अरविन्द कुमार शर्मा का विधान परिषद् सदस्य चुना जाना तय‌। अब उपमुख्यमंत्री बनने की चर्चा शुरू।

चुनावी वर्ष में प्रवेश कर रही भाजपा पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को प्रदेश सरकार में अहम जिम्मेदारी देकर उनके प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाने का मन बना रही है।
 
अरविन्द कुमार शर्मा का विधान परिषद् सदस्य चुना जाना तय‌। अब उपमुख्यमंत्री बनने की चर्चा शुरू।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 16 जनवरी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अत्यन्त करीबी अरविन्द कुमार शर्मा के लखनऊ आकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद से ही उत्तरप्रदेश की योगी सरकार में बड़ा फेरबदल होने की चर्चा शुरू हो गई थी।

भाजपा द्वारा आते ही उन्हें विधान परिषद सदस्य का उम्मीदवार बनाने के बाद अब यह भी चर्चा जोरों से चल रही है कि वे प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री का ओहदा संभालेंगे और सरकार में बराबर की हैसियत में रहेंगे।

दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को विधान परिषद में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। उन्हें सभापति बनाकर उच्च सदन में सरकार के विधायी संचालन को आसान बनाया जाएगा। विधान परिषद् के सभापति रमेश यादव का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है।

चुनावी वर्ष में प्रवेश कर रही भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद निकट रहकर काम कर चुके पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को योगी सरकार में अहम जिम्मेदारी देकर उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव का लाभ उठाने का मन बनाया है, ऐसी चर्चा शुरू हो गई है।

सूत्रों ने बताया कि अरविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके अलावा उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव को ध्यान में रखकर उन्हें गृहमंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण विभाग सौंपे जाएंगे। इससे उनकी सरकार में मौजूदगी का फायदा जमीनी स्तर पर जनता को मिल सकेगा और सरकार की इमेज में अपेक्षित सुधार हो सकेगा।

माना जा रहा है कि अरविंद कुमार शर्मा के वरिष्ठ आईएएस होने की वजह से सरकारी मशीनरी को गतिशील करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को भी ठीक से काम पर लगाया जा सकेगा।

विधान परिषद में अभी तक भाजपा को बहुमत हासिल नहीं है। इस बार सभापति के रिटायर होने की वजह से नए सभापति का चुनाव होगा। दिनेश शर्मा की छवि अन्य सदस्यों के बीच अच्छी है और ऐसे में उनका सर्वसम्मति से चुनाव कराना आसान होगा। इसलिए भी उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जाने की सम्भावना है।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले गुजरात काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।

शर्मा ने बातचीत में हालांकि बड़ी जिम्मेदारी वाली अटकलों से संबंधित सवालों को यह कहकर टाल दिया कि “बीजेपी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं पूरी ईमानदारी के साथ उसका निर्वहन करूंगा।”

प्रधानमंत्री से नजदीकी के कारण बीजेपी के नेताओं के बीच शर्मा को लेकर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि उन्हें सरकार में कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।

शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। मैं कृतज्ञ और आभारी हूं। खासकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का, प्रधानमंत्री मोदी का, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं का।’

बीजेपी में शामिल हुए प्रशासनिक अधिकारियों में विदेश मंत्री एस जयशंकर और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। वह वर्ष 2001 से 2020 के बीच प्रधानमंत्री मोदी के करीबी सहयोगी अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं। वह गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय तथा उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कार्यरत रहे हैं। उन्होंने समय से दो साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है।

एक अन्य ट्वीट में 1988 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा ने कहा, ‘ग्रामीण परिवार के एक व्‍यक्ति को जिसने संघर्ष कर आईएएस की नौकरी पाई उसे भारत सरकार के सचिव पद से निवृत्ति से दो साल पहले विश्‍व की सबसे बड़ी पार्टी में ससम्‍मान लाना, ये नरेंद्र मोदी और बीजेपी ही कर सकते हैं। कृतज्ञ हूं।’