारत में हमें बाई दिशा में ड्राइविंग करनी होती है तो वाहन को हमेशा बाई दिशा मेंं ही चलाएं।
  • वाहन हमेशा लेन के निशानों के अंदर ही चलाएं।
  • लेन बदलते समय हमेशा MSM और PSL तकनीक का प्रयोग करें।

सड़क सुरक्षा नियम:- सड़क सुरक्षा आज हमारे लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है। इसके लिए हमें एक गहन अध्ययन की जरूरत है। क्योंकि जैसे-जैसे मानव तरक्की की राह पर चल रहा है, वैसे वैसे ही हम अपने आराम के साधन भी जोड़ रहे हैं। पहले हम पैदल यात्रा किया करते थे लेकिन जैसे-जैसे मानव ने तरक्की की है, पहले बैलगाड़ी, साइकिल, मोटरसाइकिल और आज तो हम एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए कार आदि का प्रयोग करने लगे हैं। जैसे-जैसे हमारी जरूरतें बढ़ती जा रही हैं वैसे ही वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसी के साथ दुर्घटनाओं की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। दिन प्रतिदिन बढ़ती दुर्घटनाओं का कारण जागरूकता की कमी है। हम आज इतने सक्षम ज़रूर हो गए हैं कि हर तीसरे आदमी के पास कार है। वह कहीं भी आने-जाने के लिए अपनी खुद की गाड़ी से जाना पसंद करता है, लेकिन केवल गाड़ी खरीदने या चलाने से कुछ होने वाला नहीं है। यदि हम यातायात के नियमों को लेकर जागरूक नहीं है। जब तक हमें सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी नहीं होगी तब तक हम यूं ही दुर्घटना के शिकार होते रहेंगे। इसलिए आज हम सभी को खासकर युवा पीढ़ी को सड़क सुरक्षा नियमों को जानने की बहुत जरूरत है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह को मनाने के उद्देश्य

  • सड़क सुरक्षा अभियान को मनाने का उद्देश्य समुदाय, स्कूल, कॉलेज, कार्यशालाओं, सड़कों आदि पर लोगों के बीच में सड़क सुरक्षा के साधनों को बढ़ावा देना है।
  • सड़क सुरक्षा साधनों का प्रयोग करने के द्वारा सड़क दुर्घटनाओं, सड़क दुर्घटना में मृत्युओं और चोटों को कम करने और पूरी तरह से हटाने के लिए।
  • सभी यात्रियों को यातायात के नियमों का पालन करने और ड्राइविंग के दौरान हेलमेट या सीट बेल्ट लगाने के लिए बढ़ावा देना।
  • उन सुरक्षा के नए साधनों को लागू करने के लिए, जो सड़क दुर्घटनाओं को के खतरे, मृत्यु या चोट लगने को कम करने के लिए साबित हो चुके हैं।
  • सड़क दुर्घटनाओं को बचाने के लिए लोगों को वाहनों की गति सीमा के बारे में जागरुक करने के लिए।
  • लोगों को जागरुक करने के लिए कि थके होने पर या नशे में होने पर वाहन नहीं चलाए और वाहन चलाते समय फोन या रेडियो का प्रयोग नहीं करें।

सड़क सुरक्षा के नियमो के प्रति जागरूक हो रहे है लोग घटी चालान की संख्या:- अब हम बात करते है बीते 2 माह में जनपद में यातायात नियमों के उल्लंघन में कटे चालानों की तो सितंबर माह में 5178 चालान कटे थे जिनमें नो पार्किंग पर 150 लोगो को जुर्माना भरना पड़ा, सीट बेल्ट पर 300 लोगो को भी जुर्माना भरना पड़ा, इस लिस्ट में गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करते हुए 26 लोगो का भी जुर्माना किया गया। ध्वनि और वायु प्रदूषण पर 81, बिना लाइसेंस के 8 लोगो का भी चालान काटा गया, अन्य में 313 लोगो का चालान कटा और सबसे ज्यादा बिना हेलमेट के 4300 लोगो का चालान किया गया।

अब बात करते है अक्टूबर माह में कटे चालानों पर तो आपको बता दे कि अक्टूबर माह में 3118 चालान हुए जिनमे बिना हेलमेट के 2500, एक बाइक पर 3 सवार 154, ध्वनि और वायु प्रदूषण पर 75, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हुए 20 लोगो के, नो पार्किंग में वाहन पार्क करते हुए 100, सीट बेल्ट पर 215 और बिना लाइसेंस के 54 लोगो का चालान कटा।

ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर ने बताया:- प्रतापगढ़ जनपद के ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि यातायात के नियमों का पालन केवल कार्रवाई या जुर्माने के डर से ही क्यों किया जाए। जबकि ये नियम हमारी स्वयं की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। इनका पालन करना हमारा प्रथम दायित्व ही नहीं, जिम्मेदारी भी है। शहर में युवाओं को तेज गाड़ी चलाना बहुत पसंद है, लेकिन वे यह बात नहीं जानते कि उनके कारण कई लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है। यही नहीं स्वयं की जान भी तब तक दांव पर लगी रहती है, जब तक वे घर नहीं पहुंच जाते हैं। वहीं कार चालक भी सीट बेल्ट नहीं बांधते हैं। वाहनों में तेज हॉर्न और अलग से साउंड फिट साइलेंसर लगवा कर, बिना हेलमेट के वाहन चलाने में, बिना इन्सुरेंस के वाहन फर्राटा भरने मेंं हमारा स्वयं का ही नुकसान है, फिर भी हम सब इन बातों को जानते हुए भी यातायात के नियमों का उल्लंघन करते रहते है।।