राजधानी में साइबर क्राइम के दो बड़े मामलों में ठगों ने 43 लाख 50 हजार रुपए ठिकाने लगा दिये।

इंग्लैंड की महिला ने युवक से 13 लाख 50 हजार रुपये और अन्य ठगों ने इंडियन मर्केंटाइल बैंक के 30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिये।
 

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 13 अगस्त।
राजधानी में साइबर क्राइम के दो बड़े मामले प्रकाश में आये हैं। एक में फेसबुक पर दोस्ती लखनऊ के एक युवक के लिए भारी पड़ गई। इंग्लैंड की एक कथित महिला ने राजधानी के युवक से 13 लाख 50 हजार रुपये हड़प लिए। दूसरे मामले में साइबर ठगों ने इंडियन मर्केंटाइल बैंक की ई-मेल आईडी हैक करके बैंक ऑफ बड़ौदा से तीन खातों में 30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिये।

पहले मामले में पीड़ित ने कैसरबाग कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। पीड़ित के मुताबिक चार माह पहले उन्हें लोरा एम नाम की महिला ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। आरोप है कि महिला ने बातों में उलझाकर सुदीप को शादी का प्रस्ताव भेज दिया। इसके बाद उसने कहा कि उसे लखनऊ में फ्लैट खरीदना है और वह इसके लिए रुपये कूरियर के माध्यम से भेज रही है।

16 जुलाई को सुदीप के पास दिल्ली की कूरियर कंपनी से फोन आया कि आपके पास भेजी गई विदेशी मुद्रा पहुँच गई है, जिसका टैक्स 75 हजार रुपये आपको जमा करना है। झांसे में आकर सुदीप ने रुपये जमा कर दिए। इसके बाद ठगों ने अलग अलग मदों में सुदीप से कुल 13 लाख 50 हजार रुपये जमा करा लिए।

अन्तत: जब पीड़ित के पास विदेशी मुद्रा की रकम नहीं पहुँची तो उसे ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद पीड़ित ने एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

दूसरे मामले में जानकारी प्राप्त हुई है कि इंडियन मर्केंटाइल बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा विपुलखण्ड ब्रांच में अकाउंट है। साइबर ठगों ने इंडियन मर्केंटाइल बैंक की ई-मेल आईडी हैक करके बैंक ऑफ बड़ौदा की विपुल खण्ड शाखा को तीन खातों में रुपये ट्रांसफर करने की रिक्वेस्ट भेजी। ई-मेल के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताये गये खातों में 30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिये गये। इस ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी होने पर इंडियन मर्केंटाइल बैंक के अधिकारी सन्न रह गये।अब इस मामले में रुपये हासिल करने वाले खाताधारकों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

कैंट रोड स्थित इंडियन मर्केंटाइल कोआपरेटिव बैंक के बैंक के सीईओ विनय भूटानी के अनुसार आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक लिक्विडिटी बनाये रखने के लिये उन्होंने सात करोड़ 25 लाख की एफडी कराई थी। साथ ही एक ओवरड्राफ्ट खाता खोला गया था।जिसका संचालन विनय भूटानी, पीके तलवार, विनोद गौतम और राजेश श्रीवास्तव संयुक्त रूप से करते हैं।

16 जून को बैंक की तरफ से 50 लाख की एफडी कराने के लिये बैंक ऑफ बड़ौदा को पत्र भेजा गया था। जिसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा से उन्हें सूचना मिली की एफडी बनने के बाद खाते में 24 लाख रुपये बचेंगे। यह बात सुनते ही विनय भूटानी व उनके साथी हैरान रह गये। बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंच कर छानबीन करने पर पता चला कि 8 जून से 16 जून के बीच जीशान, शाकिब खान और बालाजी इंटरप्राइजेज के खाते में करीब 30 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये है।

विनय भूटानी के अनुसार उनके बैंक की तरफ से रुपये ट्रांसफर करने के लिये नहीं कहा गया था। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों ने बताया कि इंडियन मर्केंटाइल बैंक की ई-मेल आईडी से रिक्वेस्ट भेजी गई थी, जिसके बाद संबंधित खातों में रुपये भेजे गये।

19 जून को विनय भूटानी ने याहू कम्पनी से बैंक की ई-मेल आईडी से डिलीट की गई मेल की जानकारी मांगी। 20 जनवरी को जवाब आने पर पता चला कि उनके बैंक की आईडी का इस्तेमाल कर बैंक ऑफ बड़ौदा को रुपये ट्रांसफर करने के लिये कहा गया था। साथी अधिकारियों से पूछताछ करने पर उन्होंने ऐसा कोई ई-मेल भेजने से इंकार किया।

इंस्पेक्टर गोमतीनगर धीरज सिंह के अनुसार, इंडियन मर्केंटाइल के सीईओ की तहरीर पर रुपये हासिल करने वाले खाताधारकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।