ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सात सपा नेता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

याचिका में ओबीसी रिजर्वेशन के ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के साथ निकाय चुनाव कराने की मांग की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है। प्रदेश सरकार की अर्जी पर भी 4 जनवरी को ही सुनवाई होगी। समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने कहा कि उन्हें बीजेपी पर भरोसा नहीं है।
 
निकाय चुनाव

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली, 03 जनवरी:- उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले पर समाजवादी पार्टी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सपा नेताओं ने सोमवार को इस मुद्दे पर कोर्ट में अपनी अर्जी दी है। याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 जनवरी की तारीख दी है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधायक राम सिंह पटेल समेत 7 नेताओं की ओर से ये याचिका दी गई है। याचिका में ओबीसी रिजर्वेशन के ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के साथ निकाय चुनाव कराने की मांग की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है। प्रदेश सरकार की अर्जी पर भी 4 जनवरी को ही सुनवाई होगी। समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने कहा कि उन्हें बीजेपी पर भरोसा नहीं है। ऐसे में हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं। हमने सुप्रीम कोर्ट से पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के आरक्षण को बचाने और पूरे आरक्षण के साथ चुनाव कराने की अपील की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को घेर रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा की सरकारें आरक्षण खत्म करना चाहती हैं।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने भी किया सुप्रीम कोर्ट का रुख- 28 दिसंबर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग के आरक्षित सीट को सामान्य माना जाए और समय पर चुनाव कराया जाए। इसके बाद योगी सरकार इस फैसले पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट गई है। साथ ही मुख्य विपक्षी दल सपा ने भी SC में अर्जी दी है।