एसआईटी ने इशारा किया कि महोबा के इन्द्रकान्त त्रिपाठी की हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या थी।

इन्द्रकान्त त्रिपाठी के भतीजे शरद त्रिपाठी का कहना है कि एसआईटी द्वारा आरोपित अफसरों के प्रति नरमी बरती जा रही है। वह कहते हैं कि एसआईटी की जांच को चुनौती दी जाएगी।
 
एसआईटी ने इशारा किया कि महोबा के इन्द्रकान्त त्रिपाठी की हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या थी।

डा. एस. के. पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 27 सितम्बर।
विस्फोटक कारोबारी इंद्रकान्त त्रिपाठी की मौत के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने त्रिपाठी की हत्या के बजाय आत्महत्या की तरफ इशारा किया है। इस पर कारोबारी के परिजनों को आपत्ति है और वे इस रिपोर्ट को चुनौती देंगे।

एसआईटी ने जांच के बाद कहा है कि कारोबारी की मौत उन्हीं की रिवॉल्वर से चली गोली से हुई। गोली गर्दन में नजदीक से मारी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मानें तो गोली गर्दन में पीछे से लगी जो आगे से निकल गई। यही विरोधाभास जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़ा कर रहा है।

परिजनों का आरोप है कि एसआईटी का रुख आरोपित पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई थाना प्रभारी रहे देवेन्द्र शुक्ला को बचाने का है जबकि परिजनों और पार्टनरों को बार-बार पूछताछ कर प्रताड़ित किया गया।

कारोबारी के भतीजे शरद त्रिपाठी का कहना है कि एसआईटी जांच में पूरा सहयोग किया गया, लेकिन आरोपित अफसरों के प्रति नरमी बरती जा रही है। वह कहते हैं कि एसआईटी की जांच को चुनौती देने के लिए तैयारी कर ली गई है।

परिजनों का कहना है कि अब तक आरोपितों के बारे में जांच टीम ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, और न ही किसी की गिरफ्तारी की है। पूर्व एसपी के रहस्यमय ढंग से कोरोना संक्रमित होने के बाद एसआईटी ने यह तक नहीं बताया कि कब इनकी जांच कराई गई और पॉजिटिव रिपोर्ट कब आई। जांच टीम को जानकारी देनी चाहिए कि पूर्व एसपी कहां पर क्वारंटीन हैं और साक्ष्य भी पेश करना चाहिए। परिजनों ने आरोपित देवेन्द्र शुक्ला, कारोबारी सुरेश सोनी और ब्रम्हदत्त से मिले साक्ष्य को भी साझा करने की मांग उठाई है और कहा कि पूर्व एसपी और आशु भदौरिया के बीच हुई बातचीत की जांच होनी चाहिए।

परिजनों का यह भी कहना है कि पूर्व एसपी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सहित अन्य मामलों की जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है। कप्तान साहब की जांच उनके मातहत से कराने पर भी परिजनों ने सवाल उठाए हैं। परिजनों का कहना है कि वह पहले से ही अधिकारियों पर जांच को प्रभावित करने और दबाव बनाने के आरोप लगा रहे हैं। इसलिए पूर्व एसपी की जांच समकक्षीय अधिकारी से कराई जाए, ताकि सच सामने आ सके।

उल्लेखनीय है कि महोबा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को हर माह छह लाख रुपये देना बंद करने के बाद से क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी और पूर्व एसपी के बीच विवाद शुरू हुआ। पूर्व एसपी से विवाद के बाद क्रशर कारोबारी कार्रवाई के डर से पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेेश के जनपद छतरपुर चला गया था।

क्रशर मंडी कबरई में काम मंदा पड़ने से क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने इसी साल जुलाई से हर माह दिए जाने वाला छह लाख रुपये तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को देने से मना कर दिया था, जिससे एसपी नाराज हो गए और फर्जी मुकदमे में इंद्रकांत त्रिपाठी के पूरे परिवार को फंसाने की धमकी दे डाली।

इस धमकी से घबराकर क्रशर कारोबारी दहशत में आ गया और जिला ही नहीं उत्तर प्रदेश छोड़कर मध्यप्रदेश के जनपद छतरपुर के झंकार होटल में रहने लगा था। सात सितंबर को उसने कबरई आकर एसपी के खिलाफ छह लाख रुपये न देने पर फर्जी मुकदमों में फंसाने और हत्या कराने का वीडियो वायरल कर दिया।
वीडियो वायरल के अगले दिन आठ सितंबर को उन्हें गोली लग गई। 13 सितंबर को रिजेंसी कानपुर में उसकी मौत भी हो गई।

तत्कालीन एसपी और क्रशर कारोबारी के बीच विवाद के चलते जहां पूर्व एसपी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ, वहीं इंद्रकांत त्रिपाठी को जान तक गंवानी पड़ी।

एसआईटी ने क्रशर कारोबारी द्वारा स्वयं गोली मारकर आत्महत्या करने की पुष्टि की, लेकिन जान क्यों दी इसकी वजह नहीं बता पाई।

एसआईटी ने आठ दिन की जांच के बाद मामले का खुलासा कर दिया, लेकिन तमाम सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं। लोगों का कहना है कि सात सितंबर तक जब सब कुछ ठीकठाक था तो वीडियो वायरल करने के बाद ऐसा क्या हुुआ कि इंद्रकांत डिप्रेशन का शिकार हो गए और गोली मार ली। यदि गोली मारने के मामले में पूर्व एसपी व एसओ जिम्मेदार हैं तो उन पर अब तक क्या कार्रवाई की गई।

यूपी के महोबा में चर्चित केस इंद्रकांत त्रिपाठी मर्डर केस में एडीजी प्रयागराज ने एसआईटी जांच रिपोर्ट का खुलासा किया। कहा कि गोली पास से लगी थी। यह भी बताया कि व्यापारी का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी और स्थानीय पुलिस ने दुर्भावना में जुआ खेलने का वीडियो वायरल किया।

देररात पुलिस लाइन में मीडिया से रूबरू एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि एसआईटी की जांच और फारेंसिक रिपोर्ट से पता चला कि व्यापारी की मौत उसकी पिस्टल से चली गोली से ही हुई। गोली सामने और पास से चलने की पुष्टि हुई है।

एडीजी ने बताया कि एसआईटी ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अन्य मामलों की जांच सीओ सिटी करेंगे। वह एसआईटी की जांच भी अपनी विवेचना में शामिल करेंगे और फाइनल रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। मामला आत्महत्या की ओर जाता दिख रहा है, हालांकि टीम ने आत्महत्या की पुष्टि जांच के बाद करने की बात कही है।