चीनी मिल घोटाला : ईडी ने बसपा नेता मोहम्मद इकबाल द्वारा खरीदी गई सभी सात चीनी मिलों को किया अटैच।

ईडी ने इन चीनी मिलों की कीमत 1097.18 करोड़ रुपये आंकी है, जबकि इकबाल ने इन्हें महज 60.28 करोड़ रुपये में खरीद लिया था।
 
चीनी मिल घोटाला : ईडी ने बसपा नेता मोहम्मद इकबाल द्वारा खरीदी गई सभी सात चीनी मिलों को किया अटैच।

डा. एस. के. पाण्डेय
विशेष संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 10 मार्च।
उत्तरप्रदेश में मायावती की सरकार के दौरान 2010-11 में हुए चीनी मिल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बसपा के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल द्वारा खरीदी गई सभी सात चीनी मिलों को अटैच कर लिया है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है।

ईडी ने इनकी कीमत 1097.18 करोड़ रुपये आंकी है, जबकि इकबाल ने इन्हें महज 60.28 करोड़ रुपये में खरीदा था।

इकबाल की शेल कंपनियों “नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड” और “ग्रिआशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड” के जरिये ये चीनी मिलें खरीदी गई थीं।

ईडी ने दो साल पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी।

केंद्रीय एजेंसी सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस की जांच में भी मामले में अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने की पुष्टि हुई है।

सूत्रों के मुताबिक इकबाल ने “ग्रिआशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड” और “नम्रता प्राइवेट लिमिटेड” ने सात ऐसी कंपनियों को खरीदा जो 2011 में ही रजिस्टर हुईं थीं। ये कंपनियां “एब्लेज चीनी मिल्स प्राइवेट लिमिटेड”, “आदर्श शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड”, “एंजिल शुगर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड”, “ईकोन शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड”, “मैजेस्टी शुगर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड”, “मास्टिफ शुगर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड” और “ओकरा शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड” हैं।

खरीदी गई चीनी मिलें थी – कुशीनगर की लक्ष्मीगंज शुगर यूनिट, रामकोला यूनिट व छितौनी युनिट के अलावा बरेली यूनिट, देवरिया यूनिट, हरदोई यूनिट और बाराबंकी यूनिट।

मामले की जांच में लगी ईडी की टीम ने दो साल पहले मोहम्मद इकबाल के सहारनपुर व दिल्ली आवास पर छापे मारे थे। इस कार्रवाई में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए थे।

जांच के दौरान पता चला था कि इकबाल ने नियमों को दरकिनार कर चीनी मिलों की बिड में हिस्सा लिया। इसके अलावा शर्तों को पूरा किए बिना अपने सहयोगियों व परिवार के लोगों की मदद से इन मिलों को कौड़ियों भाव में हथिया लिया।

इस बहुचर्चित घोटाले की जांच सीबीआई भी कर रही है। जो चीनी मिलें इकबाल ने खरीदी थीं उसके बारे में लेखा परीक्षा की रिपोर्ट में भी प्रशासनिक और वित्तीय विसंगतियों के बारे में टिप्पणी की गई थी।

उल्लेखनीय है कि 2010-11 में प्रदेश की बंद पड़ी चीनी मिलों को मुखौटा कंपनियों के जरिये खरीदा गया। इस बाबत 2017 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई।

मुखौटा कंपनियों में डायरेक्टर राकेश शर्मा निवासी रोहिणी दिल्ली, धर्मेंद्र गुप्ता निवासी इंदिरापुरम गाजियाबाद, सौरभ मुकुंद निवासी साउथ सिटी सहारनपुर, मोहम्मद जावेद निवासी मिर्जापुर, सुमन शर्मा निवासी रोहिणी दिल्ली, मोहम्मद नसीम अहमद निवासी मिर्जापुर, मोहम्मद वाजिद पुत्र मोहम्मद इकबाल निवासी मिर्जापुर को नामजद किया गया था।