ज्यादा एक्सपेरिमेंट ने डुबोई टीम इंडिया की नैया, अधूरी तैयारी के साथ वर्ल्ड कप खेलने उतरा भारत

लोगों ने कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाए थे और कईयों का मानना था कि रोहित को कप्तान बनाया जाए, क्योंकि उनके पास टी20 फॉर्मेट में खिताब जीतना का अनुभव है और वह भारत को भी अपने इसी अनुभव की मदद से खिताब जितवाएंगे। टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भारत का अभियान समाप्त होने के तुरंत बाद ही रोहित शर्मा टी20 टीम के नए कप्तान चुन लिए गए थे। क्योंकि कोहली ने वर्ल्ड कप से पहले ही बता दिया था कि वह वर्ल्ड कप के बाद कप्तानी के पद से हट जाएंगे और वर्ल्ड कप के खत्म होने के साथ टीम के कोच रवि शास्त्री का भी कार्यकाल खत्म हो गया था, ऐसे में रोहित को राहुल द्रविड़ का साथ मिला, जिन्हें टीम का नया मुख्य कोच बनाया गया। ऐसे में इन दोनों पर एक साल के अंदर टीम को खिताब जीतने लायक टीम तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी थी।
 
टीम इंडिया की हार
भारतीय गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन, मैच में भी टीम के गेंदबाज कभी भी विपक्षी टीम पर दबाव नहीं डाल सके।

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

खेल, 11 नवंबर:- टीम इंडिया ने अपने फैन्स के दिलो को रौंद डाला, जहाँ फैन्स इंडियन टीम को फाइनल में पाकिस्तान के साथ रोमांचकारी मैच को देखने को आतुर थे वही टीम इंडिया के इस शर्मनाक प्रदर्शन से लोगो की गर्दन शर्म से झुक गई। लोग आपस मे ही एक दूसरे से पूछने लगे क्या यही है वर्ल्ड चैंपियन टीम इंडिया, और अपने प्रिय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को याद करने लगे। फिलहाल बात करे इस टी20 वर्ल्ड कप की तो 2022 में भारत का प्रदर्शन पिछले साल यूएई में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप से बेहतर रहा। इसमें कोई दो राय नहीं है, क्योंकि इस बार टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन इंग्लैंड के हाथों सेमीफाइनल में मिली 10 विकेट से करारी हार ने भारतीय फैंस के दिल और दिमाग में उस दिन की यादें ताजा कर दी, जब टीम को पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से ऐसी ही शर्मनाक हार मिली थी। क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में 10 विकेट से मैच हारना शर्मनाक होता है, लेकिन सबसे छोटे प्रारूप में अगर ऐसी हार आपको लगातार वर्ल्ड कप में दो बार मिले तो टीम की तैयारियों, सिलेक्शन पर बड़े सवाल उठने लाजमी हैं।

कोहली की कप्तानी पर उठे थे सवाल- पिछले साल यूएई में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में जब भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के शुरुआती चरण से ही बाहर हो गई थी, तो लोगों ने कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाए थे और कईयों का मानना था कि रोहित को कप्तान बनाया जाए, क्योंकि उनके पास टी20 फॉर्मेट में खिताब जीतना का अनुभव है और वह भारत को भी अपने इसी अनुभव की मदद से खिताब जितवाएंगे। टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भारत का अभियान समाप्त होने के तुरंत बाद ही रोहित शर्मा टी20 टीम के नए कप्तान चुन लिए गए थे। क्योंकि कोहली ने वर्ल्ड कप से पहले ही बता दिया था कि वह वर्ल्ड कप के बाद कप्तानी के पद से हट जाएंगे और वर्ल्ड कप के खत्म होने के साथ टीम के कोच रवि शास्त्री का भी कार्यकाल खत्म हो गया था, ऐसे में रोहित को राहुल द्रविड़ का साथ मिला, जिन्हें टीम का नया मुख्य कोच बनाया गया। ऐसे में इन दोनों पर एक साल के अंदर टीम को खिताब जीतने लायक टीम तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी थी।

नही काम आया टीम इंडिया का एक्सपेरिमेंट- लेकिन अगर अब हम पिछले एक साल के अंदर भारतीय टीम द्वारा की गई तैयारियों पर नजर डाले तो इसमें कई कमियां नजर आती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले एक साल के दौरान टीम ने जितनी भी टी20 सीरीज खेली हैं, उसमें से कुछ सीरीज में कप्तान सहित कई मुख्य खिलाड़ियों को आराम दिया गया या वो चोट की वजह से बाहर रहे। कई सीरीज में तो ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या को टीम का कप्तान बना दिया गया। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा सीरीज दर सीरीज यही बात कहते हुए नजर आए कि टीम नए प्रयोग कर रही है और वर्ल्ड कप के मैचों में भी टीम को प्रयोग करने का खामियाजा टूर्नामेंट से बाहर होकर चुकाना पड़ा है। वही टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद भारतीय टीम ने पहली सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली थी, जिसमें भारत ने कीवी टीम को 3-0 से रौंद दिया था। इसके बाद भारत ने फरवरी में वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज खेला, जिसमें टीम के कप्तान रोहित ही थे। हालांकि उनके जोड़ीदार केएल राहुल इस सीरीज का हिस्सा नहीं थे और हार्दिक पांड्या भी चोट के कारण बाहर चल रहे थे। इस सीरीज में भी टीम ने 3-0 से जीत हासिल की। इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ टीम ने आईपीएल से पहले टी20 सीरीज खेली, जिसमें सूर्यकुमार और कोहली को आराम दिया गया था। हालांकि कप्तान रोहित टीम के साथ थे। यहां पर भी टीम 3-0 से जीत गई।

कई एक्सपेरिमेंट के बाद भी नही सेट हो पाई टीम इंडिया- आईपीएल खत्म होने के बाद अफ्रीका की टीम पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए भारत के दौरे पर आई थी। वर्ल्ड कप शुरू होने से ठीक 4 महीने पर हुई इस सीरीज के लिए टीम का कप्तान ऋषभ पंत को बनाया गया था और दिनेश कार्तिक को उनके आईपीएल में दमदार प्रदर्शन के दम पर टीम में वापस बुलाया गया था। केएल राहुल, रोहित शर्मा, विराट कोहली, सूर्यकुमार और जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया था। इसके बाद भारत की एक टीम आयरलैंड के लिए रवाना हुई और दूसरी टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी, जिसमें टीम के मुख्य खिलाड़ियों की वापसी हुई थी। आयरलैंड दौरे पर टीम ने दो टी20 मैच खेले और हार्दिक पांड्या के नेतृत्व में टीम ने जीत भी हासिल की। टी20 वर्ल्ड कप 2022 के शुरू होने से तीन महीने पहले भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया, जहां पर टीम ने तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली। इंग्लैंड के खिलाफ भी भारतीय टीम प्रयोग करती हुई नजर आई। जारी वर्ल्ड कप में दो मैच खेलने वाले पंत ऋषभ पंत उस सीरीज में ओपनिंग करते हुए नजर आए थे और एक चीज यहां नोट करने वाली ये है कि चहल इस सीरीज का हिस्सा थे और दो मैच में 4 विकेट चटकाए थे। भारत ने ये सीरीज 2-1 से जीती थी। इसके बाद टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर गई, जहां टीम ने 5 मैचों की टी20 सीरीज खेली। इस सीरीज से कोहली नदारद रहे क्योंकि वह लंबे ब्रेक पर चले गए थे। वहीं केएल राहुल चोट की वजह से बाहर थे।

खल गई बुमराह की कमी- वर्ल्ड कप शुरू होने से दो महीने पहले सूर्यकुमार रोहित के साथ ओपनिंग करते हुए नजर आए। इस बीच अर्शदीप सिंह ने अपनी जगह पक्की कर ली थी और चहल की जगह बिश्नोई को मौका दिया जा रहा था। इसके बाद टीम एशिया कप खेलने गई, जहां केएल राहुल वापसी करने में कामयाब हुए थे। लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। एशिया कप टी20 में भारत सुपर-4 से ही बाहर हो गया था। एशिया कप के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आई थी। एशिया कप के दौरान भारत को दो बड़े झटके लग चुके थे। बुमराह और रविंद्र जडेजा चोटिल हुए थे। हालांकि बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी की। लेकिन टीम प्रयोग करते हुए नजर आई। उमेश यादव को बुमराह की जगह शामिल किया गया। शमी कोविड पॉजिटिव होने की वजह से इस सीरीज का हिस्सा नहीं बन सके थे। बुमराह फिर चोटिल हो गए थे और अब उनकी जगह शमी को टी20 वर्ल्ड कप में शामिल होने की बाते जोर पकड़ चुकी थी और बाद में ऐसा ही हुआ। वर्ल्ड कप से ठीक पहले भारत ने अफ्रीका के साथ टी20 सीरीज खेली और इस सीरीज में युजवेंद्र चहल बाहर रहे। दीपक चाहर और हर्षल पटेल भी गेंदबाजी करते नजर आए। पंत और कार्तिक दोनों को मौके दिए जा रहे थे। 

मैच में भी टीम के गेंदबाज कभी भी विपक्षी टीम पर दबाव नहीं डाल सके- वर्ल्ड कप 2022 शुरू हुआ तो भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह और मोहम्मद शमी भारत के मुख्य तेज गेंदबाज बने, जिन्होंने मुश्किल से इस साल कुछ ही मैच खेले होंगे। अश्विन और अक्षर पटेल को भी मौका दिया गया। चहल को पूरे टूर्नामेंट के दौरान बाहर रखा गया। खराब फॉर्म से जूझ रहे केएल राहुल को कुछ मैचों में खेलने के साथ ही वर्ल्ड कप टीम में रख लिया गया और वो टूर्नामेंट में लय में नहीं दिखे। शमी पिछले वर्ल्ड कप के बाद सीधे इस वर्ल्ड कप में खेलने उतरे थे। कार्तिक और पंत में टीम आखिरी तक डिसाइड ही नहीं कर सकी कि कौन उनका बेस्ट प्लेयर है। इसी तरह के कई प्रयोग टीम ने किए, जोकि अंत में टीम पर ही भारी पड़ गए। ऑस्ट्रेलिया की पिचें जहां पर तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है, भारत के पास शमी के अलावा ऐसा कोई तेज गेंदबाज था ही नहीं और आखिरी में भारत को इसकी कमी खली। क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका और फिर इंग्लैंड के खिलाफ मैच में भी टीम के गेंदबाज कभी भी विपक्षी टीम पर दबाव नहीं डाल सके।