अधिवक्ता परिषद मेरठ के महामंत्री ओमकार तोमर ने शनिवार को आत्महत्या कर लिया।

मृतक के बेटे ने थाने में तहरीर देकर बीजेपी विधायक समेत 14 लोगों पर आरोप लगाया कि इनके दबाव के कारण उसके पिता ने आत्महत्या किया है।
 
अधिवक्ता परिषद मेरठ के महामंत्री ओमकार तोमर ने शनिवार को आत्महत्या कर लिया।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 14 फरवरी।
अधिवक्ता परिषद मेरठ के महामंत्री ने शनिवार को आत्महत्या कर लिया। मृतक के बेटे ने थाने में तहरीर देकर बीजेपी विधायक समेत 14 लोगों पर आरोप लगाया कि इनके दबाव के कारण उसके पिता ने आत्महत्या की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, म़ृतक के बेटे के ससुराल वालों ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके लिए लड़की पक्ष को 15 लाख रुपए कैश देने का दबाव बनाया जा रहा था।

मृतक के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इस पर वकीलों ने थाने पहुंच कर हंगामा किया और सड़क पर जाम लगा दिया। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष और पथिक सेना के अघ्यक्ष भी जाम में शामिल हो गए। घंटों के हंगामे के बाद पुलिस के एफआईआर दर्ज की, तब जाम खुल पाया।

गंगानगर थाना क्षेत्र के ईशा पुरम निवासी ओमकार तोमर अधिवक्ता परिषद के जिला महामंत्री थे। शनिवार को ओमकार तोमर ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। मौके पर सुसाइड नोट मिला।

ओमकार तोमर की मौत की खबर पर वहां पहुंचे अधिवक्ताओं को पुलिस ने सुसाइड नोट दिखाने से मना कर दिया। इस पर वकीलों ने हंगामा किया। बाद में एसएसपी की ओर से सुसाइड नोट को सील कराने के बाद वकील शांत हो गए।

मृतक के बेटे दिव्येश ने थाना गंगा नगर में तहरीर दी। तहरीर में बताया गया कि उसके भाई लव कुमार की शादी गत वर्ष खतौली निवासी स्वाती पुत्री राजकुमार से हुई थी। शादी के बाद दोनों के बीच विवाद हुआ। इस पर स्वाति ने खतौली थाने में अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर दिया। तभी से स्वाति के परिजन 15 लाख कैश, कार और सामान वापस देने की मांग कर रहे थे।

दिव्येश का आरोप है कि 7 फरवरी को हस्तिनापुर क्षेत्र के बीजेपी विधायक दिनेश खटीक ने उनके पिता और परिवारवालों को अपने रजपुरा स्थित फार्म हाउस पर बुलाया था। वहां विधायक के साथ कई अन्य जनप्रतिनिधि भी थे। आरोप है कि विधायक ने उनके पिता के साथ बदतमीजी की और लड़की पक्ष को 15 लाख रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी दी।

आरोप है कि विधायक दिनेश खटीक ने मृतक को फोन पर भी धमकी देकर दबाव बनाया था। दिव्येश के अनुसार तभी से उनके पिता दबाव में थे। दिव्येश के अनुसार शुक्रवार को भी कुछ लोग उनके घर आए थे। उन्होंने बताया था कि उन्हें विधायक ने भेजा है। उन लोगों ने भी पिता को धमकाया था। इसी दबाव में पिता ने आत्महत्या की है।

दिव्येश की तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज करने को टालती रही। इसकी जानकारी मिलने पर वकील थाने पहुंच कर हंगामा करने लगे। समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह और पथिक सेना के अघ्यक्ष मुखिया गुर्जर भी वहां पहुंचे गए। सभी लोग मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क पर बैठ गए।

स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने बीजेपी विधायक दिनेश खटीक समेत 14 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद वकीलों ने जाम समाप्त कर दिया। साथ ही चेतावनी दी कि आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

हस्तिनापुर के बीजेपी विधायक दिनेश खटीक का कहना है कि यह उनके राजनीतिक विरोधियों की ओर से यह षड्यंत्र किया गया है। मैंने मृतक वकील साहब के अनुरोध पर जनप्रतिनिधि होने के नाते दोनों पक्षों को बैठा कर समझौता कराने का प्रयास किया था। पुलिस निष्पक्ष जांच करें, मैं जांच में पूर्ण सहयोग करूंगा।