नूर मोहम्मद बना गुरप्रीत- अब पीड़िता को तलाक देकर कर रहा दूसरी शादी की तैयारी

हाथ में बने ओम टैटू को भी रात में सोते वक्त तेजाब लगाकर जला दिया गया। पीड़िता का कहना है कि नूर की मां कहती थी कि तेरे हाथ में ओम लिखा है, इसलिए तेरे हाथ से पानी पीना भी हराम है। पीड़िता ने बताया कि उसने विरोध भी किया, लेकिन ओम लिखा हिस्सा पूरी तरह से तेजाब से जला दिया गया।
 
लव जेहाद

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली, 17 नवंबर:- दिल्ली के महरौली इलाके में हुए श्रद्धा हत्याकांड में उसके प्रेमी आफताब की करतूत जानने के बाद हर किसी के रौंगटे खड़े हो गए, इसे लव जिहाद का मामला बताकर हिंदू संगठन विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं। साथ ही लव जिहाद को लेकर कठोर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, वहीं लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग उठने के बीच दिल्ली के ही पटेल नगर इलाके में लव जिहाद का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, एक हिंदू लड़की से एक लड़का सिख के तौर पर मिलता है और अपना नाम गुरप्रीत बताता है। पीड़िता के मुताबिक, उसकी गुरप्रीत से पहली मुलाकात 18 अगस्त 2016 में रॉक गार्डन में हुई थी, 11 महीने तक दोनों ने बात की इसके बाद उनसे अपने परिवार वालों से सामने गुरप्रीत से शादी करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन परिवार वाले राजी नहीं हुए। इस पर परिवार से लड़-झगड़ कर दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में उसने गुरप्रीत से शादी कर ली। पीड़िता ने बताया कि शादी के वक्त वह नाबालिग थी, बतौर सिख उसका भरोसा जीतने के लिए गुरप्रीत ने पिंकी के हाथ में अपने नाम गुरप्रीत का टैटू भी बनवाया जिसे बाद में मोर पंख के रूप में बदल दिया गया। साथ ही गुरप्रीत ने अपने एक सिख दोस्त को अपना बड़ा भाई बताकर, सिख दोस्त के परिवार को अपना परिवार बताया, ताकि किसी को शक न हो। शादी के बाद गुरप्रीत उसे मंदिर और गुरुद्वारा भी ले जाता था, ताकि उसका भरोसा जीत सके।

पीड़िता ने बताया कि शादी के दो महीने बाद पता चला कि गुरप्रीत सिख नहीं मुसलमान है, उसका असली नाम नूर मोहमद है। यह जानते ही उसके हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने जब पी़ड़िता से पूछा कि तुम्हें यह कैसे पता चला कि वह मुसलमान है तो पीड़िता ने बताया कि एक दिन गुरप्रीत ने अपने घर में खुद को फांसी लगाते हुए एक वीडियो बनाकर भेजा था, जिसमें वह कह रहा था कि उसे अपने किए पर पछतावा है। उसका असली नाम गुरप्रीत नहीं नूर मोहम्मद है, पीड़िता ने बताया कि गुरप्रीत की असलियत सामने आने के बाद वो अपने घर वापस आ गई, लेकिन तब तक वो प्रेग्नेंट हो चुकी थी। नूर मोहमद उर्फ गुरप्रीत उसे भरोसा दिला रहा था कि वो सिख की तरह ही उसके साथ रहेगा। नूर की बातों में आकर उसने प्रेम नगर इलाके में एक किराए का मकान ले लिया और दोनों साथ रहने लगे। पीड़िता ने बताया कि एक दिन नूर की मां का फोन आया, नूर की मां ने कहा कि तुम लोग कोर्ट मैरिज कर लो, ताकि शादी लीगल हो सके।

पीड़िता के मुताबिक, वो पढ़ी-लिखी नहीं है, जिस कागज पर उसने साइन किया, उसमें उसका नाम आलिया लिखा हुआ था, लेकिन पीड़िता ने साइन अपने असली नाम पर किए, तब जाकर उसे पता चला कि उसका धर्म परिवर्तन करवाया गया। साथ ही उसका नाम बदल कर आलिया कर दिया गया। पीड़िता के मुताबिक, उसे कमरे में बंद रखा जाता था, किसी से बात नहीं करने दिया जाता था। यहां तक कि हाथ में बने ओम टैटू को भी रात में सोते वक्त तेजाब लगाकर जला दिया गया। पीड़िता का कहना है कि नूर की मां कहती थी कि तेरे हाथ में ओम लिखा है, इसलिए तेरे हाथ से पानी पीना भी हराम है। पीड़िता ने बताया कि उसने विरोध भी किया, लेकिन ओम लिखा हिस्सा पूरी तरह से तेजाब से जला दिया गया।

पीड़िता के मुताबिक, नूर मोहमद अब उसके साथ नहीं रहना चाहता। तलाक देकर दूसरी शादी करना चाहता है, उसके दो बेटे हैं, बड़ा बेटा मोहमद अर्श (3) उसके पास है और छोटा बेटा मोहमद अजीम अभी भी नूर मोहमद के पास है। पीड़ित इंसाफ की मांग कर रही है, ताकि किसी और लड़की के साथ ऐसा न हो, वहीं इस मामले अभी तक पुलिस से कोई शिकायत नहीं दी गई है। पीड़ित परिवार पुलिस से शिकायत करने की बात कर रहा है। वहीं पीड़िता के पिता गोपाल सिंह का कहना है कि वो हमेशा से इस शादी के विरोध में थे। झंडेवालान मंदिर में शादी के बाद गुरप्रीत बेटी के साथ उनके घर पर करीब दो महीने तक रहा, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी कि गुरप्रीत सिख नहीं मुसलमान है, पिता इंसाफ की मांग कर रहे हैं और बेटी और उसके दो बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।